दिल्ली में 4 से 15 नवंबर तक ऑड-ईवन स्कीम लागू करने की है योजना
(सीएनजी के निजी वाहनों को छूट नहीं, सार्वजनिक वाहनों पर लागू नहीं होगी यह व्यवस्था)

ऑड ईवन के दौरान लोगों को परेशानी से बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने 2 हजार बसों का इंतजाम किया है। अधिकारियों ने इसके लिए निजी बस चालकोें से संपर्क कर लिया है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलने से बढ़ने लगा है प्रदूषण
मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले तीन चार दिनों में दिल्ली में प्रदूषण बढ़ना शुरू हो गया है। सीएम ने कहा कि पिछले तीन माह से दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम था लेकिन पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण बढ़ने से दिल्ली की हवा प्रदूषित होने लगी है। सीएम ने केद्र सरकार व पड़ोसी राज्यों के सरकारों से आग्रह किया है कि दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑड इवन के दौरान एप आधारित टैक्सी संचालकों की मनमानी की शिकायत आती है। इस बार ऐसा नहीं होगा। इसके लिए उबर के अधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है। उन्हें बता दिया गया है कि किसी भी कीमत पर डेढ गुना से ज्यादा कीमत की वसूली नहीं हो सकती है। साथ ही सर्च प्राइसिंग न करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि अन्य कंपनी के संचालकों के साथ भी बैठक कर यह निर्देश दे दिए जाएंगे।
दफ्तर टाइमिंग पर चल रही बात
सीएम श्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि ऑड इवन के दौरान सार्वजनिक वाहनों पर एक समय दबाव न बने इसके लिए दफ्तरों के समय बदलने पर विशेषज्ञों से बात चल रही है। जल्द ही इसे तय कर लिया जाएगा।
सीएम ने कहा कि ऑड इवन के दौरान कार पुलिंग को बढ़ावा दें। दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ कार पुलिंग करें। इससे प्रदूषण भी कम होगा और रिश्ते भी ठीक होंगे।
जुर्माने पर जल्द होगा निर्णय
सीएम ने कहा कि अब नया परिवहन नियम लागू हो गया है। इस कारण जुर्मांने को रिवाइज किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि हमारा मकसद जुर्माना लगाना नहीं है। पहले कोई ऑड इवन का पालन नहीं करता पाया गया तो उसे समझाया जाएगा और वापस कर दिया जाएगा।
छूट के यह है नियम
– जिस वाहन में अकेली महिला हो।
– जिस वाहन में सिर्फ महिलाएं हो।
– जिस वाहन में महिला के अलावा 12 वर्ष से कम उम्र के कोई भी बच्चे हों।
पहले भी महिलाओं को मिली थी छूट
महिलाओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से 2016 में भी छूट दी गई थी। दिल्ली में महिलाएं अपने वाहनों में ज्यादा सुरक्षित महसूस करती हैं, इस कारण ऐसा किया गया था। इसके अतिरिक्त, महिला ड्राइवरों और स्कूल जाने वाले बच्चों के साथ स्कूली वाहनों को छूट मिली थी। इस बार भी महिला सुरक्षा को ध्यान में रखकर छूट दी गई है।
पिछली बार दो पहिया को भी थी छूट
पिछली बार सभी दोपहिया वाहनों को वैकल्पिक दिन बार से छूट दी गई थी। इस बार भी छूट की संभावना है। सरकार का मानना है कि शहर की बसों और मेट्रो रेल की मौजूदा क्षमता के साथ, सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क पर इतनी बड़ी संख्या में लोगों को ले जाना संभव नहीं था।दिल्ली में चलने वाले दोपहिया वाहनों की संख्या का नवीनतम अनुमान 70 लाख से अधिक है। अगर दो पहिया वाहनों को छूट नहीं दी जाती है तो इससे हर दिन सार्वजनिक परिवहन पर स्विच वाले 35 लाख से अधिक लोग होंगे। मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क की वर्तमान क्षमता की समीक्षा करने और दो पहिया वाहनों को इस वर्ष छूट दिए जाने पर अंतिम निर्णय बाद में लेने की बात कही है
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