किशोरीलाल फाउंडेशन की पेशकस “हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा” अटल जयंती पर विशेष

नई दिल्ली : अटल मतलब बरकरार, क़ायम, अड़े रहना, ठीक नाम के मुताबिक़ थे हिंदुस्तान के साबिके वज़ीरे आज़म स्वर्गीय जनाब अटल बिहारी वाजपेयी, आज भी जब विपक्ष बीजेपी को किसी बात के लिए ललकारता है तो कहता है ‘ये अटल बिहारी बाजपेयी वाली बीजेपी नहीं है, ये तो मोदी वाली बीजेपी है ‘ कुछ ऐसी थी हमारे पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जी की छाप। 25 दिसंबर को उनके जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है, बहुत सारी संस्थाएँ, ट्रस्ट बीजेपी और उनसे मुहब्बत करने वाले प्रबुद्ध जन उनके जन्म दिवस पर सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

ऐसी ही एक संथा जो पिछले कई वर्षों से समाज के हितों, दबे कुचले व असहाय लोगों के लिए कार्य करती लोग इसे किशोरी लाल फाउंडेशन के नाम से जानते हैं, किशोरी लाल फाउंडेशन हर वर्ष पूर्व प्रधामन्त्री स्वर्गीय श्री वाजपेयी जी के जन्म दिवस पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर ग़रीबो को कुछ ना कुछ प्रदान करती है ना सिर्फ़ गरीब लोग बल्कि समाज में अच्छा और सराहनीय कार्य करने वाले प्रभुद्ध जन के साथ साथ राजनैतिक व पत्रकार जगत के लोगों को भी इस यादगार प्रोग्राम का हिस्सा बनाती है।

इसी कड़ी में इस वर्ष  दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी के जन्मदिन के अवसर पर स्वर्णिम वर्ष में स्वर्णिमता की ओर बढ़ता भारत नामक विषय पर सेमिनार एवं अटल अवार्ड 2022 सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में श्री शांत प्रकाश पूर्व राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रभारी, अनुसूचित जाति मोर्चा भाजपा, डॉक्टर जितेंद्र मोहन भारद्वाज, अतिरिक्त निदेशक सुरक्षा राज्यसभा, श्री मनोज वर्मा वरिष्ठ पत्रकार, लोकसभा टीवी, जगदंबा सिंह दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा पूर्वांचल मोर्चा एवं एसएम आसिफ, राष्ट्रीय अध्यक्ष- राष्ट्रीय अल्पसंख्यक फ्रंट सहित कई जानी -मानी हस्तियों ने अपने विचार व्यक्त किएl
कार्यक्रम में समाज सेवा एवं पत्रकारिता जगत की महान हस्तियों को अटल अवार्ड 2022 से सम्मानित किया गयाl
भाजपा नेता श्री शांत प्रकाश ने बताया कि अटल जी को किस प्रकार विपक्ष के नेता होते हुए भी यूएन और वियना कांफ्रेंस में भारत की बात रखने केलिए भेजा गया और वहाँ उन्होंने किस तरह हिंदी में भारत की बात रखी जिसकी विश्व में सराहना की गई।अटल जी को आज भी कई पक्ष और विपक्ष के नेता अपना आदर्श मानते हैं। अटल जी एक राजनेता ही नहीं बल्कि विचारक, पत्रकार,कवि एवं समाज सेवी भी थे, उन्होंने अपनी सरकार को बचाने के लिए कभी समझोता नहीं किया एक वोट से सरकार गिर गई।उन्होंने देश पहले,राजनीति बाद में का सभी नेताओं को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार अटल जी के बताए रास्ते पर ही चलकर देश को विकास की दृष्टि से आगे लेकर चल रही हैl आज का जो विषय है स्वर्णिम वर्ष में स्वर्णिमता की ओर बढ़ता भारत सही साबित हो रहा हैl देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी देश को नई ऊंचाइयों पर लेकर गए हैं और निरंतर प्रयासरत रहते हैं कि “सबका साथ सबका विकास” के कथन के साथ देश विकास की दिशा में आगे बढ़ता रहेl
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉक्टर जितेंद्र मोहन भारद्वाज, अतिरिक्त निदेशक सुरक्षा राज्यसभा, ने कहा कि जन -जन के नेता अटल बिहारी वाजपेयी जी का जीवन देश हित और राजनीतिक शुचिता का जीता- जागता उदाहरण है। वाजपेयी जी के आदर्शों और उनके दिखाए मार्ग पर चल कर ही आज भाजपा अपने इतिहास के स्वर्णिम काल में है। आजादी के अमृत महोत्सव काल में आज भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। आज देश प्रगति के जिस पथ पर अग्रसर है, उसका स्वप्न अटल जी ने देखा था और उनके बताए रास्ते और सिद्धांतों पर चल कर भारत ने पूरे विश्व में अपनी धाक जमायी है। अटल जी की विदेश नीति का लोहा उनके धुर विरोधी भी मानते थे और उनकी विदेश नीति के सिद्धांतों को अंगीकार करते हुए आज भारत जी20 की मेजबानी करने के लिए तैयार है। इंफ्रास्ट्रक्चर के अंतर्गत सड़कों का जाल हो या नदियों को जोड़ना हो चाहे देश की रक्षा का प्रश्न हो पूरे विश्व के विरोध के बावजूद भी देश को परमाणु शक्ति संपन्न बनाना हो या कारगिल युद्ध में अपनी एक एक इंच जमीन को दुश्मनों से कैसे छीना जाता है, उनके दृढ़ संकल्प का परिचायक था। आज उसी सिद्धांत पर चल कर देश चीन और पाकिस्तान के साथ- साथ विश्व की अन्य महा शक्तियों की आंखों में आंखें डाल कर बात कर रहा है। अटल जी ने अपने जीवन काल में इंसानियत और जम्हूरियत का शिद्दत से पालन किया, उनका यही सिद्धांत उनके कद को सभी राजनेताओं से कहीं उपर रखता है। कुशल वक्ता, लेखक, कवि, राजनेता और समाजसेवक सभी रूपों में उन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उनके भाषण एवं उनके विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उस वक्त थे। ये उनके ऊंचे कद का ही परिणाम है, जब उनकी अंतिम यात्रा में देश का प्रधानमंत्री अपनी कैबिनेट और कई राज्यों के मुख्यमंत्रीयों के साथ पैदल चला हो। अटल जी अपने कार्यों के कारण ही समस्त देशवासियों के ह्रदय सम्राट बने। उनके दिखाए मार्ग पर चल कर ही आज देश आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और रक्षा क्षेत्र में चहुंमुखी विकास की ओर अग्रसित है। देश की विकास यात्रा में समस्त देशवासियों का सहयोग ही अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

लोकसभा टीवी के वरिष्ठ पत्रकार मनोज वर्मा ने कहा कि स्वर्णिम वर्ष में स्वर्णिमता की ओर भारत बढ़ रहा है, उसका कारण देश में पूर्ण बहुमत की मजबूत सरकार का होना है। श्री मनोज वर्मा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी सहज, सरल और संवेदनशील राजनीतिज्ञ, सहृदय व्यक्तित्व के धनी, भावपूर्ण कवि और प्रख्यात पत्रकार थे, जिनके मन में सदैव देश सर्वोपरि रहता था। सबको साथ लेकर चलना उनकी सबसे बड़ी खूबी था और इसीलिए अटल जी को उनके विरोधी भी सम्मान देते थे एवं उनका आदर करते थे । अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल में जिन परियोजनाओं पर काम किया गया, वही अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन काल में धरातल पर उतर रही हैं। अटल जी का एक  सपना अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के रूप में पूरा हो रहा  है तो दूसरी ओर जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त हो चुका है।प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी के शासन काल में आगे बढ़ते कार्यों में अटल जी के कार्यों और विचारों की छाप भी देखने को मिल रही है। बात चाहे विदेश नीति की हो, देश की अर्थनीति की हो या गांव- गरीब- किसान की हो, देश इन क्षेत्रों में विकास के साथ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नया स्वर्णिम इतिहास लिख रहा है ।
इस अवसर पर उपस्थित भाजपा दिल्ली प्रदेश, पूर्वांचल मोर्चा के उपाध्यक्ष एवं “युग सरोकार” पत्रिका के संपादक जगदंबा सिंह ने कहा कि भारत के स्वर्णिम भविष्य को लेकर अटल जी का एक सपना थाl प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने उस सपने को पूरा करने के लिए काफी हद तक प्रयास कियाl प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार अटल जी के सपने को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है l अटल जी अकसर कहा करते थे कि गाड़ी का पहिया जितना तेज घूमेगा, विकास की रफ्तार उतनी ही तेज होगीl प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना एवं नेशनल हाईवे का विकास उनका बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट था l इस काम को वर्तमान सरकार और आगे बढ़ाने में लगी हुई है l परमाणु परीक्षण कार्यक्रम के पीछे उनकी सोच यही थी कि जब ताकत बढ़ती है तो दुनिया सम्मान करने लगती है और हुआ भी ऐसा हीl अटल जी को यह भली -भाँति पता था कि परमाणु परीक्षण के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध भी झेलने पड़ेंगे, इस बात को ध्यान में रखकर उन्होंने इससे निपटने की तैयारी पहले से ही कर रखी थी, इसीलिए प्रतिबंधों के बावजूद भारत को दुनिया के समक्ष झुकना नहीं पड़ा l
कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने सहयोगी कंपनियों ओएनजीसी, इंडियन ऑयल, भारत पैट्रोलियम, ऑयल इंडिया, हिंदुस्तान पैट्रोलियम, ईआईएल, गैल, पावर फाइनेंस कारपोरेशन, एवं एसजेवीएन का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में भी संस्था को इसी तरीके का सहयोग देने की अपेक्षा की है और उन्होंने कहा है कि जिस तरीके से देश के नवरत्नों में कंपनियों का नाम गिना जा रहा है, कंपनियां भी तरक्की करते हुए देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं l
कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में पत्रकार, समाजसेवी एवं बुद्धिजीवी वर्ग के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेl

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