विश्व में बेहद तेजी से महामारी का रूप धारण कर चुकें कोरोना वायरस की घातक मार के चलते, आज कोरोना वायरस की हर देश में हर तरफ जबरदस्त चर्चा है, वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण के चलते हमारे देश में स्थिति यह हो गयी है कि कोरोना वायरस को भारत में तेजी से फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 8 बजे अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में, 25 मार्च से 21 दिन का 14 अप्रैल तक का देश में पूर्ण रूप से लॉकडाउन घोषित कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा हम सभी देशवासियों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से लिए गए इस निर्णय को हम सभी को समय रहते ही अपने व देशहित में समझना होगा, सभी देशवासी लॉकडाउन का ईमानदारी से पालन करें, क्योंकि जब तक हम घर के अंदर बंद है तब तक पूर्ण रूप से सुरक्षित है और उस समय घर के बाहर महामारी फैलाने वाले कोरोना वायरस का अस्तित्व खतरें में है, हमारे लॉकडाउन के समय घर में रहने के इस ईमानदार प्रयास से देश में धीरे-धीरे कोरोना का वजूद आने वाले समय में समाप्त हो सकता है, हम सभी को हौसले के साथ एकजुट होकर दृढतापूर्वक संकल्प व संयम के साथ घर में रहकर भारत से इस महामारी के वायरस का वजूद बहुत जल्द ही मिटाना है। वैसे
भारतीय इतिहास में लॉकडाउन के चलते इस तरह के हालात पहली बार उत्पन्न हुए हैं। मानव चेन के द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण के बहुत तेजी से प्रसार के चलते, उस चेन को तोड़ने के उद्देश्य से आज हमारे देश के अधिकांश समझदार देशवासी अपने घरों के अंदर बचाव के लिए सरकार के आदेशानुसार बंद हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से अपने परिवार व रिश्तेदारों को बचाने के लिए घर-घर में कोरोना से बचाव के उपायों के बारे में जानने की जबरदस्त जिज्ञासा है, जिसका फायदा सोशल मीडिया के बयान वीर जमकर उठा रहे हैं, वो इस घातक कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के बारे में तरह-तरह के उपाय बता रहे हैं और इस बेहद तनावपूर्ण हालात में भी लोगों के बीच अफवाह फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। लेकिन हम सभी को हमेशा याद रखना है कि आधा-अधूरा ज्ञान के चलते यह नीम हकीम वाली प्रणाली एक पल में उस पर अमल करने वाले व्यक्ति के लिए खतरा-ए-जान बन सकती है, इसलिए सोशल मीडिया पर चल रही किसी भी बात की सत्यता परखें बिना उस पर अमल ना करें और ना ही उसको किसी दूसरे व्यक्ति को फारवर्ड करें। वैसे यहाँ आपको बता दे कि कोरोना वायरस का विश्व में अभी तक कोई कारगर इलाज नहीं है, भारत के अलावा भी बहुत सारे देशों के वैज्ञानिक इस घातक वायरस का इलाज ढूंढने के लिए पूरे जूनून के साथ लगें हुए हैं। कुछ देशों में इसकी वैक्सीन का ट्रायल शुरू भी हो गया है, जिसका सकारात्मक परिणाम आने पर उसको बाजार में आने में अभी लगभग दो वर्ष का लम्बा समय लग सकता है। आज के समय में इस कोरोना वायरस से बचाव ही एकमात्र सबसे कारगर उपचार है, इसलिए घरों में रहकर लॉकडाउन के नियमों का सही ढंग से पालन करें, क्योंकि इस वायरस से बचने का सबसे कारगर तरीका अभी तक सुरक्षित बचाव के उपायों पर अमल करना ही हैं। इसलिए कोरोना वायरस के संक्रमण से खुद को व अपने सभी परिजनों को सुरक्षित रखने के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदारी के साथ बचाव के लिए सरकार के द्वारा जारी किये गये दिशा निर्देशों का सही ढंग से समय से पालन करें। हमारे देश में आज इस कोरोना वायरस की ताकत ने विपरीत से विपरीत परिस्थितियों में भी कभी एकजुट ना होने वाले देश के राजनेताओं व कुछ लोगों को भी तत्काल एकजुट कर दिया है, जो संकट से जूझ रहे देश के लिए अच्छी बात है। आज देश में उत्पन्न इस बेहद विकट परिस्थिति में हम सभी देशवासियों को यह समझना होगा कि ‘जान है तो ही जहान है’ अगर जान ही सुरक्षित नहीं रहेंगी तो यह धन-दौलत शोहरत किस काम आयेगी, इसलिए खुद को अपने परिजनों को पूर्ण संयम व संकल्प के साथ सावधानी बरतते हुए घरों में सुरक्षित रखें।
जिस तरह से चीन से चलकर कोरोना वायरस के संक्रमण ने आज चंद माह में ही पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। मानव इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी वायरस ने एक-एक करके देशों की सीमाओं को लांघते हुए मात्र कुछ माह में ही बहुत सारे देशों को बहुत तेजी से अपनी चपेट में ले लिया। आज कोरोना वायरस के जबरदस्त प्रकोप ने कुछ ही दिनों में हंसती-खेलती सम्पूर्ण मानवजाति के अस्तित्व पर एकाएक जीवन-मरण का प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। विश्व का हर देश पिछले कुछ समय से अपनी सभी तरह की दिक्कतों को भूलकर, आज मानव सभ्यता के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुके कोरोना वायरस के घातक संक्रमण से अपने लोगों को बचाकर सुरक्षित रखने के लिए जबरदस्त तरीकों से जंग लड़ रहा है। लेकिन अफसोस किसी भी देश को अभी तक इस घातक वायरस पर विजय हासिल करने का कोई ठोस कारगर उपाय नहीं सूझ रहा है। सम्पूर्ण विश्व में मानव सभ्यता पर वायरस के कहर का संकट दिन-प्रतिदिन बहुत तेजी से गहराता जा रहा है। आज हर देश की स्थिति किसी युद्ध के समय पर घोषित आपातकाल वाली हो गयी है। भारत के साथ-साथ विश्व के अधिकांश देशों के सारे सिस्टम के सामने सबसे बड़ी प्राथमिकता आज अपने देशवासियों को कोरोना से संक्रमित होने से बचाने की हो गयी है, शासन-प्रशासन, डॉक्टरों व सभी प्रकार के सहयोगी स्टाफ के बाकी सब काम लंबित कर दिये गये हैं, सभी को कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने की जिम्मेदारी दी जा रही है। इस कोविड-19 वायरस के घातक हमले के कहर के चलते दुनिया के संक्रमित 198 देशों की अधिकांश आबादी कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए हर समय अपने घरों के अंदर बंद रहने पर मजबूर है। कोरोना के चलते विश्व में 21,297 (4.51 प्रतिशत) लोगों की अब तक मौत हो चुकी है, 471,821 लोग इसके संक्रमण से ग्रसित हुए हैं, जिसमें 335,821 लोग अभी एक्टिव पेशेंट है, अभी तक 114,703 (24.31 प्रतिशत) संक्रमित लोग ठीक हो गये हैं। हमारे देश भारत में गुरुवार दोपहर तक 674 लोग संक्रमित हुए, जिसमें 47 विदेशी नागरिक शामिल है, इस में 618 संक्रमित लोग अभी एक्टिव पेशेंट है, अभी तक 13 लोगों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गयी है, साथ ही 43 लोग ठीक हो गये है। चीन, अमेरिका, स्पेन, इटली, ईरान आदि में बने भयावह हालातों की विभीषिका देखकर हर किसी व्यक्ति का मन द्रवित हो उठता है, कोरोना वायरस के घातक संक्रमण के हमले के चलते विश्व में हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है, ताकतवर से ताकतवर दुनिया के देशों को भी इस वायरस को हराने का कोई ठोस कारगर रास्ता नहीं सूझ रहा है।भारत में कोरोना वायरस को हराकर उस पर विजय हासिल करने के लिए सभी देशवासियों को पूर्ण रूप से ईमानदारी व बेहद जिम्मेदारी के साथ अपने-अपने दायित्व का निर्वहन करना होगा, संकट की इस स्थिति में हम लोगों को अपने आसपास रह रहे प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करने के लिए तैयार रहना है, बेजुबान जानवरों के लिए खुद व प्रशासन से खाने व पानी का इंतजाम करवाना है। हम सभी को घरों के अन्दर बंद रहते हुए केंद्र व राज्य सरकारों की एडवाइजरी का अक्षरसः समय रहते पालन करना है, तब ही हम बेहद अत्यधिक जनंसख्या घनत्व वाले अपने देश भारत की जनता को इस कोरोना महामारी के प्रकोप से सुरक्षित रख सकते हैं। देश में जब तक इस महामारी का भयानक प्रकोप जारी है, तभी तक हमको यह सुनिश्चित करना होगा कि हम घरों में बंद रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का हर हाल में बहुत ज्यादा ध्यान रखें, कोई भी नागरिक अपने घरों से बाहर ना निकलें, ना ही गलियों व मेन रोड़ पर जाएं, ना ही सोसायटी में एक साथ एकत्र हों, ना ही इकट्ठा झुंड बनाकर खेलें। हम सभी लोग खुद की, अपने परिवार की और देश की सुरक्षा की खातिर लॉकडाउन के समय अपने घरों में ही बंद रहें। अगर किसी के सामने कोई आपातकालीन स्थिति आ जाती है और उसको घर से बाहर जाना पड़ता है, तो हर हाल में उस समय सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान अवश्य रखना है, उस स्थिति में भी हमकों आपस में मिलते समय कम से कम एक मीटर से अधिक की दूरी बनाकर रखना हैं। क्योंकि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलाने से रोकने में हर व्यक्ति का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। हम सभी को समझना होगा कि किसी भी स्तर पर की गयी लापरवाही वो चाहे किसी एक व्यक्ति, डॉक्टर, नर्स या अन्य सभी जिम्मेदार कर्मचारियों के द्वारा बरती गयी हो, वह लापरवाही देश व समाज को बहुत ज्यादा मंहगी पढ़ सकती है, एक चूक भारत के किसी भी शहर को दुनिया का नया वुहान बना सकती। इसलिए हम सबकों जिम्मेदार नागरिक बनना है और पूर्ण सावधानी के साथ सुरक्षा बरतते हुए सोशल डिस्टेंसिंग बना कर रखना होगा, इस पर में अपनी चंद पंक्तियों के माध्यम से कहना चाहता हूँ कि
“कोरोना को हराना है,
देशवासियों को बचाना है,
इक्कीस दिन तक घर में रहकर,
खुद की जान बचाना है,
संकल्प और संयम की शक्ति से,
लॉकडाउन का पालन करके,
हमकों देश की जनता को बचाना है,
भारत को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाना है।”
हमें हर समय याद रखना कि पूरे विश्व में अभी तक बचाव ही इस कोरोना वायरस नामक घातक बिमारी का एकमात्र उपचार है। इस मंत्र के साथ ही हम सभी देशवासियों को खुद के, अपने परिजनों के व देश और समाज के हित में शपथ लेनी है कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार के दिये गये हर निर्देश का पालन करेंगे, लॉकडाउन में हर परिस्थिति में घर के अंदर रहकर, इस घातक कोरोना वायरस को हराकर जल्द देश से भगाना है और देश की प्यारी जनता को संक्रमण से बचाना है।-दीपक त्यागी