नरेन्द्र मोदी जी को मुझसे भी अच्छे तरीके से देश की जनता जानती है-अमित शाह
लोग कहते हैं कि मुझसे अच्छा श्री नरेन्द्र मोदी जी को कौन जानता है लेकिन ये उनका भ्रम है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को मुझसे भी अच्छे तरीके से देश की जनता जानती है और यह उनके व्यक्तित्व, कृतित्व और सिद्धियों से जानती है। जिस भारतवर्ष की परिकल्पना हमारेसंविधान निर्माता मनीषियों ने की थी, वह 2014 तक आते-आते धूमिल होती जा रही थी, महात्मा गाँधी जी की रामराज्य की कल्पना और गरीब कल्याण राज्यकी अवधारणा पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी थी और जनता के मन में आशंका घर कर गई थी कि कहीं बहुपक्षीय लोकतांत्रिक संसदीय व्यवस्था विफल तो नहींहो जायेगी। पर, इस कठिन परिस्थिति में देश की जनता ने बड़े धैर्य का परिचय देते हुए 30 साल बाद माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को पूर्ण बहुमत केसाथ देश की बागडोर सौंपा। आजाद भारत में पहली बार किसी गैर-कांग्रेसी पूर्ण बहुमत की सरकार, पहली बार भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला और पहली बारदेश में गैर कांग्रेसी विचारधारा की एक स्वतंत्र सरकार का गठन हुआ।-शाह किसी भी राज्य अथवा देश के विकास में एक बहुत बड़ी बाधा अशिक्षा है। जो व्यक्ति संविधान प्रदत्त अपने अधिकारों को नहीं जानता है या नहीं समझता है, वह देश या समाज के विकास में उतनी सहभागिता नहीं दे सकता, जितनी होनी चाहिए। अनपढ़ व्यक्ति लचर सिस्टम का विक्टिम है। उन्हें शिक्षित करना शासन का दायित्व है। जो इस दायित्व को पूरा नहीं करता, वह इस देश और इस समाज का गुनाहगार है।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में रामभाऊ प्रबोधिनी की ओर से ‘प्रदत्तकारी लोकतंत्र: सरकार के मुखिया के रूप में नरेंद्र मोदी के दो दशकों की समीक्षा’ (Delivering Democracy: Reviewing the two decades of Narendra Modi as Head of Government) विषय पर आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन, विजन के क्रियान्वयन और देश के आम जन के जीवन-स्तर को ऊपर उठाने की उनकी नीतियों पर विस्तार से चर्चा की। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फड़णवीस, भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ विनय सहस्रबुद्धे, भाजपा के संगठक श्री वी. सतीश औरकई गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित थे। श्री शाह ने रामभाऊ प्रबोधिनी को साधुवाद देते हुए कहा कि यह प्रयास काफी समयोचित है और इस विषय पर विस्तार से चर्चा बहुत जरूरी है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जिन संघर्षों से जूझते हुए और जन-जन के विकास के विजन को लेकर यहाँ तक पहुंचे हैं, उनकी चर्चा करना अत्यंत आवश्यक है। 2001 में भारतीय जनता पार्टी ने श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया। उस समय गुजरात संकटों से जूझ रहा था और विनाशकारी भूकंप से उबरने का प्रयास कर रहा था। जब श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने एक-एक करके समस्याओं का विश्लेषण किया और उसका समाधान कर गुजरात को एक विकसित राज्य के रूप में प्रतिष्ठित किया। जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो किसी ने भी यह कल्पना नहीं की थी कि वे एक सफल मुख्यमंत्री बनेंगे। मुख्यमंत्री रहते हुए श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जिस तरह पारदर्शी शासन व्यवस्था चलाई और पद्धति नहीं, परिस्थितियों को बदलने वाले रिफॉर्म्स की शुरुआत की और सर्व स्पर्शी एवं सर्व समावेश विकास का शुभारंभ हुआ, उसने न केवल गुजरात के नागरिकों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिली, अर्थचक्र गतिशील हुआ बल्कि बहुत सालों बाद गुजरात में जीरो डेफिसिट बजट भी आया। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विकास के जिस मॉडल की नींव रखी, उसकी हर नीति के केंद्र में राज्य के गाँव, गरीब, किसान और आदिवासी थे। उनका स्पष्ट मानना रहा है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचना चाहिए और विकास ऐसा हो जो सबको समाहित करे। 2012 आते-आते विकास के गुजरात मॉडल की अनुगूंज पूरे देश और दुनिया में सुनाई देने लगी।जब श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो गुजरात में ड्रॉप आउट रेशियो लगभग 37% था। इस परिस्थितिको बदलने के लिए श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया। इसके तहत उन्होंने व्यवस्था बनाई कि मुख्यमंत्री से लेकरपटवारी तक गाँवों में सात दिन जाकर एक दिन में पांच स्कूलों में प्रवेश महोत्सव आयोजित की जायेगी। इससे एनरोलमेंट में तो वृद्धि हुई लेकिन ड्रॉप आउट कीचिंता अभी भी थी। इसे दूर करने के लिए श्री मोदी जी ने हर स्कूल में माताओं की एक समिति बनाई जिसका अध्यक्ष उस स्कूल की महिला शिक्षिका कोबनाया गया जो बच्चों के स्कूल न आने पर घर जाकर अभिभावकों को समझाती थी। इससे ड्रॉप आउट रेशियो 0-1% के बीच आ गया। जब ये व्यवस्था 6 साल में स्थायी हो गई तो शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए गुणवोत्सव कार्यक्रम किये गए जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार आया।
एक बार विधानसभा में एक विधायक ने उठ कर कहा कि मोदी जी, शाम को भोजन के वक़्त तो बिजली लाइए क्योंकि उस वक्त गुजरात में नाम मात्र की ही बिजली आती थी। इस पर श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वादा किया कि हम पूरे गुजरात में 24 घंटे बिजली देंगे। विधान सभा में विपक्ष के नेतासहित कई लोगों को मानना था कि इस लक्ष्य की प्राप्ति असंभव है। जब श्री मोदी जी ने पूरे गुजरात में 24 घंटे बिजली देने की बात कही थी तब मैं भीअचंभित था लेकिन उन्होंने एक नया रास्ता निकाला। उन्होंने एग्रीकल्चर ग्रिड और घर में आने वाली बिजली के ग्रिड को अलग-अलग किया और इसतरह व्यवस्था बनाई कि 24 घंटे बिजली आने लगा। इससे गांवों में बड़ा बदलाव हुआ। इससे गाँवों में स्वास्थ्य सेवा में सुधार हुआ, गाँवों से होने वाला पलायन रुका और गाँवों में कई नए व्यवसाय शुरू हुए जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कृषि को भी विकास के साथ जोड़ा क्योंकि कृषि के बिना देश के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। पहले किसान बीज लाने और योजनाओं का लाभ लेने सरकार के पास जाते थे, श्री मोदी जी की पहल के बाद सरकार उन तक पहुँचने लगी। कृषि महोत्सव आयोजित किये गए। इसका परिणाम यह हुआ कि गुजरात ने 10 साल तक लगातार औसतन 10 फीसदी के हिसाब से कृषि विकास किया। यह उपलब्धि तब किसी भी राज्य ने अर्जित नहीं की थी।
गुजरात में वन क्षेत्र और सागर किनारे वाले क्षेत्र विकास की दृष्टि से काफी उपेक्षित थे। इसके लिए श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए वन बंधु कल्याण योजना और सागरखेरू योजना का शुभारंभ किया। आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने व्यक्ति, गाँव, क्षेत्र और राज्य – चार प्रकार के विकास कार्यक्रम चलाये। आजादी के बाद गुजरात पहला ऐसा राज्य बना जिसने आदिवासियों को संवैधानिक अधिकार दिए औरआबादी के अनुपात में बजट का आवंटन किया। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बच्चों को एक अच्छा नागरिक बनाने के लिए स्वर्णिम गुजरात अभियान के तहत”वांचे गुजरात” (पढ़े गुजरात) अभियान चलाया ताकि गुजरात के एक-एक घर में अच्छे पुस्तक पहुंचें और नई पीढ़ी में संस्कार के बीज बोये जा सकें।उन्होंने चिल्ड्रेन यूनिवर्सिटी का एक्सपेरिमेंट किया। इन सभी अभियानों और इनिशिएटिव की पूरे देश में चर्चा हुई और लोगों को लगा कि जब गुजरात मेविकास हो सकता है तो देश में क्यों नहीं?
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 तक कांग्रेस के यूपीए सरकार के कार्यकाल में पॉलिसी पैरालिसिस की स्थिति बन गई थी, प्रधानमंत्री को कोईप्रधानमंत्री मानने के लिए तैयार ही नहीं था, मनमोहन सिंह सरकार में सब स्वयं को ही प्रधानमंत्री मानने लगे थे, देश की सुरक्षा खतरे में थी, दुनिया में देश कासम्मान काफी नीचे चला गया था, 12 लाख करोड़ रुपये के घपलों – घोटालों से देश की जनता त्रस्त थी, हर दिन एक नया घोटाले की खबर छायी रहती थी, आंतरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे थे, आये दिन हड़ताल और आंदोलन हो रहे थे और देश के डेमोक्रेटिक सिस्टम के खत्म होने का खतरा बन गया था।जनता में यूपीए सरकार को लेकर भारी आक्रोश था लेकिन देश के प्रधानमंत्री पद के लिए श्री नरेन्द्र मोदी जी का नाम आते ही देश की जनता का आक्रोश, आशा में बदलने लगा। मैंने स्वयं इस परिवर्तन की अनुभूति की है। 2014 में देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनका 7 साल का कार्यकाल विकास की एक नईकहानी की अमर गाथा है जिसका रेखांकन जरूरी है।
श्री शाह ने कहा कि गवर्नेंस, गुड गवर्नेंस अथवा रिफॉर्म्स ही किसी देश की समस्या का समाधान नहीं हैं बल्कि देश के गौरव को संभालना, देश कीसंस्कृति को आगे बढ़ाना, देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और सर्वस्पर्शी एवं सर्व समावेशी विकास को चरितार्थ करना भी देश को विकास के पथ परअग्रसर करता है। इसके लिए एक अलग प्रकार के दृष्टिकोण की जरूरत होती है जो गरीबों के दर्द को समझने वाला जन नेता हो। मेरा स्पष्ट मानना है किआर्थिक सुधारों का केंद्र बिंदु देश का गरीब से गरीब व्यक्ति होना चाहिए तभी देश का विकास संभव है।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सात साल के अब तक के कार्यकाल में हर क्षेत्र के अंदर परिवर्तन हुआ है और सुधार कियागया है। उन्होंने न केवल देश के पासपोर्ट की वैल्यू को बढ़ाया बल्कि देश के जन-जन में सुरक्षा की भावना भी सुनिश्चित की। जब उरी और पुलवामा मेंकायराना आतंकी हमले हुए तो आतंकियों को घर में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से जवाब दिया गया जिससे पूरी दुनिया में यह संदेशगया कि भारत अब अपनी सीमा की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करने वाला। हमारे देश की रक्षा नीति हमेशा से विदेश नीति की छाया में रहती थीलेकिन हमारे प्रधानमंत्री जी ने स्पष्टता के साथ स्वतंत्र रक्षा नीति का प्रतिपादन किया।
केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन स्तर को ऊपर उठाना, देश को सुरक्षित करना, देश को समृद्ध बनाना, देश को शिक्षित. बनाना, देश की विभिन्न संस्कृतियों को आगे बढ़ाना, देश को संस्कारित करना और देश के गौरव को दुनिया में आगे ले कर जाना – जब ये सब एक साथ होते हैं, तब एक सफल शासन बनता है। और, जो इन सबको एकत्रित कर पूरे देश को एक सूत्र में पिरोता है, वही सफल शासक बनता है। उन्होंने कहाकि श्री नरेन्द्र भाई मोदी जी अपने-आप को भले ही विनम्रतापूर्वक देश का प्रधान सेवक कहें लेकिन आजादी के बाद देश के सफल से सफल प्रधानमंत्रीकोई हैं तो वे श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं। उन्होंने इन सारे बिन्दुओं को एक साथ समाहित कर भारत के गौरव और भारत के विकास का गुलदस्ता बनाया है।उनके नेतृत्व में देश का समग्र विकास सुनिश्चित हुआ है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गरीब कल्याण नीतियाँ बनाते समय उसके ‘साइज’ और ‘स्केल’ को बदल दिया। कांग्रेस की सरकारों केसमय ये बात होती थी कि गरीबों को 10 हजार घर देंगे, अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी कहते हैं कि 2022 से पहले हर गरीब को घर देंगे। कांग्रेस कीसरकारों के समय भी शौचालय बनाने की योजना थी लेकिन एक साल में कभी 5 लाख तो कभी 10 लाख शौचालय ही बनते थे। आजादी के 70 सालबाद भी 13 करोड़ शौचालय बनने बाकी थे। हमारे प्रधानमंत्री जी ने तय किया कि हर गरीब को घर देंगे और हर घर में बिजली, पानी, शौचालय और गैसका कनेक्शन देंगे। हमारे प्रधानमंत्री जी ने तमाम नीतियां देश हित में बनाई न किसी व्यक्ति या किसी समूह के हित में। उन्होंने ऐसी योजना नहीं बनाईजो लोगो को अच्छे लगे बल्कि ऐसी योजनायें बनाई जो लोगों के लिए अच्छे हों।
देशहित में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लिए गए कड़े फैसलों पर चर्चा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनावके बावजूद माननीय प्रधानमंत्री जी ने नोटबंदी का फैसला लिया। सभी विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध किया। सपा, बसपा, कांग्रेस, तृणमूल, राजद – सभी नेइससे राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश की लेकिन उत्तर प्रदेश चुनाव के नतीजों ने सबको चुप कर दिया। इससे सिद्ध हो गया कि जनता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रमोदी जी के साथ थी क्योंकि उन्हें पता था कि इसमें देश के प्रधान सेवक का कोई स्वार्थ नहीं था। इसी तरह प्रधानमंत्री जी ने विपक्ष के विरोध के बावजूदमुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक के अभिशाप से मुक्ति दिलाने का निर्णय लिया। चाहे वन रैंक, वन पेंशन का निर्णय हो या चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफका फैसला हो, कारबी ओंग्लोंग समझौता हो, ब्रू-रियांग समझौता हो, सीएए लागू करना हो या नक्सल इलाकों में 3 दशक में पहली बार मृतकों कीसंख्या को 200 से नीचे लाना – माननीय प्रधानमंत्री जी ने हर फैसले देश हित में लिए।
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35A हटाने की किसी में भी हिम्मत नहीं थी। देशवासी तो हौसला हार चुके थे कि धारा 370 कभीख़त्म भी हो सकता है लेकिन माननीय प्रधानमंत्री जी की दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर 05 अगस्त 2019 को धारा 370 हमेशा के लिए समाप्त हो गया।इसी तरह श्रीराम जन्मभूमि विवाद का भी स्थायी समाधान हुआ। देश में न कहीं दंगा हुआ, न फसाद और भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया। ऐसे फैसले वही कर सकता है जो बड़े फैसले लेने की क्षमता रखता हो।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘भारत की संस्कृति का देवदूत’ बनकर वर्ष 2014 के बाद विश्व पटल पर योग औरआर्युवेद को दुनिया भर में पहुंचाने का काम किया है। आजादी के बाद भारत की संस्कृति का ध्वज वाहक बनकर हमारे किसी प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में यदि भाषण दिया है तो हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दिया है। पर्यावरण, वेदों और उपनिषदों के संदेश को श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरी दुनियामें विस्तारित किया। विश्व सोलर अलायंस इसी का एक उदाहरण है।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश की जीडीपी को मानवीयता के साथ जोड़ा। उनका हमेशा से मानना रहा है किविकास दर बढ़नी चाहिए लेकिन साथ ही इसका लाभ गरीब और जरूरतमंदों को भी मिलना चाहिए। यदि 35 हजार करोड़ रुपये से देश में करोड़ोंशौचालय बन रहे हैं तो क्या इससे देश की जीडीपी में सुधार नहीं हो रहा? क्या इससे आर्थिक विकास नहीं हो रहा? लेकिन, इसके साथ ही, लगभग 10 करोड़महिलाओं को सम्मान के साथ जीने का अधिकार भी मिला। इसी तरह यदि 9 करोड़ गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन मिला तो इससे भी न केवल देश कीअर्थव्यवस्था में सुधार हुआ बल्कि महिलाओं का सशक्तिकरण भी हुआ और उनके जीवन स्तर में भी सुधार हुआ। उज्ज्वला गैस, स्वच्छ भारत अभियान और हरघर नल से जल – केवल इस योजना से स्वास्थ्य की लगभग 70% समस्या का समाधान हो जाता है। 81 जिलों में अब तक शत प्रतिशत हर गाँव में नल सेजल पहुँच चुका है। जल्द ही बाकी बचे हर गाँव में नल से जल पहुँचा दिया जाएगा। बिजली से वंचित 18 हजार गाँवों और सौभाग्य योजना से घर-घरबिजली पहुंचाई गई है। आयुष्मान भारत से लगभग 60 करोड़ लोगों को पांच लाख रुपये तक का सालाना स्वास्थ्य बीमा मिला रहा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दुनिया को कोविड को परास्त करने का रास्ता दिखाया है। हमने 100 करोड़ वैक्सीनेशन काऐतिहासिक आंकड़ा पार कर लिया है। 130 करोड़ देशवासियों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज मुफ्त उपलब्ध करना – यह अपने आप में एक बड़ाअभियान है जिसकी कल्पना दुनिया का कोई भी देश नहीं कर सकता। हमारी सरकार के 7 वर्षों में लगभग 43 करोड़ से अधिक बैंक एकाउंट खोले गए,डीबीटी के जरिये सही और सभी लाभार्थियों तक बिना किसी बिचौलिए के सरकार द्वारा दी गई आर्थिक सहायता पहुंची, महिलाओं-बुजुर्गों और दिव्यान्गों केएकाउंट में सीधे लाभ पहुंचाया गया है। अब तक डीबीटी के माध्यम से लगभग 19 लाख करोड़ रुपये लाभार्थियों तक पहुंचाए गए हैं। कोरोना के समय लगातार दूसरे साल अप्रैल से लेकर दिवाली-छठ तक 80 करोड़ लोगों तक मुफ्त राशन पहुंचाया गया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में कृषि एवं किसानों के कल्याण के लिए कई कार्य हुए। हमारी सरकार नेस्वामीनाथन कमिटी की सिफारिशों को लागू करते हुए एमएसपी को डेढ़ गुना से भी अधिक बढ़ाया। किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 10 करोड़ से अधिक किसानों के एकाउंट में हर वर्ष 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता पहुंचाई जा रही है। अब तक 9 किस्तों में डेढ़ लाख करोड़ रुपये सेअधिक की आर्थिक सहायता किसानों के एकाउंट में सीधे पहुंचाई गई है। कांग्रेस किसानों के ऋण माफ करने की डिमांड करती थी और कुछ ऋण माफकरने की व्यवस्था करती थी जबकि हम किसानों के लिए ऐसी व्यवस्था का निर्माण कर रहे हैं जहाँ उन्हें कोई ऋण न लेना पड़े। यही उनकी और हमारीसोच में बुनियादी अंतर है।
माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश के विकास में कई ऐतहासिक कदम उठाये चाहे वह सहकारिता मंत्रालय का गठन हो, रक्षा क्षेत्र मेंआत्मनिर्भरता के लिए 7 नई कंपनियों का शुभारंभ हो, एफडीआई के लिए किये गए आर्थिक सुधार हों या फिर इंश्योरेंस और डिफेन्स सेक्टर की मजबूती केलिए उठाये गए कदम। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पॉलिसी इनिशिएटिव की नयी शुरुआत की। इस देश मे ड्रोन को लेकर कभी कोई बातनहीं हुई, लेकिन पहली बार ड्रोन पॉलिसी बनी। पीआईएल, इंटीग्रेटेड एग्रीकल्चर, अंतरिक्ष और माइनिंग सेक्टर में विकास के लिए नयी नीतियाँ बनाईगई। हमारी सरकार में पहली बार नई शिक्षा नीति आई। मैं अभिभावकों से आग्रह करना चाहता हूँ कि माँ- बाप अपने बच्चों से अपनी भाषा में बात करेंक्योंकि भाजपा केवल रोजगार के लिए ही नहीं बल्कि अपनी अभिव्यक्ति का भी जरिया है, अपनी संस्कृति और रिवाज को समझने का भी जरिया है।माननीय प्रधानमंत्री जी ने नई स्वास्थ्य नीति बनाई ताकि ग्रासरूट तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधा पहुँच सके। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जल संरक्षण और जलसंवर्धन के लिए जलशक्ति मंत्रालय का गठन किया और भ्रष्टाचार रोकने के लिए JAM (जन धन, आधार और मोबाइल) सहित कई कदम उठाये।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने देश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का अभियान शुरू किया है। हम अभी भी विदेशी कंपनियों वाले सिस्टमसे ट्रांजेक्शन कर रहे हैं लेकिन UPI इस दिशा में देश की आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत बाग्लादेश सीमा विवाद का समाधान हो, मिशन कर्मयोगी की शुरुआत हो या फिर एयरपोर्ट निर्माण, देश में मैन्युफेक्चरिंग हब की स्थापना और डिफेन्स कॉरिडोर का निर्माण – हर क्षेत्र मेंआउट ऑफ़ द बॉक्स इनिशिएटिव लिए गए हैं। हमें यदि लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोकाभिमुख परिणाम लाने हैं तो हमें देश हित में बने गई पॉलिसी का पूरक बनने के लिए कामकरना चाहिए, इसकी मूल भावना को आत्मसात करना चाहिए। यदि हम यह संकल्प लें कि हम काले धन के खिलाफ रहेंगे और स्वच्छता के संस्कार कोअपनाएंगे तो निश्चित रूप से हमें चमत्कारिक परिवर्तन देखने को मिलेंगे। आजादी का अमृत महोत्सव शुरू हो गया है। अमृत महोत्सव के दो मुख्य लक्ष्य हैं – एक तो आजादी के नायकों का सम्मान करना और उनसे नई पीढ़ी का परिचय कराना और दूसरा, यह संकल्प लेने का कि देश जब आजादी के 100 साल पूरे करेगा तो हम कैसा भारतवर्ष चाहते हैं। मैं चाहता हूँ कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश के हर नागरिक यदि छोटे से छोटा संकल्प भी लेलेकिन इसे जीवन पर्यंत अपने आचरण में, अपने जीवन में उतारे। यदि 130 करोड़ देशवासी एक-एक संकल्प भी लेते हैं तो 130 करोड़ संकल्पों कासंपुट भारत माँ को विश्वगुरु के पद पर प्रतिष्ठित करने में निश्चित रूप से सहायक होगा।