दिलशाद कॉलोनी में ABDE ब्लॉक में अराजकता: अवैध पार्किंग से जाम की स्थिति, आपातकालीन सेवाएं भी बाधित

NewsIP | शाहदरा, दिल्ली – दिलशाद कॉलोनी के ABDE ब्लॉक में पैदल चलने वालों के लिए रास्ता तक नहीं बचा है। कॉलोनी की गलियों में गाड़ियों की अवैध पार्किंग इस कदर हावी है कि सड़कें चलने योग्य नहीं रह गई हैं। स्थानीय निवासी लगातार शिकायत कर रहे हैं कि यदि किसी आपात स्थिति में एंबुलेंस या फायर ब्रिगेड की ज़रूरत पड़े, तो उनका अंदर आना असंभव हो चुका है।
पाठकों को याद दिला दें कि पिछले दिनों इसी क्षेत्र में एक मकान में आग लगने की घटना के दौरान फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर नहीं पहुंच सकी थी, जिसके चलते कई ज़िंदगियाँ लाशों में तब्दील हो गई थीं वर्तमान में, जबकि दिल्ली भर में MCD द्वारा सड़कों पर खड़ी अवैध गाड़ियों को हटाया जा रहा है, दिलशाद कॉलोनी का ABDE ब्लॉक अब तक इस कार्रवाई से अछूती क्यों है ? यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
स्थानीय RWA की चिंता
NewsIP से बात करते हुए कॉलोनी की RWA ने बताया कि यहाँ न सिर्फ स्थानीय लोग, बल्कि भोपुरा, पसोंडा और अन्य बाहरी इलाकों से आने वाले वाहन भी खड़े किए जा रहे हैं। खास तौर पर गाड़ी डीलरों ने इस कॉलोनी को एक अनाधिकारिक पार्किंग ज़ोन बना दिया है। डीलर अपने वाहनों को मनमाने ढंग से किसी भी खाली स्थान पर खड़ा कर देते हैं और विरोध करने पर झगड़े पर उतारू हो जाते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार पार्षद से लेकर MCD अधिकारियों तक शिकायत की, लेकिन आश्वासनों के अलावा कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
पार्षद वीर सिंह पवार की प्रतिक्रिया
स्थानीय पार्षद वीर सिंह पवार ने NewsIP को बताया कि मेयर द्वारा इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं और उन्होंने स्वयं भी संबंधित अधिकारियों को सूचित किया है। उनका कहना है कि कॉलोनी में खड़ी गाड़ियों को हटाने के लिए फिलहाल केवल एक वाहन उपलब्ध है, जबकि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दो या तीन क्रेनों की आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही समुचित कार्रवाई की जाएगी।
MCD अधिकारी का पक्ष
इस मुद्दे पर जब NewsIP ने MCD अधिकारियों से बात की तो उन्होंने खुलासा किया कि जब भी कॉलोनी में अवैध रूप से खड़ी गाड़ियों को हटाने की कोशिश की जाती है, तो राजनीतिक हस्तक्षेप शुरू हो जाता है। अधिकारियों पर दबाव डाला जाता है कि वे रसूखदारों की गाड़ियों को न उठाएं और उठी हुई गाड़ियों को जल्द से जल्द छोड़ा जाए। ऐसी स्थिति में कार्रवाई करना कठिन हो जाता है।
फिर भी, MCD अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि स्थानीय पुलिस के सहयोग से जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी और अवैध पार्किंग को हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
समाप्ति टिप्पणी:
दिलशाद कॉलोनी की स्थिति एक बार फिर यह सवाल खड़ा करती है कि क्या राजधानी दिल्ली में भी प्रशासनिक कार्रवाई राजनीतिक दबाव के आगे कमजोर पड़ रही है? स्थानीय लोग अब ठोस और त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ताकि इस अराजकता का अंत हो और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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