मीठा मीठा गप गप, कड़वा कड़वा थू -थू

पूर्वी दिल्ली : दिलशाद कालोनी ABDE ब्लॉक का RWA चुनाव ना हो गया हो मानो कोई कुबेर के ख़ज़ाने को पाने की जंग हो रही हो, जहां चुनाव जीतने वाले पैनल वाले ये दुहाई दे रहे हैं  कि हमे हारने वाले पैनल ने चार्ज नहीं दिया है और हारने वाले पैनल का ये इल्ज़ाम है कि बेईमानी से जीतने वालों को चार्ज क्यों दिया जाये, जब चुनाव में धाँधले बाज़ी हुई है तो फिर चार्ज क्यूँ दें ?

जैसा कि newsip ने पहले भी अपने पाठको को ये अवगत कराया था कि RWA का ये चुनाव विवादों के घेरे में आ चुका है हमारे ख़ुफ़िया रिपोर्टर ने कुछ ऐसे दस्तावेज़ उपलब्ध कराये हैं जिससे जीती हुई बाज़ी हार में भी बदल सकती है। और हारे हुए पैनल को मुँह की भी खानी पड़ सकती है ? उसी कड़ी में आज हम एक दस्तावेज़ के आधार पर होने वाली कार्यवाही से आपको अवगत करा रहे हैं।

न्यायालय वाद संख्या 13 वाद दाखिल करने की तारीख़ 23-09-2022, न्यायालय द्वारा दोनों पार्टियों को एवं चीफ चुनाव कमिश्नर को  हाज़िर होने की तारीख़ 26/09/2022 शाम चार बजे।

अब देखना ये होगा कि न्यायलय के सामने दोनों पार्टी अपना पक्ष कितनी मज़बूती से रखती हैं, जहां तक हमारे एक्सपर्ट्स कि राय है तो इस बारे में  हमने दिल्ली प्रशासन में रहे एक पूर्व SDM एवं असिस्टेंट रजिस्ट्रार सोसाइटी से गुफ़्तगू की उनके  मुताबिक़ ये देखा गया है कि हारने वाली पार्टी का हमेशा ये इल्ज़ाम होता है कि इलेक्शन में धाँधले बाज़ी हुई है और जीतने वाली पार्टी कहती है कि ये लोकतंत्र में जीते हुए उम्मीदवारों के साथ ना इंसाफ़ी जैसा है, ऐसे मामले में अक्सर आर्बिटेटर नियुक्त किया जाता है या फिर MM को मामला रेफ़र कर दिया जाता है, कई बार ऐसा भी हुआ है कि हारे हुए उम्मीदवारों के पक्ष में फ़ैसला आया और जीतने वालों ने उसे हाई कोर्ट में चैलेंज कर दिया , कोर्ट की लड़ाई हमेशा लंबी होती है इसमें जो पार्टी तथ्य पेश करती है उसकी ही जीत होती है, मौखिक आधार पर कुछ नहीं होता ।

 

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