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Indian Administration

आज जब लोग कहते हैं कि देश बदल रहा है, तो मैं बोलता हूं कि बदल नहीं रहा बल्कि बदल गया है-जगत प्रकाश नडडा

आज जब लोग कहते हैं कि देश बदल रहा है, तो मैं बोलता हूं कि बदल नहीं रहा बल्कि बदल गया है-जगत प्रकाश नडडा

भाजपा के सदर ज़नाब जगत प्रकाश नडडा ने अपने एक ख़िताब में जनता से मुख़ातिब होते हुए फ़रमाया कि जब 2014 में नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद मोदी जी आए तो आठ सालों में भारत की तस्वीर बिलकुल बदल गई। अब देश में पॉलिसी पैरालिसिस की जगह रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफॉर्म ने ले ली है। आज है गुड गवर्नेंस,स्किल, स्केल और स्पीड में काम हो रहे हैं।जब लोग कहते हैं कि देश बदल रहा है, तो मैं बोलता हूं कि बदल नहीं रहा बल्कि बदल गया है, आंकड़े इस बात को साबित करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने केंद्र में सत्ता सँभालने के बाद देश की राजनीतिक संस्कृति बदल बिलकुल दी है। वंशवाद, परिवारवाद, जातिवाद, तुष्टिकरण की राजनीति को चुनौती देते हुए विकासवाद और समाज के सर्वस्पर्शी एवं समावेशी विकास की राजनीति को स्थापित किया है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में गांव, गरीब, वंचित, आदिवासी, पीड़ित, महिलाओं और युवाओं के सशक्तिकरण का काम किया जा रहा है। आज आत्मसम्मान के साथ आत्मनिर्भर भारत बन चुका है।

भारत विश्व में तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता वाला देश बन गया है। देश की जनता की क्रय शक्ति बढ़ी है। रिटेल ग्रोथ के मामले में भारत विश्व में दूसरे स्थान पर पहुँच चुका है। इसी प्रकार, आज भारत का एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग इको सिस्टम बन गया है जिसकी वजह से भारत ने पिछले वित्तीय वर्ष में 500 बिलियन यूएस डॉलर का मैनुफक्चर निर्यात किया है। प्रत्यक्ष विदेश निवेश 84 बिलियन डॉलर हो चुका है जबकि विदेशी मुद्रा भंडार पहले जहां 300 बिलियन डॉलर था, वह आज 600 बिलियन डॉलर से उपर चला गया है।

भारत की आर्थिक स्थिति अब बहुत बदल गयी है। इसके साथ ही बड़े रिफार्म भी हुए हैं। वन नेशन वन जीएसटी लागू किया गया। जीएसटी लागू होने से यह लाभ मिला है कि अब माल लदे एक ट्रक को दिल्ली से मुम्बई जाने में डेढ़ दिन की बचत हो रही है क्योंकि पहले नाके पर ट्रक वाले का समय तीन घंटे बर्बाद होते ही थे साथ ही, भ्रष्टाचार भी होता था। इसी तरह से वन नेशन वन राशन कार्ड लागू होने से यह फायदा हुआ है की अब हुगली का मजदूर यदि मुम्बई भी जाकर काम करता है तो वह वहां भी राशन ले सकता है।

2014 में ब्राडबैंड यूजर जहां 6.5 करोड थे, आज वह बढकर 78 करोड़ हो गए हैं। पहले 100 ग्राम पंचायत आप्टीकल फाइबर से जुड़े थे जबकि आज ढाई लाख ग्राम पंचायत आप्टीकल फाइबर से जुड़ गए हैं। इस प्रकार, एक आम आदमी के विकास के लिए बहुत बड़ा बदलाव देश में आया है। गांवों में सर्विस सेक्टर का भी विकास द्रुत गति से हो रहा है। आज विश्व का 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में होता है। पहले कांग्रेस के लोग बोलते थे कि इंटरनेट नहीं चलता है, डिजिटल ट्रांजेक्शन कैसे होगा। आज देश में एक सब्जीवाला भी डिजिटली पैसा लेता है, यह परिवर्तन आया है।

देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी कहते थे कि मैं 100 पैसा भेजता हूं तो जनता के पास 15 पैसे पहुँचते हैं और 85 पैसा बिचौलियों के पास चला जाता है। पिछले आठ सालो में, अब तक विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के 225 लाख करोड़ रुपये डिजिटली लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर किये जा चुके हैं। यह बदलता भारत है। गत 31 मई को शिमला के रिज मैदान से प्रधानमंत्री जी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 11वी क़िस्त जारी की। उन्होंने एक बटन दबाकर 10 करोड़ किसानों के खाते में सीधे 23 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किये। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 2 लाख करोड़ रूप्ये अबतक किसानों के खाते में दिए गए हैं। यह बदलता भारत है।

2014 से पहले की सरकार में देश में आवास योजनाओं के अंतर्गत एक या डेढ़ लाख आवास ही बनते थे। पीएम आवास योजना के तहत आठ सालों में ढाई करोड़ पक्के मकान बन चुके हैं जबकि हमारा लक्ष्य इस साल तक तीन करोड़ बनाने का लक्ष्य है। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का संकल्प है कि देश का एक भी व्यक्ति कच्चे मकान में न रहे और उनका जीवनशैली भी बेहतर हो। इसी कारण गरीबों के पक्के मकान में शौचालय, बिजली कनेक्शन, किचेन, बेड रूम के साथ गैस कनेक्शन भी दिए गए। इसका मालिकाना हक घर की महिला है। यह है महिला सशक्तिकरण।

आयुष्मान भारत के तहत 50 करोड़ लोगो को स्वास्थ्य बीमा कवरेज मिल रहा है। इसके तहत 5 लाख रुपये इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इस योजना को जाति, परिवार और धर्म के आधार पर नहीं बल्कि सभी गरीबों को दिया गया। इस योजना से अबतक 3 करोड़ लोग लाभ उठा चुके हैं और केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत अब तक 23 हजार करोड़ रुपये दी जा चुकी है। पश्चिम बंगाल में ममता जी कहती हैं कि यहां होवे ना, होवे ना, कौरवे ना। इन्होने केंद्र सरकार के आयुष्मान भारत कार्ड के सभी कागज नाली में फेंकवा दिया।

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