चंडीगढ़, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं के उत्थान और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए उनकी हर अपेक्षा को पूर्ण करते हुए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और उनकी प्रदेश सरकार समर्पित रूप से कार्यरत है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल शनिवार को सोनीपत के जीवीएम गल्र्स कालेज में आयोजित महिला प्रशिक्षण शिविर में शिविरार्थी महिलाओं को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन भाजपा की महिला मोर्चा इकाई के तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम में पहुंचने पर उन्होंने भारतमाता की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए चरण वंदना की। तदोपरांत महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब महिला सशक्तिकरण की बात नहीं होनी चाहिए। महिला अबला नहीं है वह सबला है और शक्ति का स्वरूप है जिसकी पूजा होती है। हां, बहन-बेटियों की आवश्यकताएं हो सकती है जिन्हें पूरा करना शासन-व्यवस्था का काम है। इसके लिए केंद्र व प्रदेश सरकार मिलकर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन-व्यवस्था में भी महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जा रहा है। राजनीति में 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। पंचायतों में भी 50 प्रतिशत भागीदारी की ओर कदम बढ़ाये हैं किंतु इस मामले में कोर्ट ने रोक लगाई है। उन्होंने कहा कि एक महिला ने भागीदारी की बजाय आरक्षण शब्द जोडऩे के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने सवाल किया कि आरक्षण और भागीदारी में क्या अंतर है। फिर उन्होंने स्वयं बताया कि आरक्षण में 50 प्रतिशत से ऊपर भी महिलाओं को हिस्सेदारी मिल सकती है। इस मामले में बीच का रास्ता अपनाने पर विचार किया जा रहा है। चुनावों में ऑड-ईवन के फार्मूले के आधार पर महिलाओं को भागीदारी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना में भी महिलाओं के जाने के रास्ते खोल दिए हैं, जिसके लिए उन्होंने महिला कमिशन बनाया है। प्रदेश में पीडीएस में महिलाओं का कोटा निर्धारित करते हुए घर के काम-काज में भागीदारी बढ़ाने के लिए उन्हें रोजगार देने में प्राथमिकता देने की ओर कदम बढ़ाये जा रहे हैं। प्रदेश में महिलाओं के 51 हजार स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे 5 लाख से अधिक परिवार जुड़े हुए हैं। महिलाओं को 5 लाख तक का ऋण दिया जाता है जिसके लिए बैंक के श्रम शुल्क को भी नि:शुल्क किया गया है। प्रदेश में वीटा केंद्र स्थापित किये हैं जिनमें 151 केंद्र महिलाएं चला रही हैं। साथ ही 500 हर हित स्टोर स्थापित किये हैं जिनमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। गरीब लोगों के लिए बनाई अटल कैंटिन में भी 100 से से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं काम कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए अच्छी योजनाएं चलाई जा रही हैं। बैंकों के 1889 सुविधा प्रदाता केंद्रों में महिलाएं कार्यरत हैं। महिलाओं के ऋण रिवोल्विंग फंड को 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये किया गया है। स्वयं सहायता समूहों को 796 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है।
मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत आयोजित किये गये मेलों के माध्यम से भी एक लाख रुपये की तक आय वाले परिवारों को रोजगार दिया गया है। इसके लिए महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। बैंकों में सुकन्या समृद्घि खाते हर व्यक्ति को खुलवाने चाहिए। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों के स्तर में सुधार के लिए प्रदेश के 4000 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले-वे स्कूलों में तब्दील किया गया है। साथ ही कामकाजी महिलाओं की सहायतार्थ 500 नये क्रैच खोले गए है। गरीब परिवारों के लिए बेटी के जन्म पर 21 हजार रुपये की राशि दी जाती है जो 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर एक लाख रुपये हो जाती है। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 51 हजार रुपये तथा अनुसूचित जाति के परिवारों को 71 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है।
इस मौके पर भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सुमित्रा चौहान ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए आभार प्रकट किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री अन्नूपूर्णा सहित सांसद रमेश कौशिक, सुधा यादव, संतोष यादव, विधायक निर्मल चौधरी, विधायक मोहनलाल बड़ौली, सुमन दहिया, रजनी विरमानी, प्रोमिला मलिक, आशा खेदड़, मीना परमारर, निर्मल बैरागी, लतिका शर्मा, संतोष यादव आदि गणमान्य महिलाएं मौजूद थी।