नई दिल्ली: संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भावनात्मक और महत्वपूर्ण वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा, “जिसको कोई नहीं पूछता, उसको मोदी पूजता है।”
प्रधानमंत्री ने अपने इस वक्तव्य के जरिए समाज के वंचित और हाशिये पर मौजूद लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को व्यक्त किया। उन्होंने संविधान की मूल भावना की सराहना करते हुए कहा कि यह दस्तावेज हर नागरिक को समान अधिकार और अवसर प्रदान करता है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि उनकी सरकार ने गरीबों, पिछड़ों और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता हमेशा समाज के सबसे कमजोर वर्गों तक विकास की किरणें पहुंचाने की रही है।
यह बयान उस समय आया है जब संसद में संविधान और इसके आदर्शों को लेकर व्यापक चर्चा हो रही है। पीएम मोदी के इस वक्तव्य को देशभर में विभिन्न वर्गों द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।