प्रधानमंत्री जी द्वारा दिया गया बयान विदेश मंत्री, देश के रक्षा मंत्री और देश के सेना चीफ, आर्मी चीफ के विपरीत है-कांग्रेस

नई दिल्ली : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और पूरा देश हमारी सेनाओं, सैनिक परिवारों और शहीद परिवारों के साथ है और सेना की मज़बूती के लिए कोई भी कुर्बानी करने को तैयार हैं।  एक बात बिल्कुल साफ है कि प्रधानमंत्री जी का ये बयान देश के विदेश मंत्री, देश के रक्षा मंत्री और हमारी सेना के प्रमुख के बयान से बिल्कुल विपरीत है। अगर प्रधानमंत्री जी की कही गई बात सही है, तो हम कुछ प्रमुख सवाल सरकार से पूछना चाहेंगे-

अगर चीनी सेना ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पार भारतीय सीमा में घुसपैठ नहीं की थी या नहीं की है, तो 5 और 6 मई, 2020 का चीनी और भारतीय सेना के बीच में फेस ऑफ के क्या मायने हैं? 5 मई और 6 जून के बीच में वो क्या मुद्दे थे, जिन परहमारे भारतीय सेना के कमांडर और उनके काउंटर पार्ट चीनी सेना के कमांडर वार्तालापकर रहे थे? इस आपसी चर्चा का, दोनों सेनाओं के बीच आपकी चर्चा का विषय हीक्या था? अगर चीनी सेना ने भारतीय भूभागीय खंड का और टेरिटोरियल इंटीग्रिटी परकब्जा नहीं कर रखा था।

हम ये भी पूछना चाहेंगे कि अगर कोई चीनी सेना ने भारतीय सीमा में कब्जा नहीं कररखा तो 15 और 16 जून के बीच में जो खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें हमारे सैनिकों कीशहादत हुई, वो कहाँ पर हुआ? क्या ये सही नहीं कि हमारे 20 सैनिक शहीद हुए औरलगभग 85 सैनिकों को गंभीर चोटें आई हैं? ये भारत मां के सपूत हैं। उम्मीद है कि भारतसरकार को इसका ख्याल होगा।

अगर चीनी सेना ने भारतीय टेरिटरी के अंदर कब्जा नहीं किया तो फिर देश के विदेशमंत्री ने साफ तौर से बयान देकर चीनी सेना को पूर्णतया पुरानी यथास्थिति बनाए रखनेकी मांग क्यों रखी थी?

विदेश मंत्री के द्वारा “स्टेटस को- एंटे” या संघर्ष से पहले की यथास्थिति बनाए रखनेकी मांग के क्या मायने हैं? जब भारत सरकार ने ये कहा कि भारतीय और चीनी सेना कीडिस्एंग्जेंमेंट (disengagement) की कार्यवाही चल रही है, यानि चीनी सेना अपनीपुरानी स्थिति पर लौट जाएगी, तो इसके और क्या मायने पढ़े जाएं कि चीन ने हमारीसेना में घुसपैठ नहीं कर आया है?

कल भी प्रधानमंत्री जी के बयान के बावजूद चीन ने भारत पर गलत तरीके से इल्जाम लगाते हुए ये कहा कि गलवान घाटी का पूरा क्षेत्र चीन का है, जो सही नहीं। भारत सरकार का चीन के इस क्लेम के बारे में क्या स्टीक जवाब है? क्या भारत सरकार कोआगे बढ़ इस चीनी सरकार के इस क्लेम को सिरे से खारिज नहीं करना चाहिए?

दो दिन पहले प्रधानमंत्री जी ने यह कहा था कि हमारे सैनिकों की शहादत व्यर्थ नहींजाएगी।प्रधानमंत्री जी के दिमाग उसके क्या मायने में है? हमारे सैनिकों की शहादत कहाँ और क्यों हुई? क्या इसका प्रधानमंत्री जी जवाब देंगे और प्रधानमंत्री जी कैसे येसुनिश्चित करेंगे कि हमारे शहीद कर्नल बी. संतोष और 19 सैनिकों की शहादत वोव्यर्थ ना जाए? उन्होंने जो भारत मां की रक्षा के लिए शहादत दी है, वो शहादत देश केकाम आए।हम ये सवाल पूछते हुए एक बार फिर दोहराते हैं कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सरकारद्वारा भारतीय भूभागीय अंखडता के लिए उठाए गए हर कदम के साथ हैं। हमारी सेनाके साथ हम अटूट तरीके से खड़े हैं। देश की रक्षा और हमारी भूभागीय अंखडता कीसुरक्षा हर भारतीय के दिल में सबसे पहली प्राथमिकता है।इसलिए राष्ट्रहित में हम येसवाल पूछ रहे हैं, ताकि देश एक संयुक्त और एकजुटता का परिचय दे सके।

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