हाट गाँव के पौराणिक मंदिर पूर्णतः सुरक्षित हैं-टीएचडीसी

समाचार पत्रों में गलत सूचना दी जा रही है कि 22 सितम्बर 2021 को ध्वस्तीकरण के दौरान हाट गाँव के पौराणिक मंदिरों को भी तोड़ा गया, जो कि पूर्णतः तथ्यहीन एवं वास्तविकता से परे है।

ऋषिकेश: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा उत्तराखंड के चमोली जिले में राष्ट्रीय महत्व की जन कल्याणकारी 444 मेगावाट की विष्णुगाड-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना का निर्माण किया जा रहा है | इस निर्माणाधीन परियोजना हेतु चमोली जिले के हाट ग्राम की भूमि अधिग्रहित की गयी है। इसी क्रम में, हाट गाँव में अवैधानिक रूप से स्थित अवशेष 16 भवनों (जो परियोजना के निमार्ण कार्य में बाधक बन रहे थे) का ध्वस्तीकरण दिनांक 22 सितम्बर 2021 को किया गया |  उक्त भवनों का ध्वस्तीकरण एक प्रकिया के तहत ही  किया गया।परंतु हाट गाँव में ध्वस्तीकरण के उपरान्त कुछ समाचार पत्रों द्वारा भ्रामक प्रचार किया जा रहा है | इन समाचार पत्रों में गलत सूचना दी जा रही है कि 22 सितम्बर 2021 को ध्वस्तीकरण के दौरान हाट गाँव के पौराणिक मंदिरों को भी तोड़ा गया, जो कि पूर्णतः तथ्यहीन एवं वास्तविकता से परे है। इस घटना पर टीएचडीसी की विष्णुगाड -पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना के उप महाप्रबन्धक (मा.सं. एवं प्रशा.), श्री एस. के. शर्मा ने ज़ोर देकर कहा कि ऐसी खबरें सच्चाई से परे हैं क्योंकि हाट गाँव के सभी मंदिर पूर्णतः सुरक्षित हैं एवं परियोजना प्रबंधन उन मंदिरों के संरक्षण एवं संर्वधन हेतु पूर्णतः कृतसंकल्प एवं प्रतिबद्ध है।

इसी दिशा में टीएचडीसी परियोजना प्रबंधन द्वारा पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान को पत्र लिखकर उक्त मंदिरों के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार हेतु सुझाव मांग गया है जिसको शीघ्र ही अमल में लाया जाएगा। साथ ही निगम परियोजना के निर्माण एवं निष्पादन में सन्निहित पर्यावरणीय एवं सामाजिक मुल्यों के प्रति प्रतिबद्ध है | साथ ही परियोजना प्रभावित परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के उत्थान के लिये सदैव प्रयासरत रहना ही निगम का उद्देश्य है।

इसके अतिरिक्त परियोजना प्रबंधन परियोजना प्रभावित क्षेत्रों में विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिये प्रतिबद्ध है। इसलिए परियोजना प्रबंधन राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना के निमार्ण में परियोजना प्रभावित क्षेत्रों के जनमानस से सहयोग की अपेक्षा करता है।

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