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प्रधानमन्त्री की पत्रकारों से अपील “सत्य को दबाया ना जाये ,असत्य को उछाला ना जाये

चड़ते सूरज की सब पूजा करते हैं, पर छट ऐसा पर्ब है जिस में डूबते सूरज की पूजा की जाती है

(अंसारी जेड ए) नई दिल्ली: वर्ष २०१४ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार इस नारे के साथ आई- अबकी बार मोदी सरकार या यूँ कहें सबका साथ सबका विकास। वर्षों के बाद पूर्ण रूप से बहुमत में आने के बाद सर्वप्रथम पहली बार दीपावली के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ११ अशोक रोड नई दिल्ली बीजेपी (पुराना) मुख्यालय पर पत्रकारों के साथ रू-ब-रू हुए। उसके बाद २०१५ में भी प्रधानमंत्री पत्रकारों से रू-ब-रू हुए। फिर एक लंबे अरसे के बाद आज २०२३ में तीसरी बार प्रधानमंत्री बीजेपी के नए विस्तार कार्यालय DDU मार्ग पर पत्रकारों के साथ संवाद स्थापित किया ।
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नद्दा ने पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से खचाखच भरे बरामदे में अपनी तकरीर के सर्वप्रथम अल्फ़ाज़ों में बयान फरमाया, “भारत के वज़ीरे आज़म जनाब नरेंद्र मोदी जी की ये ख्वाहिश थी कि दीपावली पर अख़बार नवीशों से मुलाक़ात की जाए , पार्टी के सदर होने के नाते हमने प्रधानमंत्री जी की इस ख्वाहिश पर आप सब लोगों को आज इस दिवाली मिलन समारोह में एकत्रित किया है।
प्रधानमंत्री ने पत्रकारों से खिताब करते हुए फरमाया, पूरी दुनिया एक बहुत कठिन दौर से गुजरी है। कोविड ने मानव जाति पर बुरा प्रभाव डाला है जिसकी वजह से कई व्यवस्थाएँ खंडित हो गईं। जब में ११ अशोक रोड पर रहता था पार्टी कार्यालय पर काम करता था तब अक्सर सबसे मुलाक़ात हो जाती थी। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी एक दो बार मुलाक़ात हुई पर बीच में एक महामारी आ जाने के कारण बड़ा अंतराल हो गया।
प्रधानमंत्री ने कहा, त्योहारों पर रसोई पूरी तरह मसालों से भारी होती है । ठीक इसी तरह आप पत्रकारों के पास भी मसाला बहुत है। पाँच राज्यों के चुनाव हैं, वर्ल्ड कप है और भी बहुत कुछ है। पर आज जिस तरह से सोशल मीडिया का चलन है पूरी दुनिया आर्टिफीसियल इंटेलीजेंट के दौर से गुजर रही है ऐसे में सही और ग़लत सूचनाओं की पहचान करना बड़ा मुश्किल हो जाता है।
उन्होंने एक उदाहरण दिया कि हाल ही में उन पर किसी ने एक गरबा वाला वीडियो डाला जिसमें उन्हें गरबा करते हुए दिखाया गया था, जबकि यह सत्य ये है उनको बचपन में ग़रबा का बहुत शौक़ था, लेकिन अब उन्हें उसके लिए फ़ुर्सत ही नहीं मिलती। इससे उन्होंने पत्रकारों की ज़िम्मेदारी को बताया कि सही सूचनाएँ प्रदर्शित करना महत्वपूर्ण है सत्य को दबाना नहीं चाहिए, और असत्य को उछालना नहीं चाहिए।
जिस तरह से गेरुओं कपड़ा धारण करने से समाज में इज़्ज़त मिलती है, ठीक उसी तरह से जब मीडिया का नाम आता है, तो समाज उसे इज़्ज़त की दृष्टि से देखता है, पिछले दिनों, CHATGPT टीम ने मुझ से मुलाक़ात की थी, तब मैंने उनसे कहा था कि आपकी CHATGPT पर कुछ ऐसा आना चाहिए जिससे जिसे  देखने वाले  पहचान कर सकें कि क्या सच है और क्या ग़लत है। CHATGPT ने कहाँ “हाँ, हमने इसे बना तो दिया है, पर अब हम भी इससे चिंतित हैं।” प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल के माध्यम से वर्ष २०४७ तक देश को पूरी तरह से विकसित होने की बात पर भी जोर दिया।More on NewsIP

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