श्री हरी के लिए गरीब और अमीर दोनों ही सामान रूप से प्रिय है और वे इन दोनों में किसी तरह का भेद नहीं करते है इसलिए भगवान श्री हरी को दीनबंधु भी कहा जाता है,केंद्रीय विहार – 2, सेक्टर 82 में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के सातवे व समापन दिवस पर कथा व्यास पंडित श्री संजीव मिश्रा ने उपस्थित भक्तजनों को बताया l समापन अवसर पर श्रीमद भागवत कथा व्यास पंडित श्री संजीव मिश्रा और संस्कृत पाठ व्यास पंडित अखिलेश मिश्रा द्वारा भक्तजनों को ये भी बताया गया की श्रीमद भागवत कथा के सातों अध्याओं को काम, क्रोध, मद् , लोभ और मोह की पाचों इन्द्रियों को वश में करके सुना जाए तो मोक्ष की प्राप्ति उसी प्रकार हो सकती है जैसे राजा परीक्षित को मोक्ष प्राप्त हुआ था l भक्त वत्सल श्री हरी अपने सभी भक्तों की रक्षा करने वाले और दयानिधान हैं l श्री मद भागवत कथा के सातवें अध्याय के साथ ही 14 दिसंबर से चलने वाले इस कथा का समापन आज हो गया l केंद्रीय विहार -2 के भागवत कथा के आयोजक श्रीमती सुदेश शर्मा, श्रीमती रेनू मिश्रा, श्रीमती मधु मिश्रा और पंडित राम शर्मा पुजारी के अथक प्रयासों में श्रीमती शिमला वर्मा, श्रीमती प्रिया सक्सेना, श्रीमती उषा ग्रोवर, श्रीमती गीता और सजंय वर्मा सहयोगी रहे l 21 दिसंबर 2021 को हवन पूजन व् भंडारे का आयोजन समस्त केंद्रीय विहार निवासियों द्वारा प्राचीन शिव मंदिर प्रांगड़ में किया जा रहा है l
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