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Indian Administration

जे पी प्रोजेक्ट में सुरक्षा ने दी NBCC को पटकनी ज़ोर का झटका धीरे से लगाया

जे पी प्रोजेक्ट में सुरक्षा ने दी NBCC को पटकनी ज़ोर का झटका धीरे से लगाया

नई दिल्ली : दिल्ली से आगरा तक बेतहाशा सम्पत्ति एकत्रित करने वाली जे पी होम बायेर्स के दिवालियापन घोषित होने से पहले उन बीस हज़ार फ़्लैट ख़रीदने वालों का सपना पूरा नहीं कर पाई जिन्होंने अपनी गाड़ी कमाई का पैसा जे पी में लगाया था, मामला NCLT में और फिर सुप्रीम कोर्ट में गया कोर्ट ने ये पाया कि जे पी का तक़रीबन साड़े सात सो करोड़ रुपए पड़ा है जिससे घर ख़रीदने वालों को कुछ राहत दी जा सकती है, कोर्ट ने इंटरिम रेज़लूशन प्रफ़ेशनल के रूप में अनुज जैन को नियुक्त किया बिड प्रॉसेस को हरी झंडी दी गई बिड में कई कम्पनियाँ इस प्रोजेक्ट को लेने के लिए सामने आई पर केवल दो ही कंपनियो को इस काबिल समझा गया की वो इस कार्य को पूरा कर सकती हैं जिसमें एक थी NBCC औत दूसरी थी सुरक्षा जिनको NCLT द्वारा जे पी के बायरस को वोटिंग के ज़रिए चुन्ने का अधिकार दिया गया था पर हाल ही में इंटरिम रेज़लूशन प्रफ़ेशनल द्वारा nbcc पर नान कंपलायंस करार दिया गया जिससे अब केवल सुरक्षा ही वोटिंग के लिए जायगी, NBCC इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने का मान बना रही है, निदेशक वाणिज्य राजेंद्र चौधरी ने पोर्टल से गुफ़्तगू में फ़रमाया की हमने IRB में अपना ऐतराज जमा करा दिया है और हम इस मामले में पीछे नहीं हटेंगे, क्यूँकि NBCC बोर्ड ने इस प्रोजेक्ट को हासिल करने के लिए आठ आठ घंटे काम किया है l हमारे अंडर कवर रेपोर्टर ने इस मामले में चौकाने वाले खुलासे किए हैं, जिसके मुताबिक़ सब कुछ ठीक चल रहा था और ये प्रोजेक्ट पूरी तरह से NBCC के हाथ में आ चुका था और अगर यू कहे कि NBCC इस प्रोजेक्ट कि बिड हासिल कर चुका था पर मामले में नया मोड़ तब आया जब इस पूरे प्रोजेकट में अहम भूमिका प्रोजेक्ट के इंचार्ज श्री योगेश शर्मा को दी गई , जिनकी ज़िम्मेदारी थी की IRP में NBCC के पक्ष को मज़बूती से रखना पर उन्होंने ऐसा नहीं किया , उसकी वजह NBCC के सूत्रों ये बताते हैं क़ि NBCC के ED अधिकारी और जे पी के पुरांने प्रोमोटर की क़रीबियाँ रहीं, इस बात का तो पता नहीं कि NBCC अब दोबारा इस प्रोजेक्ट को हासिल कर पाएगा या नहीं पर twitter पर जे पी बायरस की भड़ास NBCC के ख़िलाफ़ है जो कि अच्छा संकेत नहीं मानी जा सकती है ये भी जानकारी मिली है है कि ED द्वारा NBCC के बोर्ड को इस मामले में लगातार गुमराह किया गया है और ये वही अधिकारी है जिसके विदेशी कार्यों की शिकायत के कई चिट्टे मिले है जिसमें मारिशस के प्रोजेक्ट से शिकायत मिलने पर इस अधकारी को CMD ने मारिशस प्रोजेक्ट से बाहर का रास्ता दिखाया है

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