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Indian Administration

IOCL के चेयरमैन पद को ले कर अटकलें तेज़, सट्टेबाज़ों ने लगाया भाव

IOCL के चेयरमैन पद को ले कर अटकलें तेज़, सट्टेबाज़ों ने लगाया भाव

IOCL के मोजूदा चेयरमैन Shrikant Madhav Vaidya जी आजकल चर्चाओं का विषय बने हुए हैं जिस बात की वजह से वैध जी सुर्ख़ियों में नज़र आ रहे हैं वो है उनके कार्यकाल को ले कर लगाई जा रहीं अटकलें कुछ मीडिया रिपोर्टिंग में कहा जा रहा है कि उनको सेवा विस्तार मिल जाएगा , कुछ में कहा जा रहा है कि सरकारी कंपनियों में कम ही लोगों को सेवा विस्तार मिला है, इन अटकलों ने उस वक़्त से ज़ोर पकड़ा हुआ है जब से PSEB द्वारा IOCL के CMD पद के लिए सभी उम्मीदवारों की दावेदारी ख़ारिज कर दी गई थी, इंटरव्यू के दौरान ही NEWSIP ने ये बता दिया था कि IOCL के चेयरमैन का चुनाव सर्च कमेटी द्वारा किया जाएगा और बाद में PSEB ने NEWSIP के दावे पर अपनी मुहर लगाई।

अपने पाठकों को बताना चाहेंगे किं IOCL के चेयरमैन का कार्यकाल इस महीने की आख़िरी तारीख़ को पूरा हो रहा है, उनके बाद IOCL के चेयरमैन की गद्दी किसको मिलेगी इस पर अटकलों का बाज़ार गर्म है। जो खबरें चल रही हैं उन में कितनी सच्चाई है और कितना झूट या प्रायोजकपन इस का पता तो इस महीने की आख़िरी तारीख़ तक ही लग पाएगा ।

मीडिया रपटों में ऐसा दावा पेश किया जा रहा है कि नियुक्ति करने वाले विभाग ने श्रीमान वैद्य जी के दो साल के सेवा विस्तार की फाइल से नाखुशी ज़ाहिर की थी और इसी बाबत संबंधित मंत्रालय से कुछ बिंदुओं पर प्रकाश डालने को कहा था कहा ये भी जा रहा है कि ये स्पष्टीकरण इस बात को ले कर था कि जब पहले ही अल्पकाल के सेवा विस्तार के लिये फाइल मंत्रालय में लंबित थी तो दो साल के सेवा विस्तार पाने के लिए जल्दबाज़ी में क्यों कई विभागों को बाईपास किया गया ? बारहाल मंत्रालय ने बायपास किए गए विभागों से अनुशंसा करा कर फाइल को दोबारा नियुक्ति एवं सेवा विस्तार करने वाले विभाग को भेज दिया है ।

कुछ एक्सपर्ट के मुताबिक़ वैसे तो सभी को ज्ञात है की टेंप्रेरी एक्सटेंशन तीन महीने तक दिये जाने पर किसी को कोई एतराज़ होना नहीं चाहिएँ क्योंकि जब तक कोई काबिल उम्मीदवार नहीं मिल जाता इस तरह के एक्सटेंशन नियुक्ति करने वाली कमेटी संबंधित मंत्रालय की अनुशंका पर देती रही है पर उस की भी एक लिमिट है। वैसे तो दो साल के एक्सटेंशन में भी कह जा सकता है कि कोई हानि नहीं होगी पर दो साल का एक्सटेंशन थोड़ा सा अटपटा सा लगता है, बीते दिनों में अगर हम नज़र डालें तो IOCL में दिग्गज सार्थक बेहूरिया को सेवा विस्तार नहीं दिया गया और उधर ONGC में बहुगुणीय सुवीर राह को भी सेवा विस्तार नहीं दिया गया था, जबकि दोनों की सेवा निवृत में समय था।

नियुक्ति करने वाले अफ़सरों का भी ये उत्तरदायित्व बनता है कि वो समय अनुसार चेयरमैन एवं इस तरह के पदों की नियुक्ति का निपटारण करें। IOCL देश की एक बहुत ही प्रतिष्ठित कंपनी हैं जिसकी पूरी दुनिया में अपनी अलग ही एक पहचान है, और अगर ऐसे संस्थानों में चेयरमैन की नियुक्ति को ले कर अटकलें लगाई जायेंगी तो देश की और IOCL की शाख़ पर बट्टे के निशान जैसा होगा।

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This post is sponsored by Indian CPSEs and co sponsored by Google, a partner of NewsIP Associates.