नई दिल्ली: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की एक और बड़ी चूक को उजागर करते हुए 4 अप्रैल, 2025 को ₹29.60 लाख का भारी जुर्माना ठोका है। यह दंड उस समय लगाया गया जब यह पाया गया कि बैंक ने निष्क्रिय खातों पर भी न्यूनतम शेष राशि नहीं रखने पर दंडात्मक शुल्क वसूल किए – वह भी स्पष्ट RBI निर्देशों के खिलाफ जाकर।
बैंकिंग सेक्टर के जानकारों का मानना है कि इस तरह की लापरवाहियों से न सिर्फ ग्राहक सेवा पर सवाल उठते हैं, बल्कि पूरे संस्थान की विश्वसनीयता को भी गहरा धक्का लगता है।
यह कार्रवाई RBI द्वारा वर्ष 2023 के निरीक्षण (ISE 2023) के दौरान की गई जांच के आधार पर की गई। निरीक्षण के समय बैंक की वित्तीय स्थिति 31 मार्च, 2023 तक की ली गई थी, और नियामकीय निर्देशों की सीधी अनदेखी सामने आई।
इसके बावजूद, बैंक द्वारा कारण बताओ नोटिस के जवाब में दी गई सफाई और मौखिक प्रस्तुतियाँ नियामक को संतुष्ट नहीं कर सकीं। अंततः RBI ने यह निष्कर्ष निकाला कि बैंक की ओर से दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया गया है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह जुर्माना केवल नियामक नियमों के उल्लंघन पर आधारित है और यह किसी ग्राहक के साथ बैंक के लेन-देन या समझौते की वैधता पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा। साथ ही, यह दंड भविष्य में संभावित अन्य कार्रवाई से अलग है।
PNB जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी बैंकिंग संस्था से इस तरह की चूकें न केवल हैरान करती हैं, बल्कि यह सवाल भी उठाती हैं कि क्या ग्राहक हितों की रक्षा अब भी प्राथमिकता में है?













































