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क्या बागजान को दोहराना चाहता है OIL ! २०२० के हादसे में गई थी कई जाने

क्या बागजान को दोहराना चाहता है OIL ! २०२० के हादसे में गई थी कई जाने

क्या बागजान को दोहराना चाहता है OIL ! २०२० के हादसे में गई थी कई जाने

भारत की दूसरी सबसे बड़ी सार्वजनिक क्षेत्र में तेल की खोज करने वाली कंपनी जिसका वार्षिक लेखा झोखा रुपये 40,000 करोड़ है, अपने घटते उत्पादन, घटती दक्षता और व्यय में वृद्धि को दर्शाते हुए 4 अगस्त, 2023 को भारत के महारत्नों वाले प्रतिष्ठित बेड़े में शामिल हो गई, पाठक समझ गये होंगे हम ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) की बात कर रहे हैं, इस मुबारक शुभ घड़ी के लिये OIL की पूरी टीम बधाई।

जब कभी भी इस तरह के मौक़े आते हैं तो एक ख़ुशी का माहौल होता है, शायद OIL परिवार भी ऐसा ही महसूस कर रहा होगा, ये कंपनी के लिये एक जश्न और नाच गाने जैसा माहौल तो हो सकता है पर क्या ये उचित सा प्रतीत होता है! संयोग से यह 13वीं राज्य-संचालित कंपनी है जिसने यह तमग़ा हासिल किया है, क्या आपने कभी सुना है कि किसी भी ख़ुशी के माहौल में बिना गाने के नृत्य हो रहा हो ! तो क्या OIL के लिये यह नृत्य करने का समय है ! खासकर ऐसे समय में जब OIL के पास गाने के लिए कुछ भी न हो, क्यूँकि बिना गायन के नृत्य एक अज़ीब सी दास्ताँ होगी ।

अक्सर देखा गया है कि इस तरह के उत्सव का झोंका अक्सर अप्रिय सच्चाइयों के बादलों को दूर करने में आपकी मदद तो करता है पर सच्चाई बहुत कड़वी होती है, ये ठीक उसी तरह होता है कि जैसे बहुत तेज गर्मी में मरीचिका जैसा महसूस होना, जिस दिन OIL को देश की महारत्न कम्पनियों के बेड़े में शामिल करने का ऐलान किया गया ठीक उससे तीन दिन पहले, 1 अगस्त को असम के दुलियाजान के निवासियों को “भयानक पाइपलाइन रिसाव” के बाद भारी भूकम्प जैसा झटका लगा था , जिसके कुछ ही देर बाद एक तीव्र ध्वनि वाला विस्फोट हुआ जिससे पैनिक बटन शुरू हो गया।

(NewsIP) ने इस घटना को अपने एक न्यूज़ फ्लैश के जरिए रिपोर्ट किया था, हमारे रिपोर्टर ने खबर दी थी कि ये बिस्फोट OIL के ऑफिस के बहुत क़रीब था बिस्फोट इतना भयानक था कि ऑफिस के सभी लोग बाहर निकल आये और भौंचक्के रह गये, NewsIP की इस न्यूज़्फ़्लैश पर अपनी प्रतिकिर्या में (OIL) ने ये दावा किया कि “कम दबाव वाली घरेलू गैस आपूर्ति लाइन से मामूली गैस रिसाव था” और “कोई विस्फोट नहीं हुआ।” जबकि स्थानीय लोगों का दावा था कि एक भयानक और बड़ा विस्फोट था, जिसकी दहशत ने वहाँ के रहने वाले नागरिकों में एक अफ़रा तफ़री का माहौल पैदा कर दिया था । जिसकी स्थानीय मीडिया में भी व्यापक रूप से रिपोर्टिंग भी की गई थी, जबकि OIL द्वारा NewsIP को भेजे गये मेल में कंपनी ने दावा किया है कि उसने “त्वरित प्रतिक्रिया दी, वाल्व बंद कर रिसाव को रोक दिया”।

ये OIL जैसी महारतना कंपनी की कोई अकेली घटना नहीं है, बार-बार पाइपलाइन का लीकेज होना , रुक-रुक कर होने वाले विस्फोट, आग लगने की घटनाएं, जान-माल का नुकसान असम के ऊपरी हिस्से में खेतों और प्रतिष्ठानों के आसपास रहने वाले इलाक़ों में नागरिकों में लगातार दहशत का माहौल पैदा कर लोगों के जीवन को नर्क बनाने में OIL की भूमिका पर अक्सर सवालिया निशान लगते रहे हैं ।

दूसरी घटना इसी साल 8 मार्च को, तिनसुकिया जिले के बागजान इलाके में एक OIL कुएं से एक और ‘अनियंत्रित’ गैस कंडेनसेट डिस्चार्ज हो जाने की वजह से हुई थी , ये घटना भी इतनी दर्दनाक थी कि वहाँ के रहने वाले नागरिक बुरी तरह घबरा गये, अपनी जान बचाने के लिये इधर से उधर भागने लगे , बागजान में इस घटना की पुनवृति ने वहाँ के नागरिकों के ज़हन में इस से पहले बागजान में हुए दर्दनाक हादसे की यादों को ताज़ा कर दिया था।

एक सेवानिवृत्त OIL अधिकारी के अनुसार : बागजान की वो दर्दनानक घटना अभी भी लोगों की यादों में ताजा है, 27 मई 2020 में 90 दिनों तक अनियंत्रित रूप से OIL के कुएं नंबर 5 में अब तक की सबसे भीषण विस्फोट की घटना ने तीन लोगों की जान ले ली थी, कंपनी को कुँए की आग बुझाने के लिये मदद और समर्थन के लिए घर-घर जाकर भीख मांगनी पड़ी थी लेकिन जैसे ही स्थिति सामान्य हुई असंवेदनशील प्रबंधन ने अपनी आखें तरेर लीं! जिस तरह से प्रबंधन ने पलटी मारी उसको बयान करने के लिये मेरे पास अल्फ़ाज़ नहीं हैं। इससे ज्यादा गैरजिम्मेदारी और क्या हो सकती है कि कुएँ में आग लगने पर जो कंपनी लोगों से मदद की भीख माँग रही थी, वही कंपनी मदद करने वालों से पल्ला झाड़ कर अनजान बन जाती है यह एक घृणित कार्य जैसा प्रतीत होता है,” 9 मार्च को स्थानीय लोगों और कई संगठनों ने इतनी बड़ी सुरक्षा चूक के प्रति उदासीन और लापरवाह रवैये के लिए OIL के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की खबर भी प्रकाश में आई हैं, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) और ऑल असम ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन (AATASU) जैसे प्रमुख संगठनों ने भी कथित तौर पर OIL प्रबंधन के साथ बार-बार सुरक्षा का मुद्दा उठाया है। एक स्थानीय छात्र कार्यकर्ता ने आरोप लगाया, ” ऐसा लगता है कि OIL का प्रबंधन इन सुरक्षा खामियों को दूर करने के लिए अपना ध्यान केंद्रित करने और उस प्रतिबद्ध होने जैसा दूर-दूर तक नज़र नहीं आता है , यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रबंधन झूठ का सहारा ले रहा है।”

प्रबंधन नियमित रूप से सुरक्षा के मुद्दों को दबा कर रखने की कोशिश करता है, यह आधिकारिक संचार से स्पष्ट है, जिनमें बहुत ही अजीब समानता है। बागजान में मार्च की घटना में, आधिकारिक संस्करण यह था कि एक तकनीकी समस्या के कारण बीजीआई कुएं की सतह के स्तर पर एक सक्शन पाइप में गैस रिसाव हुआ।

“जब कुएं को उत्पादन के लिए स्थापित किया जा रहा था तो एक तकनीकी खराबी का पता चला, जिसके परिणामस्वरूप गैस का रिसाव हुआ। कुएं को सील करने के बाद, तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा रिसाव को तुरंत रोक दिया गया”, एक कॉर्पोरेट संचार अधिकारी के हवाले से कहा गया था। अगस्त की घटना पर फ़्लैश समाचार जारी होते ही अधिकारी ने NewsIP को एक मेल भेजा था जिस के कहा गया था कि उपोक्त विषय में किसी भी न्यूज़ के आँकलन से पहले कंपनी से भी पूछ लिया जाये । उनके मेल से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि यह कॉपी-पेस्ट संचार जैसा था , हर बार लीक होता है और सवाल पूछे जाते हैं, लेकिन कई अनुस्मारक के बावजूद, न्यूआईपी के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया गया। ये हाल तो तब है जब उच्च प्रबंधन newsIP के सवालों के जवाब दे में बिफल साबित हो रहे हैं।

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This post is sponsored by Indian CPSEs and co sponsored by Google, a partner of NewsIP Associates.