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वित्त मंत्रालय में भ्रष्ट अधिकारियों से राज कोष को भारी नुक़सान

(वरिष्ठ सवांददाता) नई दिल्ली: देश के प्रधानमंत्री दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे तो देश में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण दुनिया में आयी अर्थव्यवस्था में सुस्ती का भारत पर असर न पड़े इसके लिए एक के बाद एक कदम उठा रही है। हाल के दिनों में कई तरह के रियायतें देने के बाद अब सरकार की तैयारी खर्च बढ़ाकर अर्थव्यवस्था की रफ्तार को तेज करने की है। इसी दिशा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों सभी मंत्रालयों से अगली चार तिमाही के लिए पूंजीगत व्यय की विस्तृत योजनाएं पेश करने को कहा है ताकि खर्च बढ़ाकर आर्थिक गतिविधियों को तेज किया जा सके। देश अर्थव्यवस्था पटरी पर रहे इसके लिए वित्त मंत्री लगातार जीतोड़ मेहनत कर रही है। लेकिन दूसरी ओर वित्त मंत्रालय में भी कुछ अति वरिष्ठ अधिकारियों की अनियमिता एवं गलत कारगुजारी की वजह से राष्ट्रीय कोष को भारी राजस्व क्षति पहुंचाने की खबरें आ रही है।

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सूत्रों के हवाले से हमें जो खबर मिली है उसके तमाम दस्तावेज हमारे सवांददाता के पास है। सूत्रों के मुताबिक कुछ समय पहले केंद्रीय राजस्व खुफिया निदेशालय को खबर मिली कि मुम्बई की एक कम्पनी कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से अपने रासायनिक उत्पाद जिस श्रेणी में आयात करवा रही थी उसकी बेसिक कस्टम डयूटी 10 फ़ीसदी बनती है। लेकिन इन्हीं उत्पादों को गलत श्रेणी में रखकर सिर्फ 7.5 फ़ीसदी बेसिक कस्टम डियूटी भरी गयी। जिससे सरकार को लाखों का चूना लगाया गया। दरअसल, इसी सिलसिले में साल 2016 को संबंधित कम्पनी के परिसरों की तलाशी ली गयी एवं 1.18 करोड़ मूल्य का सामान बरामद किया गया। और कंपनी के प्रबंधक निदेशक को गिरफ्तार कर लिया गया, पकड़े जाने के बाद कम्पनी ने कस्टम ड्यूटी के तौर पर पांच करोड़ रुपए जमा करवाये।

साल 2018 में सीबीआईसी के कुछ अधिकारियों ने जांच के बाद स्पष्ट किया कि कस्टम टेरिफ के अनुसार उत्पादों की निजी लैब जांच सही थी लेकिन सीबीआईसी ने पाया कि सीआरसीएल बड़ौदा सरकारी लैब की रिपोर्ट अधूरी थी। इस समूचे घटनाक्रम बाद मामला सामने आया कि कुल मिलाकर इस मामले में कुछ अधिकारियों द्वारा विभाग को गुमराह करने एवं अनियमितताएं बरतने का मामला सामने आया। सूत्र बताते हैं कि जिन अधिकारियों के तार इन मामलों से जुड़े हैं वे केंद्र की मोदी सरकार में मौज कर रहे हैं और जल्दी ही विदेशी तैनाती की तैयारियों में लगें। जो हिंदुस्तान में अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करने से बाज नही आये वो कहीं विदेश में मोदी सरकार पर बट्टा ना लगा दे।

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