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Indian Administration

शहरी इलाकों के लोग 50 प्रतिशत भूजल का उपयोग करते हैं-अमेया साठे(C.E.O.sarkaritel.com)

शहरी इलाकों के लोग 50 प्रतिशत भूजल का उपयोग करते हैं-अमेया साठे(C.E.O.sarkaritel.com)

नई दिल्ली, पानी किसी मशीन से लैब में नहीं बन सकता लेकिन जो लोग पानी बना रहे हैं उनके प्रयासों को अखिल भारतीय मंच के माध्यम से संरक्षण सशक्त संदेश जरूर दिया जा सकता है। सच है कि जलवायु परिवर्तन, मौसम में बदलाव, आबादी के बढते दबाव के चलते भारत के कई राज्यों में पानी की किल्लत बढ रही है। आज ग्रामीण इलाकों में पीने के लिए भूजल पर निर्भर हैं और 75 प्रतिशत भूजल का कृ्षि सिंचाई के लिए उपयोग हो रहा है।जल प्रहरी आयोजन समिति प्रमुख एवं सरकारी टेल डॉट कॉम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमेया साठे ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अध्ययन बताते हैं कि शहरी इलाकों के लोग 50 प्रतिशत भूजल का उपयोग करते हैं। पानी संसाधन है, स्रोत नहीं लेकिन इस धारणा के विपरीत अत्याधिक दोहन से भूजल दिन प्रति दिन गिर रहा है। भूजल दोहन के चलते ही शहरी इलाकों व ग्रामीण इलाकों में जल संकट गहरा रहा है। चेन्नई का जल संकट दुनिया भर में चर्चा का विषय बना। वैज्ञानिकों ने दिल्ली में भूजल किल्लत की चेतावनी दी है। वर्ष 2020 से दिल्ली में भूजल संकट के पूर्वानुमान वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों ने व्यक्त किए हैं। पानी को किसी लैब, मशीन से नहीं बनाया जा सकता, इसलिए पेयजल संकट अथवा भूजल के गिरते स्तर को रोकने के लिए जलसंरक्षण, जलसंवर्धन प्रमुख उपाय हैं।

देश भर के सैंकडों शहरों में हजारों लोग इस देश के उन 33 प्रतिशत लोगों के लिए जलसंरक्षण कार्य कर रहे हैं जिन्हें पीने के लिए पानी उपलब्ध नहीं है। यह जानकारी देते हुए जल संरक्षक एवं जल प्रहरी आयोजन समिति संयोजक अनिल सिंह ने बताया कि यह जल संरक्षक एक सजग जलप्रहरी की भांति हमारे लिए, हमारे जानवरों, खेती और उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी को बचा रहे हैं।श्री अनिल सिंह ने बताया कि सरकारी टेल ऐसे ही जलप्रहरियों को राष्टीय मंच के माध्यम से जलसंरक्षण की दिशा में उनके योगदान को सशक्त हस्ताक्षर देने के लिए 18 दिसम्बर, 2019 को जलप्रहरी सम्मान समारोह का आयोजन कर रहा है। दिल्ली के संसद भवन के समीप स्थित, कांस्टीच्यूशन क्लब में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के लिए पूरे देश भर से सभी जल संरक्षकों, जल संरक्षण करने वाली संस्थाओं, व्यक्तियों, सरकारी अधिकारियों और संगठनों से आग्रह है कि सरकारी टेल डॉट कॉम पर विवरण देखकर अपने नामांकन भेजें। नामांकन की आखिरी तारीख 30 नवम्बर, 2019 है। नामांकन पर जस्टिस एसएस चौहान की अध्यक्षता में गठित ज्यूरी अंतिम फैसला लेगी।

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