AAP= All Advertisement Party! BJP = बहुत झूठी पार्टी!-कांग्रेस
‘झूठों की सरकार’ व ‘झूठों के सरदार’ को नहीं दिल्ली से दरकार,

झूठों की सरकार व झूठों के सरदार यानि AAP व भाजपा की बहानेबाजी + जुमलेबाजी की नूराकुश्ती ने दिल्ली का दम घोंट दिया है। याद कीजिये – आम आदमी पार्टी ने आंदोलन कर भाजपा की मोदी सरकार बनवाई व भाजपा ने आम आदमी पार्टी के आंदोलन में शामिल होकर उसकी दिल्ली में सरकार बनवाई थी।आज भी ‘ताऊ झगड़ालू’ व ‘चाचा झगड़ालू’ ने हिंसा, नफरत और गाली गलौच के शोर में केंद्र की सरकार तथा दिल्ली की सरकार की विफलताओं, निकम्मेपन व नाकारापन पर पर्दा डालने का षडयंत्र किया है।यह एक ऐसा नाटक है जिसके एक किरदार हैं, मोदी जी और दूसरे हैं, केजरीवाल जी। व इस नाटक की प्रोड्यूसर है, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ। लक्ष्य केवल एक है – दिल्ली की जनता की आंखों पर पर्दा डाले रखो ताकि वो वाजिब सवाल न पूछ पाए।
AAP व भाजपा की असली सच्चाई है – AAP= All Advertisement Party! BJP = बहुत झूठी पार्टी!

आज जब चुनाव प्रचार संपन्न हो रहा है, तथा आप व भाजपा का झूठा शोरगुल व गालीगलौच बंद हो जाएगा, तो दिल्ली के इन दस सार्थक मुद्दों पर सोचकर एक बार फिर ‘कांग्रेस वाली दिल्ली’ को बनाने की जरूरत है।
क्या श्री अरविंद केजरीवाल जी व श्री नरेंद्र मोदी जी इन दस सवालों के जवाब देंगे :-
- मोदी जी व केजरीवाल जी, जन लोकपाल की मांग पर सत्ता में आए थे। मोदी जी ने तो पाँच साल बाद लोकपाल की नियुक्ति की और आज तक लोकपाल को कार्यालय व स्टाफ भी नहीं दिया। दूसरी तरफ दिल्ली का जन लोकपाल कहां है? क्या ये दोनों जनता को जवाब देंगे?
- केजरीवाल जी स्वराज बिल व मोहल्ला सभाओं को ताकत देने का वादा कर सत्ता में आए थे। तब आरएसएस ने भी इनका समर्थन किया था। पर स्वराज बिल केवल घोषणापत्र की लाईन बनकर ही क्यों रह गया?
- मोदी जी और केजरीवाल जी ‘युवाओं व रोजगार’ के लिए हानिकारक हैं। देश में बेरोजगारी 45 साल में सबसे अधिक है, यानि 7.53 प्रतिशत। CMIE के मुताबिक देश की राजधानी दिल्ली में बेरोजगारी की दर 15.03 प्रतिशत है।
AAP ने पाँच साल में 8लाख नौकरी देने का वादा किया था, पर रोजगार कार्यालय से मिली RTI के मुताबिक पहले तीन साल में केवल 214 नौकरियां मिलीं।
- पर्यावरण के नाम पर ‘दम घोंटने’ वाली दिल्ली बना दिया। दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है। यहां तक कि यमुना ‘डेथ बेड’ पर है। कहते हैं कि दिल्ली में रहने वाले हर व्यक्ति की उम्र आठ से दस साल कम हो जाती है।
याद करिए भाजपा से 1998-99 में भी कांग्रेस को कालिख वाली दिल्ली मिली थी। हमने एक करोड़ गाड़ियों, ऑटो व बसों को CNG में बदला। कार्बन डाई ऑक्साईड की मात्रा 72 प्रतिशत कम की, सल्फर डाई ऑक्साईड की मात्रा 57 प्रतिशत कम की,नाईट्रोजन ऑक्साईड की मात्रा 72 प्रतिशत कम की। दिल्ली की हरियाली को कांग्रेस ने 15 साल में 22 वर्ग किलोमीटर से बढ़ाकर 310 किलोमीटर किया। यादि दस गुना ज्यादा। दिल्ली के कोयले से चलने वाले सब बिजली कारखानों को गैस में बदल दिया। ये थी कांग्रेस! तो आज दिल्ली को मोदी जी और केजरीवाल जी ने गैस चैंबर में क्यों बदल दिया।
- दिल्ली की शिक्षा में उन्नति को केजरीवाल जी ने इश्तिहारों का ड्रामा बना दिया। शिक्षा का बजट तो दोगुना किया, पर क्या परिणाम सही हैं?
15 साल में कांग्रेस ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की बारहवीं कक्षा का रिज़ल्ट 65 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत तक किया था। पाँच सालों में बेतहाशा पैसा खर्च कर ये केवल 94 प्रतिशत ही पहुंचा है। ऐसा क्यों?
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दसवीं कक्षा का रिज़ल्ट कांग्रेस ने 35 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत तक कर दिया था। आज यह गिरकर 70 प्रतिशत रह गया है, ऐसा क्यों?
कांग्रेस ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या 8 लाख से बढ़ाकर 16 लाख की।
AAP के कार्यकाल में यह 15 लाख से कम हो गई। चार साल में 1,32,000 बच्चे स्कूलों से बाहर हो गए।
कांग्रेस ने हर साल 36 नए स्कूल बनाए। AAP ने 500 नए स्कूल निर्माण का वादा किया, पर पाँच साल में केवल 40 स्कूल ही बनाए। AAP ने गेस्ट टीचर्स को पक्का करने का वादा किया पर फेल साबित हुए। आज भी 11,000 से अधिक अध्यापकों की नौकरियां खाली क्यों हैं?
कांग्रेस ने 15 साल में 6 यूनिवर्सिटी बनाईं, 6 डीम्ड यूनिवर्सिटी बनाईं, 22 कॉलेज बनाए, 20 प्रोफेशनल कॉलेज बनाए, 5आईटीआई बनाईं, 12 पॉलिटेक्निक बनाए।
मोदी जी और केजरीवाल जी ने एक भी नई यूनिवर्सिटी, कॉलेज या इंस्टीट्यूट नहीं बनाया।
- मोदी जी और केजरीवाल जी के लिए देश की राजधानी का स्वास्थ्य एक जुमला बन गया है।
याद करिए कांग्रेस ने 15 साल में अस्पतालों की संख्या 18 से बढ़ाकर 39 कर दी, यानि 21 नए अस्पताल। अस्पतालों में मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या 4000 से बढ़कर 12000 हो गई, डॉक्टरों की संख्या 440 से बढ़कर 2400 हो गई, और डिस्पेंसरियों की संख्या 180 से बढ़कर 550 हो गई।
मोदी जी और केजरीवाल जी ने एक भी नया अस्पताल नहीं बनाया। ऐसा क्यों?
1000 मोहल्ला क्लिनिक्स का वादा था, पर पाँच साल में केवल 190 ही बन पाए।
- ट्रांसपोर्ट पर मोदी जी और केजरीवाल जी ने केवल ‘बातों का काम किया’, पर ‘काम की बात’ नहीं की।
आईआईटी, कानपुर के मुताबिक, दिल्ली में 60 प्रतिशत प्रदूषण, गाड़ियों व सड़क से उठने वाली धूल का है।
कांग्रेस ने 15 साल में डीटीसी की बसें बढ़ाकर 5445 की थीं। यह पाँच साल में घटकर 3500 रह गई हैं।
कांग्रेस ने दिल्ली मेट्रो फेज़ 1 व 2 बना दिया था, परंतु फेज़ 3 आज तक पूरा नहीं हो पाया और फेज़ 4 का नामोनिशान नहीं। मोदी जी और केजरीवाल जी ने जून और अक्टूबर 2017 में 2 बार मेट्रो का किराया जरूर बढ़ा दिया।
- बिजली बिलों की राहत एक फरेब के अलावा कुछ नहीं। मोदी जी और केजरीवाल जी ने दिल्ली की जनता से बिजली के नाम पर धोखा तो खूब किया पर सच्चाई यह है कि बिजली बिलों की राहत दिल्ली के 18 प्रतिशत कंज़्यूमर को मिली और 82 प्रतिशत को कुछ नहीं।
केजरीवाल जी ने कहा था कि प्राईवेट DISCOM को सब्सिडी नहीं देंगे। पर पाँच साल में 8532 करोड़ की सब्सिडी प्राईवेट DISCOM को दे डाली। यही नहीं, दिल्ली में बिजली की पर यूनिट औसत दर 8.45 रु. है, जो उत्तर भारत में सबसे अधिक है। और बिजली की प्राईवेट कंपनियों के ऑडिट का वादा सत्ता में आते ही भूल गए।
- साफ पीने का पानी अब दिल्लीवासियों के लिए एक स्वप्न बनता जा रहा है।
कांग्रेस ने 15 साल में दिल्ली की वाटर कैपेसिटी को 580 MDG (मिलियन गैलंस डेली) से बढ़ाकर 940 MDG किया था। पर मोदी जी और केजरीवाल जी ने 1 लीटर की बढ़ोत्तरी भी नहीं की। आज दिल्ली में टैंकर माफिया हावी है। दिल्ली जल बोर्ड में ही 1100 टैंकर हैं। 20 प्रतिशत दिल्ली पीने का पैकेज़्ड पानी पीती है। दिल्ली का 45 प्रतिशत सीवरेज़ बगैर साफ करे यमुना व अन्य नालों में फेंक दिया जाता है।
- गरीब पर मार मारने वाली दिल्ली बनाई मोदी जी और केजरीवाल जी ने
- झुग्गी गिराने वाली दिल्ली – जब सर्दी के मौसम में मोदी जी दिल्ली की झुग्गियां गिरा रहे थे, तो केजरीवाल जी चुप बैठे थे। कांग्रेस पार्टी ने अजय माकन बनाम भारत सरकार के माध्यम से झुग्गी वालों को पुर्नस्थापित करने का आदेश लिया। मोदी जी और केजरीवाल जी ने उसे आज तक लागू नहीं किया।
- दुकान व व्यापार की सीलिंग वाली दिल्ली – जब मोदी जी पूरी दिल्ली में सीलिंग लागू कर दुकानदारों और व्यापारियों की रोजी रोटी छीन रहे थे, तो केजरीवाल जी चुप बैठे थे। केवल कांग्रेस ने आवाज उठाई।
- रेहड़ी पटरी वालों की रोटी छीनने वाली दिल्ली – कांग्रेस ने रेहड़ी और पटरी वालों के लिए 2014 में कानून बनाया। उसे लागू करना तो दूर, दिल्ली से 1 लाख रेहड़ी पटरी वालों को जबरदस्ती हटा दिया गया।
- AAP ने 2 लाख शौचालयों का वादा किया, पर एक भी नया शौचालय बनाया नहीं।
- 14 जनवरी, 2020 की त्ज्प् के मुताबिक SC/ST/OBC/ Minority का बजट 2015-16 में 120 करोड़ से घटाकर अब 16.50 करोड़ कर दिया गया।
- PDS प्रणाली में दिल्ली में देश में तीसरे नंबर पर सबसे अधिक भ्रष्टाचार पाया गया।
- 2 लाख से अधिक पेंशन की दरख्वास्तें आज भी दिल्ली में पेंडिंग हैं। पाँच साल केवल हवा बनाने, कहानी गढ़ने और झगड़े का स्वांग करने में गुजार दिए। ऐसी झूठी पार्टियों को अलविदा कह कांग्रेस वाली दिल्ली फिर बनाने का समय आ गया है।
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