गाज़ियाबाद, 1 अप्रैल 2025 | रिपोर्टर: मनीष कुमार त्यागी : राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन की बहाली की मांग लगातार तेज़ की जा रही है। इसी क्रम में, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के कर्मचारियों की ओर से भी इस मांग को गंभीरता से उठाया गया है।
दिनांक 01 अप्रैल 2025 को, ‘ऑल टीचर्स एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) – एनएमओपीएस’ के राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत, प्रदेश भर में पुरानी पेंशन की बहाली हेतु दूसरा चरण का सांकेतिक आंदोलन किया गया। जीडीए कर्मचारियों द्वारा भी कार्यस्थल पर काली पट्टी बांधकर NPS और UPS के विरोध में प्रदर्शन किया गया।
इस आंदोलन के तहत, जीडीए उपाध्यक्ष को एक ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें यह मांग की गई है कि— • NPS और UPS को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए, • सांसदों/विधायकों की भांति प्राधिकरण के कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए, • जिन कर्मचारियों को वर्ष 2011 में नियमित किया गया था, उनकी वरिष्ठता की गणना उनकी दैनिक वेतन/वर्कचार्ज तिथि से की जाए, • और वरिष्ठता सूची तैयार करने के लिए स्पष्ट आदेश दिए जाएं।
यह ज्ञापन मुख्यमंत्री कार्यालय तक अग्रसारित करने का आग्रह भी जीडीए प्रशासन से किया गया है।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह मांग सिर्फ एक संगठन तक सीमित नहीं है। प्रदेश के कई सांसदों—जैसे कि रामप्रसाद चौधरी (बस्ती), नीरज मौर्य (बरेली), हेमा मालिनी (मथुरा), आर.के. चौधरी (लखनऊ), और अन्य—द्वारा पुरानी पेंशन बहाली की संस्तुति पहले ही की जा चुकी है। संबंधित सांसदों के पत्रों की प्रतियाँ भी ज्ञापन के साथ संलग्न की गई हैं।
प्रशासन को चेताया गया है कि यदि इस गंभीर मांग को समय रहते नहीं सुना गया, तो आंदोलन को और अधिक व्यापक एवं तीव्र रूप दिया जा सकता है। पूर्व कर्मचारियों को भी भविष्य की किसी भी संभावित कार्यवाही के लिए सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
















































