Message here

भोटिया जनजाति की महिलाओं को हस्तशिल्प हथकरघा के आकर्षक उत्पाद करने के लिए बेसिक प्रशिक्षण

(चमोली) माणा घिंघराण में भोटिया जनजाति की महिलाओं को हस्तशिल्प हथकरघा के आकर्षक उत्पाद तैयार करने हेतु ईपीसीएच दिल्ली की कंपनी द्वारा 3 महीने का बेसिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भोटिया जनजाति की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए कुशन, टोपी, मफलर, धोखा इत्यादि आकर्षक हस्तशिल्प ऊनी वस्त्रों की गुरूवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में प्रदर्शनी लगाई गई। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने हस्तशिल्प उत्पादों का निरीक्षण करते हुए प्रशिक्षण ले रही महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की खूब सराहना की। उन्होंने महिलाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि प्रशासन की तरह से हस्तशिल्प को बढावा देने के लिए हर संभव मदद दी जाएगी। इस दौरान महिलाओं ने अपने हाथों से तैयार किया गया शाॅल भी जिलाधिकारी को भेंट किया।
NHPC Display
Gail banner
गौरतलब है कि भोटिया जनजाति की महिलाएं पहले से ही कई तरह के गर्म एवं ऊनी वस्त्रों का उत्पाद तैयार करती आ रही है लेकिन परंपरागत तरीके से तैयार किए जा रहे वस्त्रों से इन महिलाओं को अच्छा मूल्य नही मिल पाता है। ईपीसीएच के डिजायनर रणबीर सिंह एवं समन्वयक अनिल बिष्ट ने बताया कि अब इन महिलाओं को एब्रोइडरी बेस प्रशिक्षण देकर हस्तशिल्प उत्पादों को और भी आकर्षक तरीके से तैयार कराया जा रहा है। इसके लिए डीसी हैडीक्राफ्ट देहरादून द्वारा वित्तीय सहायता दी जा रही है। इन महिलाओं द्वारा तैयार किए उत्पादों को ग्रेटर नोएडा में लगने वाले एशिया के सबसे बडे हस्तशिल्प हथकरघा मेले में प्रदर्शित एवं विपणन कराया जाएगा। इस दौरान जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक डा0 एमएस सजवाण एवं अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे
error: Content is protected !!