पूर्वी दिल्ली, दिलशाद कालोनी : अभी तक तो राजनैतिक दलों को चुनाव में फ़ंडिंग करने और चुनाव जीतने के बाद अपने फंडिंग करने वालों की मदद करने के आरोप केवल राजनीतिक पार्टियों पर ही लगते देखा है , पर कालोनी की RWA में भी फ़ंडिंग की गई है ऐसा आरोप पहली बार देखने को मिला है। आरोप ये भी है कि चुनाव में फ़ंडिंग करने वालों के लिए RWA के नियमों में ढील दी जाने लगी है , जिस RWA के गेट पर कालोनी बसने से ले कर अब तक किसी भी राजनीतिक दल का कोई बैनर यार पोस्टर नहीं लगने दिया आज उस मैं गेट पर एक सियासी जमात का पोस्टर लगवा दिया गया है ? कालोनी में हर सपा,बसपा, कांग्रेस, बीजेपी या और भी कई सियासी जमात से ताल्लुक़ रखने वाले गणमान्य लोग रहते हैं तो फिर सिर्फ़ ऐसा क्यों प्रचारित किया जा रहा है कि ये कालोनी सिर्फ़ एक सियासी जमात के लोगो का समर्थन करती है बाक़ी सियासी जमातों का यहाँ आना मना है ? पोर्टल इस बात की पुष्टि नहीं करता कि क्या सही है क्या ग़लत हम सिर्फ़ वो लिख रहे हैं जो हमे बताया गया है, हम आपके सामने दोनों पक्ष से की गई वार्तालाप का ब्योरा दे रहे हैं और ये फ़ैसला आप पर छोड़ते हैं कि कौन सही है और कौन ग़लत ।
1-आरोप : जिस तरह से RWA जैसे चुनाव में पानी की तरह पैसा बहाया गया था उसी से महसूस हो रहा था कि कुछ ना कुछ अनैतिक होने वाला है, शक अब यक़ीन में बदलने लगा है क्योंकि हाल ही में कुछ ऐसी घटनाएँ हुई हैं जिन्होंने शक को इस यक़ीन में बदलने पर मजबूर कर दिया है, और यही वजह है कि कालोनी की जमा पूँजी हमारे पास सुरक्षित है । जिन लोगों ने RWA के चुनाव के लिए फ़ंडिंग की थी उनके लिये RWA के नियमों को ताख पर रख कर काम किए जा रहे हैं ताकि फ़ंडिंग करने वालों को फ़ायदा पहुँचाया जा सके। हम इसकी कुछ मिशाल देना चाहेंगे। ये नियम था कि कालोनी में कोई भी बिल्डर अगर बिल्डिंग बनाता है तो उसे दस हज़ार रुपये RWA में जमा कराने होंगे जो 2017 के बाद 20 हज़ार कर दिये गये थे, अगर वो पैसे नहीं देता है तो RWA के दिशा निर्देशन में सामाजिक कार्यों को उनसे कराया जाएगा, मसलन (1)गणपति बिल्डर ने E-79 का निर्माण किया तब उस बिल्डिंग के बनाने के एवज़ में RWA के कार्यालय का वुडेन वर्क कराया गया (2)ELITE ने A-145 की बिल्डिंग बनवाई उसके एवज़ में RWA कार्यलय के बाहर टाइल लगवाईं और फाउंटेन के आगे कंक्रीट का कार्य कराया (3) बब्बर ने E -19 बनवाई उसके एवज़ में RWA के ग्राउंड की टाइल लगवाईं और दीवार की टाइल लगवाईं (4)अरोड़ा ने A 142 बिल्डिंग बनवाई तो उसके एवज़ में उसने लगभग एक लाख रुपए का चेक के ज़रिये भुगतान किया। ये सब हवा में नहीं है काम बोलता है कोई भी जा कर हमारे इन कामों को देख सकता है।लेकिंन आज बिना पूरे पैसे लिए और बिल्डर से बिना डेवलपमेंट चार्ज लिए कनेक्शन करवाये जा रहे हैं ? कालोनी के नियमों में ढील दी जा रही है ?
2-ज़बाब : ये कहना बिलकुल ग़लत है कि बिल्डर से बिना पैसे लिए RWA कनेक्शन करा रही है जहां तक बिल्डर से RWA में फंड लेने की बात है तो में पहली बार RWA का प्रेसिडेंट बना हूँ मैंने सिस्टम को समझने के लिए पुराने RWA के साथियों साथियों से दरयाफ़्त किया था कि मुझे बताया जाए कि क्या वास्तव में ऐसा कोई नियम है ? अगर है तो उस नियम को फॉलो किया जाये, पर मुझे मेरे साथियों ने बताया ऐसा कोई नियम कभी रहा ही नहीं है, किसी भी बिल्डर ने आज तक कोई भी चार्ज दिया ही नहीं है -RWA President।
3-ज़बाब : हारने वाली पार्टी हमेशा जीतने वाली पार्टी पर इल्ज़ाम लगाती है क्योंकि एक कहावत है “ख़िशयानी बिल्ली खम्बा नोचे ” में सिरे से अपने पैनल पर लगे इल्ज़ामों को ख़ारिज करता हूँ, हमने RWA चुनाव में किसी से कोई भी चंदा नहीं लिया हमने आपस में सभी उम्मीदवारों ने मिल कर पैसा इकट्ठा किया और चुनाव में खर्च किया, जहां तक बिल्डर और फ्लैट से चार्ज लेने वाली बात है तो हमने किसी भी नियम में कोई बदलाव नहीं किया है आज भी नियम वही है कि हर फ्लैट से दस हज़ार रुपये डेवलपमेंट चार्ज और बिल्डर से बीस हज़ार रुपये RWA के फंड में देना अनिवार्य हैं, जहां तक B 111 का मुद्दा बार बार उठाया जा रहा है तो में ये बताना चाहता हूँ कि पिछले एक साल से बिल्डर द्वारा चेक बाउंस होने के बाद कोई कार्यवाही नहीं की गई थी हमने बिल्डर से मीटिंग कि जिसके उपरांत बिल्डर ब्याज सहित पैसा देने को राज़ी हो गया है और चार फ़्लैटों के पैसे भी आ गये हैं। -विनोद (सेक्रेटरी जनरल RWA पैनल)
हमारा पक्ष : कबीरा खड़ा बाज़ार में, माँगे सबकी ख़ैर, ना काहु से दोस्ती ना काहु से बैर।