DUSIB अधिकारियों की देखरेख में एक स्वतंत्र एजेंसी से सर्वेक्षण कराया जा रहा है। ऐप-आधारित सर्वेक्षण भू-निर्देशांक के साथ एक ऑनलाइन डेटाबेस पर सभी जानकारी जानकारी को एकत्र करता है। जिसे अधिकारियों की ओर से ऑनलाइन एक्सेस और सत्यापित किया जा सकता है। इससे सर्वे को त्रुटि मुक्त और फर्जीवाड़ा मुक्त बनाया गया है।इस योजना के तहत पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों को पक्के फ्लैट आवंटित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री आवास योजना – 2015 का प्राथमिक फोकस इन-सीटू मोड पर है। जिससे मौजूदा झुग्गी के पांच किलोमीटर के दायरे में पुनर्वास की योजना है। जिससे पुनर्वास करने वाले लोगों के जीवन में न्यूनतम व्यवधान हो। केवल विशेष परिस्थितियों में दूर पुनर्वासित किया जाएगा। वह भी तब जब पांच किलोमीटर के दायरे में आवास उपलब्ध कराना संभव न हो। वर्तमान समय में दिल्ली सरकार शहर में प्रमुख स्थानों पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 5500 नई आवास इकाइयों का निर्माण करा रही है।
270 झुग्गी बस्तियों के सर्वेक्षण का काम पूरा-केजरीवाल

DUSIB अधिकारियों की देखरेख में एक स्वतंत्र एजेंसी से सर्वेक्षण कराया जा रहा है। ऐप-आधारित सर्वेक्षण भू-निर्देशांक के साथ एक ऑनलाइन डेटाबेस पर सभी जानकारी जानकारी को एकत्र करता है। जिसे अधिकारियों की ओर से ऑनलाइन एक्सेस और सत्यापित किया जा सकता है। इससे सर्वे को त्रुटि मुक्त और फर्जीवाड़ा मुक्त बनाया गया है।इस योजना के तहत पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले परिवारों को पक्के फ्लैट आवंटित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री आवास योजना – 2015 का प्राथमिक फोकस इन-सीटू मोड पर है। जिससे मौजूदा झुग्गी के पांच किलोमीटर के दायरे में पुनर्वास की योजना है। जिससे पुनर्वास करने वाले लोगों के जीवन में न्यूनतम व्यवधान हो। केवल विशेष परिस्थितियों में दूर पुनर्वासित किया जाएगा। वह भी तब जब पांच किलोमीटर के दायरे में आवास उपलब्ध कराना संभव न हो। वर्तमान समय में दिल्ली सरकार शहर में प्रमुख स्थानों पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 5500 नई आवास इकाइयों का निर्माण करा रही है।
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