GAIL+NTPC+दिल्ली सरकार+तीन राज्यों में चुनाव =दिल्ली में अंधेरे का ख़ौफ़ ?

दिल्ली सरकार ने दिल्ली में अंधेरे की बात कह कर दिल्ली वासियों के दिलों में ये दहशत पैदा कर दी है कि अगर त्योहारों के इस मौक़े पर दिल्ली में ब्लैक आउट होता है तो त्योहारों की रौनक़ फीकी पड़ जाएगी, ये नक्कारा उस वक्त बजा है जब दशहरा और दीपावली का पर्व क़रीब है सभी को पता है बिना बिजली के पर्व का कोई मतलब आज की तारीख़ में नही रह जाता वो ज़माना और हुआ करता था जब मोमबत्ती या दिए जला कर पर्वों को हर्षों उल्लास से मनाया जाता था।
पहले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और फिर दिल्ली बिजली मंत्री ने मोर्चा सम्भाला तो केंद्र की तरफ़ से केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और बाद में ग्रह मंत्री अमित शाह सामने आए और मामले को अपने हाथ में लिया, सभी जानकार कोल से ले कर गैस की कमी और भंडारण की कमी के उदाहरण दे रहे हैं, वहीं दिल्ली सरकार इस बात को ले कर चिंतित है की हम दिल्ली की गैस कम्पनियों से ज़्यादा दिन तक महँगी गैस ख़रीद कर दिल्ली वासियों को और अधिक दिन तक बिजली की आपूर्ति नही कर सकते, दूसरा दिल्ली सरकार का बड़ा इल्ज़ाम ये है कि NTPC अपनी छमता से बहुत कम बिजली उत्पादन कर रहा है जिसका असर दिल्ली वासियों पर पड़ रहा है, पोर्टल ने इस विषय को समझने के लिए दिल्ली से उत्पादन करने वाली गैस कम्पनी गैल और NTPC दोनो से बात की जिसका विवरण इस प्रकार है ।
NTPC : का ये मत है की दिल्ली को बिजली सप्लाई करने वाली कम्पनियाँ जिसे डिसकोमप कहते हैं NTPC के उत्पादन का केवल सत्तर प्रतिसत बिजली ही इस्तेमाल कर पा रही हैं, दिल्ली की डिसकोमप हमारे अलावा कई और जगह से भी बिजली ख़रीदते हैं।
GAIL :दिल्ली के बिजली मंत्री का ये बयान है कि हम ज़्यादा दिनों तक महँगी गैस ख़रीद कर दिल्ली के नागरिकों को और अधिक दिन तक बिजली सप्लाई नही कर सकते, उपरोक्त विषय में गैल में हमारे सूत्रों ने बताया गैल गैस का उत्पादन नही करता बल्कि सकारों और गैस उत्पादन करने वाली कम्पनियों के बीच गैल एक पुल का कार्य करता है, दिल्ली सरकार का जो अग्रीमेंट हमारे साथ है हम उस अग्रीमेंट के मुताबिक़ ही सप्लाई कर रहे हैं लेकिन यदि दिल्ली सरकार अग्रीमेंट के अलावा हम से गैस माँगती है तो हमें मार्केट से गैस लेना पड़ेगी और मार्केट के हिसाब से ही हमें आगे देना पड़ेगी ये बहुत ही सरल फ़ार्मूला है जब आप लंबी अवधि के लिए गैस ख़रीदेंगे तो हम लम्बी अवधि वाला मूल्य आपके साथ तय करेंगे पर यदि आप अचानक हम से कहेंगे कि हमें इसके अलावा भी गैस चाहिएँ तो हम कैसे आपको पुराने अग्रीमेंट पर सप्लाई कर सकते हैं।
डिसकोमप : हम दिल्ली को बिजली सप्लाई करने के लिए कई जगह से बिजली ख़रीदते हैं, ये ज़रूरी नही है कि हम केवल NTPC से ही बिजली ख़रीदें क्यूँकि हमें जहां से बिजली सस्ती दरों पर मिलेगी हम वहाँ से ख़रीद कर बिजली सप्लाई करेंगे।
सवाल कई हैं जिनके जवाब आप को और हमें खोजने होंगे।
१-जब दिल्ली के डिसकोम अलग अलग जगह से बिजली ख़रीदते हैं तो फिर केवल NTPC के उत्पादन पर सवालिया निशान क्यूँ ?
२-अगर गैल गैस का उत्पादन नही करती माँग के हिसाब से मार्केट से ले कर पूर्ति करती है तो महँगी दरों पर गैस ले कर सस्ती दरों पर कैसे सप्लाई कर सकती है, जो भी मार्केट का मोजूदा मूल्य होगा उसके हिसाब से ही मूल्यांकन होगा, ऐसा जानकारो की राय है।
३-क्या कोयले की कमी की वजह से दिल्ली के डिसकोमप को दूसरी जगह से बिजली ख़रीद कर दिल्ली वालों को सप्लाई करना माहंगा पड़ेगा जिसकी वजह से दिल्ली के डिसकोमप अपनी बिजली के मूल्यों में इज़ाफ़ा चाहते हैं ?
४-क्यूँकि दिल्ली के डिसकोमप का अक्सर बकाया NTPC पर रहता है उस बकाए के अलावा कुछ और दिनों के लिए NTPC से बिजली उधार ख़रीदना चाहते हैं दिल्ली के डिसकोमप ?
५-दिल्ली सरकार दिल्ली के नागरिकों को दिल्ली में दो सो यूनिट तक बिजली मुफ़्त दिए जाने वाली योजना को लगातार जारी रखने के लिए भारत सरकार से बिजली ख़रीद पर कुछ रियायत चाहती है ?
६- क्या इस संकट के बाद दिल्ली की बिजली दरों में इज़ाफ़ा कर दिया जाएगा ?
इसमें कोई शक नही कि दिल्ली सरकार की दिल्ली में दो सो यूनिट तक बिजली मुफ़्त देने की योजना का कोई काट केंद्र या भाजपा की सरकारों के पास नही है और आने वाले दिनों में पंजाब, उत्तराखंड,उत्तर प्रदेश में दिल्ली की इस फ़्री योजना मॉडल को आम आदमी पार्टी अपने प्रचार का अहम हिस्सा बना रही है।
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