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 राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय सम्मान का रखें ध्यान भुगतनी पड़ सकती है 3 साल कारावास

नई दिल्ली : राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय सम्मान का रखें ध्यान जाने अनजाने अपने राष्ट्रीय गौरव का अपमान करने की स्थिति में सजा भुगतनी पड़ सकती है इसके लिए 3 साल का कारावास व अर्थदंड अथवा दोनों सजा एक साथ का है प्रावधान है , केंद्र सरकार ने हाल ही में फ़्लैग कोड में कुछ बदलाव किए हैं।
बदलाव
पहले तिरंगे को सूर्योदय के बाद व सूर्यास्त से पहले ही तिरंगा फहराने का नियम था, नए कोड के अनुसार अब रात के समय भी तिरंगा फहराया जा सकेगा।
अब तक पॉलिस्टर कपड़े से बने झंडे को फहराने पर पाबन्दी थी, लेकिन नए कोड के अनुसार,अब राष्ट्रीय ध्वज मशीनों से तैयार हुए कपास, पॉलिस्टर, ऊनि, और रेशमी से बने राष्ट्रीय ध्वज को भी फहराने की अनुमति है।
राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होना चाहिए।
किसी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा नहीं लगाना जाएगा।
राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाए तो उसकी स्थिति विशिष्ट या सम्मान पूर्ण हो राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय डंडे में दूसरा ध्वज नहीं होना चाहिए।
जब झंडा क्षतिग्रस्त या खराब हो जाए तो उसे एकांत में अभीमान्यत तरीके से पूर्णतयः नष्ट कर दिया जाए।
इन बातों का रखें ख्याल झंडे का इस्तेमाल सजावट, पताका या पुष्प गुच्छ के रूप में नहीं होगा।
झंडे का प्रयोग किसी प्रकार की पोशाक के रूप में नहीं होगा।
 झंडे को तकिया रुमाल अथवा ड्रेस पर कढ़ाई के तौर पर नहीं होगा।
 झंडे पर किसी प्रकार के अक्षर नहीं लिखे जाएंगे।
 झंडे का प्रयोग किसी स्मारक प्रतिमा को ढकने के लिए नहीं किया जाएगा।
झंडे को इस तरह से बाँधा या फहराया न जाए जिससे वह क्षतिग्रस्त हो।
 झंडे को जमीन पर नहीं गिरने दिया जाए।
झंडे को पानी में डूबने न दिया जाए।
झंडे को फहराने के समय केसरिया रंग ऊपर की ओर होना चाहिए।
किसी वाहन पर झंडा दाहिने और मजबूती से लगे डंडे पर ही लगाएं।
किसी वाहन पर झंडा वाहन के पीछे नही लगाया जा सकता।
परेड, जुलूस में झंडा दाहिने और लेकर चलना होगा, किसी भी विज्ञापन के तौर पर झंडे का उपयोग नहीं होगा,सभा में मंच पर तिरंगा इस प्रकार फहराया जाएगा कि जब वक्ता का मुँह श्रोताओं की और हो तो तिरंगा उनके दाहिने और होगा
झंडे को स्फूर्ति से फहराया जाए, और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाए,
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