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Indian Administration

दिलशाद कॉलोनी RWA का नागरिकों के साथ दोहरा रवैया*

दिलशाद कॉलोनी RWA का नागरिकों के साथ दोहरा रवैया*
पूर्वी दिल्ली :दिलशाद कॉलोनी ABDE ब्लॉक द्वारा नागरिकों के साथ दोहरा मापदंड अपनाने का एक मामला प्रकाश में आया है । पाठकों ज़रा याद करें वो गीत जो RWA की नई टीम में चुनाव के वक़्त बजाया जा रहा था , याद आया . में याद दिला देता हूँ । *जनता के हाथ में ही अख़्तियार रहेगा* अगर हम व्यक्तित्व की बात करें तो व्यक्तिगत तौर पर RWA की पूरी टीम बहुत अच्छी है , राजनीतिक तौर पर बात करें तो आप, कांग्रेस,बीजेपी व अन्य विचार धारा वाले इस बार RWA में चुन कर आये हैं , और जो किन्ही कारणवर्ष नहीं चुने जा सके उनको मनोनीत वाले गेट से वाइल्डकार्ड एंट्री दे गई है , कोई बुराई नहीं है हर बार यही पैटर्न अपनाया जाता है । पर अगर नई टीम की कार्यशैली को देखें तो कुछ बहुत अच्छा और कुछ बहुत ख़राब कार्य किया जा रहा है । अब हम मुद्दे पर आते हैं , खबर ये है कि RWA में एक अधिकारी ने RWA कार्यालय में पिछले दिनों हंगामा खड़ा कर दिया , हंगामा भी सिर्फ़ इस बात पर कि उसका दोगला पन जग ज़ाहिर हो गया , सभी RWA के अधिकारियों के सामने उस पद अधिकारी की पोल पट्टी खुल गई । अब साहब चिल्लाने लगे , खबर है कि जब किसी पर ना चली तो फिर गार्ड को धमकाया जाने लगा । पूरा मामला ये था कि इन साहब ने गेट नंबर ६ की एक डुप्लीकेट चाबी अपने एक करीबी को दे रखी थी , कालोनी वालों के लिए तो नियम हैं गेट टाइम से खुलेगा टाइम से बंद होगा , पर साहब के करीबी तो गेट नंबर ६ के मालिक बन बैठे थे , अति सुबह , देर रात्रि जब मर्ज़ी आते और जब मर्ज़ी जाते , उन्हें कौन रोक सकता था अपनी चाबी से गेट खोलते और अपना आना जाना करते , नतीजा कालोनी में चोरियाँ बड़ने लगीं , RWA के वो सभी सदस्य परेशान जो इस रहस्य से नावाक़िफ़ थे या वाक़िफ़ होते हुए भी अपनी आँखें मूँद कर बैठे थे । जब चोरियाँ ज्यादा बड़ने लगीं तब सिक्योरिटी का चार्ज श्री सोनी जी को दिया गया । अभी भी सोनी जी के पास ही है । सोनी जी को ऐसा लगा होगा कि आख़िर बात क्या है ज़्यादातर चोरी छोटे गेट के सामने या आस पास ही क्यों हो रही हैं । गेट नंबर ६ का ताला बदल दिया गया , अब वही पुराने वाले साहब जी के ख़ास चाबी घुमाये जा रहे हैं पर ताला खुल ही नहीं रहा है , उन्होंने अपने RWA में अपने कोतवाल जी को बोला कोतवाल जी इस चाबी से ताला नहीं खुल रहा है , ताला बदलवा दिया क्या ? बस फिर क्या था RWA के कोतवाल साहब ने कर दिया RWA ऑफिस में हंगामा । अब पाठक और हमारे निवासी ये तय करें कि क्या ऐसा व्यक्ति जो दो तरह की नीति अपनाता हो अपने ख़ास के लिए अलग और नागरिकों के लिए अलग वो RWA में बने रहने के काबिल है ?

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