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Indian Administration

विनोद नायर फ्री में गाड़ी खड़ी करवाते थे, जब मना किया तो जनता को कर रहे हैं गुमराह-पार्किंग प्रबंधन

विनोद नायर  फ्री में गाड़ी खड़ी करवाते थे, जब मना किया तो जनता को कर रहे हैं  गुमराह-पार्किंग प्रबंधन
पूर्वी दिल्ली : दिलशाद कॉलोनी ABDE ब्लॉक में कालोनी के अंदर बनी पार्किंग के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है, पार्किंग प्रबंधन ने NewsIP से वार्तालाप में कहा है कि कॉलोनी की जनता को गुमराह किया जा रहा है, विनोद नायर लगभग पंद्रह गाड़ियों को फ्री में पार्किंग में खड़ा करवाते थे, साथ ही कुछ और बड़े सज्जनों सफ़ेद पॉश की गाड़ियाँ फ्री में खड़ी की जा रही थीं जिसकी वजह से हमे काफ़ी नुक़सान हो रहा था इस बात का पता हमे तब चला जब हमने पार्किंग में अपने स्टाफ़ को बदला, हमे बताया गया कि विनोद नायर की तरफ़ से तक़रीबन २५ से ३० गाड़ियाँ फ्री में खड़ी होती हैं जिनको हमने फ्री में खड़ी करने से मना कर दिया। जैसे ही हमने गाड़ियाँ फ्री में खड़ी करने से मना किया तभी एक प्रायोजित कार्यक्रम के अनुसार पार्किंग में एक हादसे को अंजाम दिया गया और हमारे ऊपर दवाब बनाने के लिए कॉलोनी में दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया यहाँ तक कि वर्दी वालों के नाम पर कॉलोनी के गेट पर गाड़ियों को रुकवाया जा रहा था जब एक बड़े अफ़सर ने ऐसा ना करने की हिदायत दी, तब पूरी कालोनी में लोगों को बहकाया जा रहा है कि पार्किंग वाले कुछ लोगों से कम पैसा ले रहे हैं और कुछ से ज़्यादा जबकि ये बात सच नहीं है, हो सकता है कि पहले वाला स्टाफ ऐसा करता हो, पर अब ऐसा नहीं है हमारे लिए सभी बराबर हैं। उपरोक्त विषय में NewsIP ने विनोद नायर से पूछा कि आप पर पार्किंग में फ्री में गाड़ी खड़ी करने का इल्ज़ाम है आप इस पर क्या कहना चाहेंगे? आपने फ़रमाया ये इल्ज़ाम बे बुनियाद है हम इल्ज़ाम लगाने वाले के ख़िलाफ़ कोर्ट में मान हानि का केस दायर करेंगे। विनोद नायर की जानिब से पार्किंग के मैनेजमेंट को ले कर एक मेल भी भेजा गया है जिस में कहा गया है कि पार्किंग का पहले का स्टाफ़ अच्छा था पर अब जो स्टाफ़ पार्किंग में रखा गया है वो काफ़ी नहीं है, इस मेल रूपी पत्र पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं जानकार ये बताते हैं कि पार्किंग में किस को स्टाफ़ रखना है या कितना रखना है ये पार्किंग लेने वाले के ऊपर निर्भर करता है ना की विनोद नायर पर, इस मेल की भाषा से ऐसा महसूस होता है कि पुराने पार्किंग स्टाफ़ से मेल भेजने वाले की कोई ना कोई साँठ गाँठ ज़रूर रही होगी । इस मेल को भी हम हम अपने पाठकों के साथ साझा कर रहे हैं। हमने अपने पाठकों के सामने दोनों पक्षों की बात रख दी है अब ये फ़ैसला पाठकों को करना है कि कौन सही है और कौन ग़लत?

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This post is sponsored by Indian CPSEs and co sponsored by Google, a partner of NewsIP Associates.