yandex
newsip
background-0
advertisement-0
background-1
advertisement-1
background-2
advertisement-2
background-3
advertisement-3
background-4
advertisement-4
background-5
advertisement-5
background-6
advertisement-6
background-7
advertisement-7
background-8
advertisement-8
background-9
advertisement-9
Indian Administration

महिला के सम्मान पर दोहरे मापदंड क्यों – आदेश त्यागी

महिला के सम्मान पर दोहरे मापदंड क्यों – आदेश त्यागी

उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी नोएडा की एक पॉश सोसाइटी में दो पड़ोसियों के छोटे से आपसी विवाद की एक घटना को ना जाने क्यों हद से ज्यादा तूल दिया गया। श्रीकांत त्यागी के द्वारा अपने घर के आगे खाली पड़ी सोसाइटी की जगह में पेड़ लगाने के एक छोटे से गाली गलौज के मसले ने चंद मिनटों में ही एक बहुत बड़े विवाद का रूप ले लिया। इस पूरे मसले में जिस तरह से हमारे देश की आज बहुत ताकतवर हो चुकी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने व चंद राजनेताओं की गैर जिम्मेदाराना ढंग से दायित्व का निर्वहन किया है, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि देश में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व चंद राजनेताओं का कार्य केवल आग लगाकर अपनी टीआरपी की भूख को मिटाना रह गया है। हालांकि यह मसला ऐसा था कि सोसाइटी के कुछ जिम्मेदार लोगों आपस में बैठकर मिलजुल इस मुद्दे का चंद मिनटों में ही बहुत ही आसानी से निस्तारण कर सकते थे, लेकिन अगर किसी कारण से यह मसला वहां नहीं सुलझता तो संबंधित चौकी इंचार्ज मसले का बहुत ही आसानी से समाधान करवा देता‌‌।

लेकिन ना जाने क्यों किस दवाब या षड्यंत्र में श्रीकांत त्यागी के इस प्रकरण में सोसाइटी व चौकी स्तर पर प्रयास ना होकर के एक दम से पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद के स्तर पर श्रीकांत त्यागी को ऐसे प्रस्तुत किया गया जैसे कि वह देश का सबसे बड़ा एक घोषित आतंकवादी हो। सांसद महोदय की नादानी से व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की कृपा से चंद मिनटों में जिस श्रीकांत त्यागी को त्यागी बिरादरी भी अच्छे से नहीं जानती थी, आज उन्होंने उसको पूरे देश में जनाने के कार्य को बखूबी से अंजाम देने का कार्य आखिरकार क्यों किया है यह अधिकांश लोगों की समझ से परे है। आलम यह है कि शायद श्रीकांत त्यागी दुनिया का पहला एक ऐसा आरोपी होगा जिस पर एक महिला से गाली गलौज के छोटे से विवाद में 25 हजार रुपए की बड़ी धनराशि का इनाम एकदम से बोल दिया जाता है, वहीं श्रीकांत त्यागी को गिरफ्तार करने वाली टीम को उत्तर प्रदेश सरकार के बड़े शीर्ष अधिकारियों के द्वारा पुरस्कृत करने की घोषणा की जाती है, वह भी किसी के गले नहीं उतरती है।

हालांकि प्रशासन व सत्ता पक्ष के नेता श्रीकांत त्यागी के खिलाफ हुई इस पूरी कार्रवाई को एक महिला के सम्मान के लिए जायज़ ठहरा रहे हैं। लेकिन यह लोग यह भूल जाते हैं कि आपने श्रीकांत त्यागी की पत्नी व उसकी मामी के साथ क्या गैर जिम्मेदाराना व्यवहार किया था, क्या वह एक महिला नहीं हैं। इस पूरे घटनाक्रम पर मेरी यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार है कि वह श्रीकांत त्यागी के इस प्रकरण में महिला के सम्मान पर जिस तरह से दोहरे मापदंड अपनाएं गये हैं, उसके लिए जिम्मेदार लोगों पर श्रीकांत त्यागी की तरह ही सख्त कार्रवाई करवाने का कष्ट करें। क्योंकि एक देश एक कानून में महिला के सम्मान पर इस तरह के दोहरे मापदंड आखिरकार क्यों है। त्यागी समाज व नियम कायदे कानून पसंद लोग सरकार से इस महिलाओं के सम्मान के दोहरे मापदंड के मसले पर जवाब व तत्काल कारवाई चाहते हैं। वहीं मेरा मीडिया व उन सभी चंद बयानवीरों से अनुरोध है कि एक व्यक्ति पर आरोप के चलते अगर वह पूरे देशभक्त त्यागी समाज की छवि को बट्टा लगाने का दुस्साहस करेंगे तो हम उन चंद लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।

Share This Article:

This post is sponsored by Indian CPSEs and co sponsored by Google, a partner of NewsIP Associates.  




महिला के सम्मान पर दोहरे मापदंड क्यों – आदेश त्यागी