भारत सरकार द्वारा बेरोज़गारों को बरसरे रोज़गार देने के लिये अग्निपथ स्कीम पर कांग्रेस ने सवाल उठाने शुरू कर दिये हैं, एक तरफ़ सरकार इस स्कीम के ज़रिये बेरोज़गार युवाओं को रोज़गार देने के लिये कदम उठा रही है तो वहीं दूसरी तरफ़ कांग्रेस के लीडरान सरकार के इस कदम को बेरोजगार युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ बता रहे हैं।
कांग्रेस के लीडर सचिन पायलेट ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए फ़रमाया कि सरकार ने दावा किया है कि 4 साल के बाद एक चौथाई को रिटेन करेंगे, तीन चौथाई को प्रेफरेंस मिलेगी सीआरपीएफ में, स्टेट पुलिस में, सवाल ये उठता है कि फौज में भी इंजिनियरिंग है, आर्टिलिरी है, आर्मर्ड है, स्पेशलाइज ट्रेनिंग होती है, जो 6 महीने में पूरी नहीं होगी और 6 महीने के बाद भी आपको अतिरिक्त ट्रेनिंग करनी पड़ेगी आर्टलरी के अंदर, आर्मी के अंदर या इंजीनियरिंग के अंदर, फिर चार साल से कम हो जाएगा और बाद में 3 चौथाई लोग बाहर जाएंगे, अगर उनको आईटीबीपी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ में भर्ती किया जायेगा तो इसका मतलब क्या आप भविष्य में सीआरपीएफ की भर्ती में लोगों का रास्ता रोक रहे हैं ?
सीधा सीधा समझें तो अगर आप आईटीबीपी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ की भर्ती मे अग्निपथ को प्रेफरेंस देंगे तो जो फ्रेश रिक्रूटमेंट होगी, उसमें कमी हो जाएगी। सरकार ने एक शॉर्ट टर्म सॉल्यूशन सोचा है, काल्पनिक है, धरातल पर व्यावहारिक नहीं ।