yandex
newsip
background-0
advertisement-0
background-1
advertisement-1
background-2
advertisement-2
background-3
advertisement-3
background-4
advertisement-4
background-5
advertisement-5
background-6
advertisement-6
background-7
advertisement-7
background-8
advertisement-8
background-9
advertisement-9
Indian Administration

दिल्ली में भाजपा का चारा घोटाला – दुर्गेश पाठक

दिल्ली में भाजपा का चारा घोटाला – दुर्गेश पाठक

नई दिल्ली, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने बताया कि भाजपा चुनाव के समय लोगों को गाय के नाम पर लड़वाती है और वोट मांगती है, लेकिन भाजपा शासित एमसीडी सरकारी चार गौशालाओं के रख-रखाव और गायों के चारे के लिए बकाया पैसे का भुगतान नहीं कर रही है। जानकारी मिली है कि सरकारी गौशालाओं में तीन-चार दिन का चारा ही बचा है। दिल्ली सरकार ने अपने हिस्सा के पैसे का हर साल भुगतान करती आई है। दिल्ली सरकार ने 2019-20 में 11 करोड़, 2018-19 में 10.5 करोड़ और 2017-18 में भी 10.5 करोड़ का भुगतान किया, लेकिन एमसीडी ने अपने हिस्से का 30 करोड़ रुपये अभी तक नहीं दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित एमसीडी ने भ्रष्टाचार करके गायों के रखरखाव के हिस्से का धन का भी डकार लिया। गाय आश्रय के प्रभारियों ने पैसा नहीं मिलने पर पशुओं को सड़क पर छोड़ने की चेतावनी दी है।

पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने बताया कि जिस प्रकार कोरोना महामारी ने दिल्ली के निवासियों का जीवन तबाह कर दिया है, उसी प्रकार, इस विनाशकारी महामारी ने आवारा पशुओं के लिए बहुत कष्ट पैदा कर दिए हैं। दिल्ली में लगभग 25,000 मवेशी भोजन की कमी से पीड़ित हैं। विभिन्न मीडिया संगठनों ने मवेशियों के भोजन की कमी का यह मुद्दा उठाया है। गायों के भोजन में भारी कमी होने के पीछे पूरी तरह से भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है। चुनाव आते ही भारतीय जनता पार्टी लोगों को गाय के नाम पर लड़ाती है, गाय के नाम पर वोट मांगती है। लेकिन, जब यह दिल्ली के गऊ शालाओं में पल रही गायों के प्रति भाजपा शासित नगर निगम की जिम्मेदारियों की आती है, तो भाजपा मौन हो जाती है। दिल्ली में चार सरकारी गाय आश्रय हैं, जहां लगभग 25,000 गाय रहती हैं। नियमों के अनुसार, दिल्ली सरकार प्रति गाय प्रति दिन 20 रुपये का भुगतान करती है और वही पैसा भाजपा शासित एमसीडी को भी देना होता है। यह राशि प्रति वर्ष दिल्ली सरकार के लिए लगभग 10-11 करोड़ रुपये होती है और उतनी ही राशि का भुगतान दिल्ली की नगर निगम द्वारा भी किया जाना चाहिए, जो भाजपा के अधीन हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार हमेशा समय पर अपने पैसे का भुगतान करती है। 2019-20 में, हमने लगभग 11 करोड़ रुपये का भुगतान किया, 2018-19 में, हमने लगभग 10.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया और उतनी ही राशि का भुगतान 2017-18 में भी किया गया। परंतु पिछले तीन वर्षों में, बीजेपी शासित एमसीडी ने गाय के आश्रयों के लिए एक भी पैसा नहीं दिया है, जो लगभग 30 करोड़ रुपये बनता है।

भारतीय जनता पार्टी ने एक भी पैसा नहीं दिया है, जिसके द्वारा गायों का रखरखाव होता है, गायों की देखभाल करने वाले लोगों के वेतन का भुगतान किया जाता है। भाजपा शासित नगर निगम ने भ्रष्टाचार करके गायों के रखरखाव के हिस्से का धन का भी डकार लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली का एक -एक व्यक्ति जानता है कि भाजपा की अगुवाई वाली नगर निगम मकानों के निर्माण, नालियों की सफाई, सड़कों की सफाई और अन्य कामों के लिए पैसा लेती है और उसमें भ्रष्टाचार करती है। लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था कि गौमाता, जिसके नाम पर वोट मांग कर भाजपा देश की सत्ता में आई, वह गायों के चारे के पैसो में भी भ्रष्टाचार करेगी। हमारे संज्ञान में आया है कि अभी गायों के लिए हमारे पास केवल 4 से 6 दिनों के लिए राशन बचा है। आम आदमी पार्टी की ओर से, मैं मांग करता हूं कि भाजपा नेतृत्व वाली एमसीडी को गायों के रखरखाव के लिए लंबित 30 करोड़ रुपये का तुरंत भुगतान करना चाहिए। उन्हें यह पैसा एक या दो दिन में दे देना चाहिए। यह हमारी मांग है। उन्होंने बताया कि गाय आश्रय के प्रभारी लोगों ने धमकी दी है कि अगर यह पैसा नहीं चुकाया जाता है, तो वे इन सभी गायों को दिल्ली की सड़कों पर छोड़ देंगे, जो दिल्ली की जनता के लिए एक बड़ी समस्या की बात होगी। इसलिए, भाजपा को तुरंत धनराशि जारी करनी चाहिए। हम भाजपा से भी अनुरोध करते हैं कि वह गायों के पैसे के साथ भ्रष्टाचार न करे। जब भी वित्तीय अनियमितताओं का मुद्दा आता है, तो भाजपा प्रमुख श्री आदेश गुप्ता और अन्य कहते हैं कि दिल्ली सरकार ने पैसे का भुगतान नहीं किया है। यही कारण है कि आज मैं उन सभी विवरणों का विवरण दे रहा हूं जो बताते हैं कि दिल्ली सरकार पहले ही अपेक्षित राशि का भुगतान कर चुकी है।

Share This Article:

This post is sponsored by Indian CPSEs and co sponsored by Google, a partner of NewsIP Associates.