केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में ‘नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। कार्यक्रम में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के मुख्यमंत्री, चंडीगढ़ के प्रशासक, BSF, NIA व NCB के अधिकारियों के साथ ही राज्यों के ANTF प्रमुख और NCORD सदस्य भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ड्रग्स की तस्करी और प्रसार किसी भी समाज के लिए बहुत घातक होता है। ड्रग्स तस्करी के बाद जब उसका प्रसार समाज में होता है तो वो पीढ़ियों को खोखला कर देता है और दीमक की तरह देश और समाज की जड़ों को खोखला करने का काम करता है। कोई भी स्वस्थ, समृद्ध, सक्षम और सुरक्षित राष्ट्र ड्रग्स तस्करी के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए बिना अपने उद्देश्य सिद्ध नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि ड्रग्स के ख़िलाफ़ लड़ाई सामाजिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। ये देश के अर्थतंत्र को खोखला बनाने का प्रयास कर रहे हैं, देश की सुरक्षा की दृष्टि से भी यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ड्रग्स के कारोबार से उत्पन्न डर्टी मनी देशविरोधी गतिविधियों में उपयोग में आती है। एक ओर ड्रग्स तस्करी और इसके प्रसार को रोककर हम आने वाली पीढ़ियों को बर्बादी से बचाना चाहते हैं, इसके साथ-साथ नशे के व्यापार से जो डर्टी मनी जेनरेट होती है, उसे देश के ख़िलाफ़ उपयोग किया जाता है, उसे रोकना भी हमारे देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
श्री अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2014 में जब श्री नरेन्द्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने, तब से भारत सरकार ने ड्रग्स के ख़िलाफ़ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया और धीरे-धीरे हम व्यवस्था में मौजूद छिद्रों को भरकर ड्रग्स के ख़िलाफ़ लड़ाई को अभेद्य और द्रुत गति से चलने वाली लड़ाई चलने वाली लड़ाई बनाया है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद कभी भी इतनी स्पष्ट दिशा और गति से ड्रग्स के ख़िलाफ़ लड़ाई नहीं चली थी लेकिन आज एक स्पष्ट दिशा और तेज़ गति के साथ हम ड्रग्स के ख़िलाफ़ लड़ाई को आगे बढ़ाने में सफल हुए हैं। इसके परिणाम भी ए हैं। मादक पदार्थों का व्यक्ति, समाज, अर्थतंत्र और देश की सुरक्षा पर बुरा असर होता है इसीलिए इसे दृढ़ता के साथ मूल समेत उखाड़ना ज़रूरी है। श्री शाह ने कहा कि भारत सरकार का गृह मंत्रालय, सामाजिक कल्याण मंत्रालय, रेवेन्यू विभाग, स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के साथ मिलकर इस लड़ाई को बहुत अच्छे डिज़ाइन के साथ एनसीबी के माध्यम से लड़ना शुरू किया है। ये लड़ाई गृह मंत्रालय अकेला नहीं लड़ सकता। जो बच्चे नशे में डूब चुके हैं, हमें उन्हें भी बाहर निकालना है और इसके लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की भी ज़रूरत है। आगे और युवाओं को ड्रग्स की लत न लगे, इसके लिए शिक्षा मंत्रालय, सामाजिक न्याय मंत्रालय और गृह मंत्रालय को साथ मिलकर काम करना होगा। इससे पैदा होने वाली डर्टी मनी से देश की सुरक्षा में सेंध न लगे और ऐसा विचार रखने वालों को रोकने के लिए भी गृह मंत्रालय बहुत कठोरता के साथ काम कर रहा है।