क्या फिर से आग की लपटों में लाशे बिछने का हो रहा है इंतज़ार

पूर्वी दिल्ली : 5 जून 2024. दिलशाद कॉलोनी ABDE ब्लॉक की RWA पर दोहरे माप दंड अपनाने का इल्ज़ाम लग रहा है ।
अजीब दास्ताँ है ये . .. पाठकों आप को इस तस्वीर में एंगल और पोधों के साथ साथ रोड पर खड़ी गाड़ियाँ दिख रही होंगी , रात को यहाँ से निकलना भी मुश्किल हो जाता है , याद दिला दें ये वही जगह है जिस से महज़ कुछ दूरी पर अतीत में कुछ इंसान जलती हुई ज़िंदा लाश बन गये थे , क्योंकि जब दमकल की गाड़ी रास्ता ढूँढ रही थी तो इस तरह रोड को घेर कर गाड़ी खड़ी करने वाले चैन की नींद सो रहे थे , महज़ दस कदम की दूरी पर ही RWA के एक पूर्व महासचिव का निवास भी है , जो उस हादसे के ना सिर्फ़ चश्मदीद गवाह थे बल्कि उन्होंने काफ़ी मदद भी की थी कि किसी तरह लोगों को जलती हुई आग की लपटों से बचा लिया जाये , यही वजह रही होगी कि जब नया RWA पैनल खड़ा हुआ तब उन्होंने इस पैनल की जिताने में कोई कसर नहीं छोड़ी , यहाँ तक पैराशूट से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को रातों रात बदला , और नारा दिया कि जीतने के बाद प्राथमिकता से रोड़ों पर खड़ी उल्टी सीधी गाड़ियाँ हटवाई जायेंगी , पर अब आप भी फ़रमाते हैं जो मेरा काम था मैंने किया जनहित में किया पर जब RWA उस पर क्रियान्वयन नहीं कर पा रहा है तो में क्या कर सकता हूँ ।
अब इस तस्वीर में पेशे मंज़र की दास्ताँ सुनें , कुछ दिन पहले जब RWA ने रोडों पर खड़ी गाड़ियों को रोकने के लिए आयरन लगाओ , पैदल चलने वालों के लिए रोड बचाओ , के अभियान की शुरुआत की थी तब इस जगह का नंबर आने पर एक सज्जन को RWA ने प्रस्ताव दिया कि आप जितने पैसे खर्च हों कर दें यहाँ आयरन लगा दें और पोधे लगा दें , मरता क्या ना करता , जिन साहब से कहा गया उन्होंने लगवा दिए , गाड़ी वालों ने उस के बराबर में गाड़ी लगाना शुरू कर दी।
अब सुनने में आया है कि RWA द्वारा दबाव बनाया जा रहा है कि इन आयरन को हटा दो , दिक़्क़त हो रही है , समझ से परे है कि जिन की गाड़ियाँ खड़ी हैं RWA को उनसे कोई दिक़्क़त नहीं हो रही है पर उनकी सलाह पर लगाये गये इन आयरन से दिक़्क़त हो रही है ।
उपरोक्त विषय में NewsIP ने RWA के महासचिव से पूछा क्या है पूरा मामला आप ने फ़रमाया हम चाहते हैं कि लगी हुई आयरन को एक फुट पीछे हटा दिया जाये, जब उनसे पूछा गया आप क्यों ऐसा चाहते हैं तब उन्होंने कहा आने जाने वालों को दिक़्क़त हो रही है , एक और सवाल उनसे पूछा गया कि आप आयरन की जगह गाड़ियों को क्यों नहीं हटवाते ? तब आप ने कहा गाड़ी वालों ने अब महीने का चंदा देना भी बंद कर दिया है और कहा है जब तक आप आयरन नहीं हटवायेंगे हम चंदा नहीं देंगे।
पाठकों बिना रीढ़ के कोई साहसी काम नहीं हो सकता , डॉक्टर अगर मरीज़ पर इतना मेहरबान हो जाये कि स्वाद के डर या हमदर्दी में कड़वी दवा ना पिलाए तो मरीज़ कभी स्वस्थ नहीं हो सकता , कई बार कड़वी दवा पिलाना पड़ती है , RWA के पास तो कड़वी दवाओं का भंडार है फिर क्यों वो उन्हें इस्तेमाल नही कर रहा है ये बात समझ से परे है

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

error: Content is protected !!