Take a fresh look at your lifestyle.

मिर्गी में बदबूदार जूता सूंघाने  से पहले ये जरूर जानें

rec_advt
271 Hindi PNB ONE AD leaflet 05-01
pfc_ab_hai_maha_ratna
NTPC Logo_Feb_2023 PDF
SBI now Whatsapp_AW
Shadow
rec_advt
NTPC Logo_Feb_2023 PDF
pnb_advt_oct_Whatsapp Banking 33x5cm-01
pfc_logo_feb_2023
SBI now Whatsapp_AW
pnb_logo
pfc_strip_advt
scroling_strip
mssion_antoydya
Shadow
विभिन्न आयु वर्ग के लोगों में एपिलेप्सी की समस्या बढ़ती जा रही है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 50 मिलियन लोग इस प्रगतिशील स्थिति से पीड़ित हैं। यह देखा गया है कि मिर्गी से पीड़ित 70% से अधिक लोग निम्न और मध्यम आय वाले देशों से आते हैं। इस वजह से, इस बीमारी के लिए पर्याप्त जागरूकता और उपचार की कमी है, जनाकारी दी डॉ नीति कपूर कौशल, कंसलटेंट, न्यूरोलॉजी, मणिपाल हॉस्पिटल्स,  ने ।
उन्होंने कहा कि आम लोगों के को एपिलेप्सी को लेकर बहुत सारे मिथ हैं, जिनके बारे में लोगों को जागरूक होना जरूरी है जैसे कि
मिथ- लोगों में एक गलत धारणा है कि मिर्गी से पीड़ित लोगों को मानसिक समस्याएं होती हैं। 
सत्य- यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह एक शारीरिक और कार्यात्मक समस्या है। जीवनशैली और वर्क कल्चर में अचानक बदलाव के साथ, तनाव रोज़मर्रा के जीवन में बहुत आम हो गया है और यह प्रत्येक व्यक्ति को अलग तरह से प्रभावित करता है। दैनिक असुविधाएँ और तनाव मिलकर चिंता, झुंझलाहट, लाचारी और उदासी पैदा कर सकते हैं, जिससे एपिलेप्सी हो सकता है।
मिथ- कई लोगों का यह भी मानना है कि इस स्थिति को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करना असंभव है। 
सत्य- स्वास्थ्य सेवाओं में प्रगति के साथ, एपिलेप्सी का इलाज, उसे कम करने, नियंत्रित करने और यहां तक कि खत्म करने के कई तरीके हैं। एंटी- एपिलेप्टिक दवाएं लगभग 70% मरीज़ो में एपिलेप्सी को नियंत्रित कर सकती हैं। बाकी 30% मामलों को एपिलेप्सी की सर्जरी से प्रबंधित और इलाज किया जा सकता है। नियमित जागरुकता और उचित इलाज जरूरी है क्योंकि एपिलेप्सी किसी को भी कभी भी हो सकती है। एक स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखना, तनाव के स्तर को कम करना और नियमित व्यायाम में शामिल होना, ये सभी दौरों को रोकने में मदद कर सकते हैं।
मिथ- ऐसा माना जाता है कि एपिलेप्सी के मरीज़ो के बच्चों में यह स्थिति विकसित होने की संभावना होती है। 
सत्य- हमेशा ऐसा नहीं होता है। इसमें बहुत कम जोखिम होता है क्योंकि एपिलेप्सी किसी एक जीन के कारण नहीं होती है। इस स्थिति को ट्रिगर करने में कई जीन होते है और अन्य कई कारक शामिल हैं।
मिथ- लोगों का यह भी मानना है कि मिर्गी के साथ सामान्य जीवन जीना असंभव है। 
सत्य- उचित प्रबंधन और उपचार के साथ, मिर्गी से पीड़ित लोग अपनी सामान्य जीवन शैली में वापस जा सकते हैं। यह सच है कि यह स्थिति दैनिक जीवन शैली को प्रभावित कर सकती है लेकिन कुछ नियंत्रण के साथ इसे ट्रिगर करने से बच सकते हैं। साथ ही, एपिलेप्सी से पीड़ित लोग सही दवा का पालन करके लंबी और स्वस्थ जीवन शैली जी सकते हैं।

Leave a Reply

x
error: www.newsip.in (C)Right , Contact Admin Editor Please
%d bloggers like this: