भारत माता का महान सपूत नरेंद्र मोदी -अमित शाह

Z A Ansari (Admin Editor)  भारतीय जनता पार्टी के सदर एवं केंद्रीय गृह मंत्री ज़नाब अमित भाई शाह ने नई दिल्ली के न्यू महाराष्ट्र सदन में वज़ीरे आज़म आली ज़नाब नरेन्द्र मोदी जी  को समर्पित किताब  “कर्मयोद्धा ग्रन्थ” का इफ़तिताह किया और वज़ीरे  आज़म  नरेन्द्र मोदी जी के किरदार  और काम की तहज़ीब  पर तवील  रोशनी  डालते हुए उन्हें भारत माता का महान सपूत बताया। ज़नाब शाह ने फ़रमाया  कि मुल्क  की सियासत राजनीति और मुल्क   के जनमानस को परिवर्तित करने के लिए विगत कई वर्षों के  वज़ीरे  आज़म  नरेन्द्र मोदी जी के पूरे सार्वजनिक जीवन को 45 अलगअलग आलेखों और 9 चिंतन आलेखों के माध्यम से एक ग्रन्थ के रूप में साकार करने का हिंदी विवेक प्रकाशका कार्य सराहनीय और प्रशंसा के योग्य है। सदर  ने अपनी बात आगे बड़ाते हुए फरमाया  कि नरेन्द्र मोदी जी के पूरे जीवन को जानने और समझने के लिए इसे तीन हिस्सों में बांटे जा सकता है। पहला कालखंड यह कि एक विचारधारा के साथ अपने आप को संबद्ध कर बिना किसी पद के हजारों कार्यकर्ताओं का निर्माण करना। दूसरा यह किआज के दौर में जब सभी राजनीतिक दलों का एकमात्र लक्ष्य चुनाव में सफलता प्राप्त कर सत्ता प्राप्त करना रह गया हो तब विचारधारा के आधारपर संगठन की शक्ति से जनमानस में पार्टी को स्वीकृति दिलाने का बीड़ा भी गुजरात के संगठन मंत्री के रूप में श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी ने हीउठाया। उनके जीवन का तीसरा हिस्सा गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल। 2000 से लेकर2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में और 2014 से वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री के रूप में श्री नरेन्द्र मोदी जी ने यह करके दिखा दिया किमल्टी पार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम में किस तरह से शासन व्यवस्था को बदला जा सकता है और इसे एक लोककल्याणकारी राज्य में स्थापित कियाजा सकता है।  नरेन्द्र मोदी जी आज एक वैश्विक नेता के रूप में देश का नाम उंचा कर रहे हैं। बहुत सालों पहले स्वामी समर्थरामदास नेउपभोग शून्य स्वामीकी कल्पना की थी। आज के परिदृश्य यदि कोई इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है तो वे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैंजिन्होंने शासन व्यवस्था को सँभालते हुए सत्ता को उपभोग का नहीं, जन सेवा का माध्यम बनाया। उन्होंने केवल समर्थ रामदास जी कीउपभोग शून्य स्वामीकी कल्पना को साकार किया बल्कि चाणक्य नीतिसूत्र केराजा प्रथमोसेवकके परिभाषा को भी चरितार्थ कर दिखायाहै। बचपन में गरीबी, अभाव, अवहेलना और अपमान सहन करने के बाद एक बालक राष्ट्रवादी विचारधारा से जुड़ता है फिर भी बिनाकिसी कटुता को पाले राष्ट्रभक्ति और गरीबकल्याण को ही अपना धर्म बना लेता है। आगे चलकर जब उस व्यक्तित्व को समाज और राष्ट्र कीसेवा का अवसर प्राप्त होता है तो वह त्याग, तपस्या, समर्पण, राष्ट्र भक्ति और गरीबकल्याण के मूल्यों पर चलते हुए केवलअंत्योदयकेसिद्धांत को साकार करता है बल्कि जन सेवा को ही अपना राष्ट्र धर्म बना लेता है। ऐसे प्रखर व्यक्तित्व हैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी।

शाह ने कहा कि मैं अपने आप को बहुत भाग्यशाली मानता हूँ कि मुझे श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी के साथ बहुत नजदीक से काम करने का अवसरमिला है और उन्हें काम करते हुए देखने का भी अवसर मिला है। गुजरात में जब उन्हें संगठन की जिम्मेवारी सौंपी गई थी, तो वह गुजरात में भारतीयजनता पार्टी के लिए काफी कठिन कालखंड था। भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर केवल दो सीटें मिली थीं, पार्टी के सारे नेता निराश थे और उन्हें इसकाविश्वास कम ही था कि गुजरात में भाजपा कभी खड़ी भी हो सकती है। संगठन मंत्री के रूप में शून्य से शुरुआत करते हुए केवल उन्होंने राज्य मेंसंगठन को फिर से खडा किया बल्कि उसे विचारधारा के आधार पर चलने वाला संगठन बनाया और संगठन के आधार पर भारतीय जनता पार्टीको चुनाव जीतने वाली पार्टी के रूप में स्थापित किया। इन्हीं दो बिन्दुओं के आधार पर भाजपा के विकास की यात्रा देश भर में शुरू हुई। पहले भाजपा को केवल हिंदी भाषी राज्य की पार्टी माना जाता था, फिर भाजपा को शहरी पार्टी कहा जाने लगा लेकिन आज जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी औरकामाख्या से लेकर कच्छ तक पार्टी का झंडा शान के साथ लहरा रहा है। हमारा संगठन केवल देश के कोनेकोने हर बूथ तक पहुंचा बल्कि संगठनवह शक्ति बनी जिसने भारतीय जनता पार्टी को देश की जनता की आशाओं आकांक्षाओं की पूर्ति करने वाली पार्टी के रूप में स्थापित किया।संगठन की जो नींव श्री नरेन्द्र मोदी जी ने संगठन मंत्री के रूप में गुजरात में रखा, आज वही बटवृक्ष के रूप में देश की जनता के सामने खड़ा है।

 शाह ने कहा कि यूपीए सरकार तक आतेआते गठबंधन सरकारों की विफलता और अस्थायित्व के संकट से जब जनता परेशान हो गई औरदेश को यह डर सताने लगा कि कहीं हमने मल्टीपार्टी डेमोक्रेटिक सिस्टम को अपनाकर कहीं कोई गलती तो नहीं कर दी, जब लोगों की लोकतंत्रके प्रति श्रद्धा क्षीण होने लगी, तब उस वक्त गुजरात के डेवलपमेंट मॉडल के माध्यम से श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को एक नई राह दिखाई।कांग्रेस की यूपीए सरकार में हर तंत्र चरमराया हुआ था। हर मंत्री अपने आप को प्रधानमंत्री समझता था और प्रधानमंत्री की तो कोई सुनता ही नहीं था।अर्थव्यवस्था के सारे पैमाने नीचे की ओर जा रहे थे तब देश को नरेन्द्र मोदी जी में आशा की एक नई किरण दिखाई दी। देश ने उन्हें जननायक मानाऔर भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अपना प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाया। देश ने उनके नेतृत्व को खुले मन से स्वीकारते हुए उनके प्रति श्रद्धाव्यक्ति किया और उन्हें देश के प्रधानमंत्री पद पर प्रतिष्ठित किया।

 

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