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वाणिज्य मंत्री के साथ बैठक में कैट ने ई-कॉमर्सपॉलिसी को शीघ्र लागू करने पर ज़ोर दिया

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भारत में ई-कॉमर्स पर उद्योग भवन में केंद्रीयवाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल के साथ एकबैठक में, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स(कैट) ने एक लिखित ज्ञापन  में कहा कि देश मेंई-कॉमर्स के कारोबार को नए सिरे से खड़ा करनेऔर ई-कॉमर्स नीति को तुरंत लागू करने कीआवश्यकता है

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श्री पीयूष गोयल को सौंपे अपने ज्ञापन में कैट नेकहा है कि ई-कॉमर्स नीति में तेजी से काम करनेपर, सरकार ने एक मजबूत कदम उठाते हुए अपनेइरादों को स्पष्ट कर दिया है और नीति को उसकेसही अर्थों में लागू करने पर सरकार पहल कर रहीहै ।हालाँकि, नीति के अनुपालन की निगरानी एकबड़ी चुनौती है क्योंकि किसी भी नियामक तंत्र कीअनुपस्थिति में, सरकार को देश में काम करनेवाले ई-कॉमर्स पोर्टल्स की वास्तविक संख्या केबारे में बहुत कम जानकारी है क्योंकि किसी भीप्राधिकरण के साथ उनका पंजीकरण अनिवार्यनहीं है। देश में ई-कॉमर्स परिदृश्य कोसुव्यवस्थित करने के लिए कैट ने अनेक सुझावदिए

  1. हम डेटा स्थानीयकरण के प्रावधान के लिएपूरी तरह से सरकार का समर्थन करते हैं जो किसीभी इकाई द्वारा डेटा के दुरुपयोग को रोकने केलिए बहुत महत्वपूर्ण है।
  2. भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय को विनियमितकरने और इसकी निगरानी करने के लिए पर्याप्तशक्तियों के साथ एक नियामक प्राधिकरण कागठन किया जाना चाहिए जो ई-कॉमर्स नीति काउल्लंघन करने वाली इकाई के खिलाफ कार्रवाईया दंडित करे।
  3. वैश्विक ई-कॉमर्स खिलाड़ियों पर लगाए गएप्रतिबंध और शर्तों को घरेलू ई-कॉमर्स कंपनियोंपर भी लागू किया जाना चाहिए ताकि ए कामर्स मेंसबके लिए बराबरी हो
  4. प्रत्येक ई-कॉमर्स पोर्टल को अपने संचालन सेपहले प्राधिकरण से पंजीकरण प्राप्त करनाचाहिए। पंजीकरण के बिना व्यवसाय संचालितकरने वाली किसी भी संस्था को कड़ाई से दंडितकिया जाना चाहिए।
  5. ई बाज़ार के रूप में काम करने वाले वाणिज्यपोर्टलों का भारत में अनिवार्य रूप से एककार्यालय होना चाहिए।
  6. ई-कॉमर्स के मार्केट प्लेस और इन्वेंट्री मोडलके बीच स्पष्ट अंतर होना चाहिए।
  7. प्रत्येक पोर्टल को सरकार की नीति औरनियमों के उचित अनुपालन के लिए प्रत्येक वर्षप्राधिकरण से एक अनुपालन प्रमाणपत्र प्राप्तकरना चाहिए।
  8. मार्केटप्लेस संस्थाओं की समूह कंपनियों द्वाराखरीदारों को कोई कैश बैक की अनुमति नहीं दीजानी चाहिए।
  9. ऑफ़लाइन व्यापारियों, छोटे उद्योगों और घरेलूनिर्माताओं पर ई कॉमर्स के प्रभाव का आकलनकरने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाईजानी चाहिए और समिति की रिपोर्ट औरसिफारिश के बाद आवश्यक कदम उठाए जानेचाहिए।
  10. आरबीआई द्वारा लाइसेंस प्राप्त भुगतान गेटवेसेवा प्रदाताओं को अपतटीय खुदरा विक्रेताओं कीओर से स्रोत पर कर की कटौती के बिना भारत सेबाहर धन भेजने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
  11. ई कॉमर्स के माध्यम से आपूर्ति पर नकदी परप्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और इसके बजायडिजिटल मोड द्वारा भुगतान की अनुमति दी जानीचाहिए।
  12. यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए किशिकारी मूल्य निर्धारण, गहरी छूट और हानिवित्तपोषण सहित सभी प्रकार के दोष

ई-कॉमर्स व्यवसाय में मौजूद नहीं हैं।

  1. वैश्विक और घरेलू दोनों ई-कॉमर्स कंपनियोंको कवर करने वाली एक व्यापक ई-कॉमर्सपॉलिसी की घोषणा की जानी चाहिए ताकि देशके ई-कॉमर्स व्यवसाय में समान स्तर के खेल औरनिष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित की जा सके।
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