दिल्ली की इन कॉलोनियों पर मंडरा रहा कार्रवाई का खतरा, सूत्रों ने जताई टूटने की आशंका

पूर्वी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी के पूर्वी दिल्ली इलाके में अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर एक बार फिर सुगबुगाहट तेज हो गई है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि कई कॉलोनियों पर प्रशासन की नजर है, और इन पर टूटने की गाज गिर सकती है।
इनमें दीपक कॉलोनी (दिलशाद गार्डन, डीडीए कार्यालय के पीछे), एच-ब्लॉक कैलेंडर कॉलोनी (दिलशाद गार्डन पार्ट-I और पार्ट-II), बंगाल दिलशाद गार्डन (शाहदरा), डॉ. राजिंदर प्रसाद कॉलोनी (दिलशाद गार्डन), दिलशाद गार्डन ई-120 (गुरुद्वारा के पास), ई-39 झुग्गी कॉलोनी (दिलशाद गार्डन), कृष्णा मार्केट के पीछे (झिलमिल कॉलोनी), ब्लॉक-बी झिलमिल कॉलोनी (बाल्मीकि बस्ती), राज नगर सोनिया कॉलोनी (सोनिया कैंप, राजीव कैंप, डॉ. अंबेडकर कैंप), पुरानी सीमापुरी और डीएलएफ दिलशाद गार्डन के बीच पुश्ता (इंदिरा नेहरू कैंप पार्ट-I और पार्ट-II), पुरानी सीमापुरी (क्रीमेशन ग्राउंड और सनलाइट कॉलोनी के पास), आलधिक नगर (दिल्ली-यूपी बॉर्डर, जीटी रोड, शाहदरा), जैन मंदिर ब्लॉक-बी-1/35 (दिलशाद गार्डन), ग्राम खेड़ा (मानसरोवर पार्क), ई-2 ब्लॉक नंद नगरी, ब्लॉक-डी 1 और 2 नंद नगरी, ओएसपीडी-ब्लॉक के सामने (नई सीमापुरी), ब्लॉक-एफ नई सीमापुरी, ई-ब्लॉक सीमापुरी, डी-ब्लॉक नई सीमापुरी (पार्ट-I और पार्ट-II), सरहद पुरी रोड नंबर 64 (शांति समिति के पास, नई सीमापुरी के सामने पार्ट-I और पार्ट-II), न्यू जनता क्वार्टर्स (नई सीमापुरी, शांति समिति), ब्लॉक जी-3, जी-5 सुंदर नगरी, एफ2 ब्लॉक सुंदर नगरी, एफ1 ब्लॉक सुंदर नगरी, ताहिरपुर रोड नंबर 64, और रोड नंबर 64 ताहिरपुर (लेप्रोसी कैंप) शामिल हैं।

सूत्रों का कहना है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब), और नगर निगम (एमसीडी) इन कॉलोनियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। हालांकि, प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन हाल की गतिविधियों से संकेत मिल रहे हैं कि इन इलाकों में कार्रवाई की तैयारी हो सकती है। इस खबर ने स्थानीय निवासियों में चिंता पैदा कर दी है, और लोग प्रशासन से स्पष्ट जवाब की मांग कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी खबरें पहले भी सामने आ चुकी हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई कम ही देखने को मिली है। फिर भी, इस बार प्रशासनिक हलचल को देखते हुए निवासी सतर्क हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अनधिकृत निर्माणों पर कार्रवाई शहरी नियोजन के लिए जरूरी हो सकती है, लेकिन इसका मानवीय पहलू भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
फिलहाल, स्थिति पर सभी की नजरें टिकी हैं, और निवासी प्रशासन के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।
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