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Indian Administration

केजरिवाल सरकार का हाथ, नशा व शराब माफिया के साथ,मित्र मंडल ने की ठेके ना खोलने की अपील

केजरिवाल सरकार का हाथ, नशा व शराब माफिया के साथ,मित्र मंडल ने की ठेके ना खोलने की अपील

स्वराज इंडिया पार्टी दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष ने नई आबकारी नीति 17 नवंबर से लागू हो रही के तहत केवल प्राइवेट कम्पनी दिल्ली में नए शराब ठेके खोलेंगे। हम लोग सांकेतिक रूप से इस निति के विरोध में राजघाट पर पहुँचें हैं, क्योंकि केजरीवाल सरकार सारी नीति ऐसी बनाई है जिससे दिल्ली में शराब उपभोग को बढ़ावा मिले और सरकार की कमाई बड़े। दिल्ली सरकार ने शराब बेच कर प्रति वर्ष 10000 हज़ार करोड़ की आमदनी करने का लक्ष्य रखा है। हमारा मानना है कि सरकार को अपना आय बढ़ाने के लिए दिल्ली में नशा को बढ़ावा देने वाली नीति नहीं बनानी चाहिए। धरना के बाद बाद स्वराज इंडिया की तरफ से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के कार्यालय पर ज्ञापन सौपा गया। जिसमें मुख्य रूप से माँग की गई की तत्काल प्रभाव से इस नीती को वापस लिया जाय। केजरीवाल सरकार दिल्ली को नशे में डूबाकर और परिवारों को बर्बाद कर अपना आय बढ़ना चाहती है, जबकि आम आदमी पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में नशामुक्त दिल्ली का वादा किया था, लेकिन आज केजरीवाल सरकार का पूरा प्रयास है कि दिल्ली में शराब के कारोबार कैसे बढ़या जाए। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 के अनुसार राज्य मादक पेय पदार्थ के उपभोग पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करेगा लेकिन ठीक इसके बिपरीत आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए शारब उपभोग को बड़वा देने वाली नीति को लागू कर रही है। नई नीति के अनुसार दिल्ली के सभी 272 वार्ड में औसतन तीन शराब के ठेके खोले जायेगें और कुल 849 ठेके निजी क्षेत्र में खोले जायेगें। मैरेज हॉल आदि को एक साल के लिए लाइसेंस देने का प्रावधान कर दिया गया है, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से दिल्ली के लगभग हर मोहल्ले में शराब ठेके खुल जायेगें। एक तरफ शराब पीने के लिए उम्र सीमा कम कर दी गई है व दूसरी तरफ दिल्ली में कई जगहों पर लगभग 24 घंटे शराब की बिक्री होगी। स्वराज इंडिया माँग करती हैं कि नई आबकारी नीति तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।इसके स्थान पर समाज के सभी वर्ग ,विशेष तौर पर महिला समूहों से व्यापक विचार बिमर्श कर के भारतीय संविधान के अनुसार नई नीति बनाई जाए।

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