नई दिल्ली : पिछले लगभग 35 दिनों में, 5 मई, 2020 से देश की सरहद के ऊपर परिस्थिति बहुत ही संवेदनशील है। गृहमंत्री श्रीराजनाथ सिंह जी ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि अच्छी खासी संख्या में चीनीसैनिक भारत की सीमाओं में घुस आए हैं। ऐसे-ऐसे नाम जो शायद बहुत सारेभारतवासियों ने सुने भी ना हों कभी– पैंकसाइंन सो लैक (पैंगसोंग सो लेक), गलवानवैली, हौच स्प्रींग्स, नाकुला, ये नाम आज हर बच्चे-बच्चे की जुबान पर है और वोइसलिए कि ये वो सारी जगह हैं, जहाँ पर चीन के सैनिकों ने भारत की महाभूमि के ऊपरअतिक्रमण किया है और इस बात से पूरा देश चिंतित है। गंभीर सुरक्षा से जुड़े बहुत सेविशेषज्ञों ने चाहे उसमें लेफ्टिनेंट जनरल पनाग, जो नोर्दन आर्मी के कमांडर थे, लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश मैनन, जो भारतीय स्थल सेना के बहुत वरिष्ठ जनरल रहे हैं, पूर्वसेना अध्यक्ष जनरल वीपी मलिक, उसके अलावा कर्नल अजय शुक्ला, जो पहले फौजमें थे, अब आपके सहयोगी हैं; भारत के खुफिया तंत्र से जुड़े हुए बहुत ही वरिष्ठ लोगों नेसरकार से पिछले 15-20 दिन में अलग-अलग पत्रिकाओं में अपने हस्ताक्षर समेत लेखलिखकर सवाल पूछे हैं। इनमें से कई ऐसे विशेषज्ञ जिनमें जनरल हुड्डा भी शामिल हैं, जो नोर्दन आर्मी कमांडर रहे हैं, उनका ये मानना है कि चीन ने लगभग भारत की 40 से60 किलोमीटर भूमि के ऊपर कब्जा किया है। China has encroached into about 40-60 kilometers of India.
इनमें से बहुत लोग ऐसे हैं, जिनका कोई सियासत से लेना-देना नहीं है। वे लोग किसीराजनीतिक दल से जुड़े हुए नहीं और उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश की सेवा और फौजकी सेवा में लगाई है और बड़े जोखिम भरी राहों में उन्होंने बड़े साहस से अपने कर्तव्य कानिर्वहन किया है। जब ऐसे लोग सरकार से बड़े सीधे और तीखे सवाल पूछें और उनमेंऐसे लोग भी हों, जो भारत की फौज के मुखिया रहे हैं, तो इसका सीधा-सीधा तात्पर्यनिकलता है कि परिस्थिति गंभीर है।
देश में कुछ दिन पहले चीन और भारत के जनरल के बीच बातचीत हुई। भारत की तरफसे लेफ्टिनेंट जनरल उस बातचीत में शामिल होने गए, चीन की तरफ से मेजर जनरलशामिल होने आए। मैं रैंक की डिफरेंसिएशन में नहीं पड़ना चाहता, हर फौज की अपनी-अपनी सिन्योरिटी होती है। पर पहली बार शायद ऐसा हुआ है कि भारत और चीन केबीच इतने वरिष्ठ स्तर के ऊपर दोनों फौज के जनरल के बीच में बातचीत हुई। आज जोकुछ अखबारों में छपा है, उसके हिसाब से दोनों जनरलों ने तीन घंटे अलग-अलग बातकी और उसके बाद फिर जो उनके प्रतिनिधिमंडल थे, वो बातचीत में शामिल हुए।इसके साथ-साथ ये खबर भी आई कि शायद एक-दो जगह से कुछ डिसइंग्जेमेंट हुई है।ये शायद हॉट स्प्रींग से चीनी सैनिक वापस गए हैं और कुछ भारतीय सैनिक भी वहाँ सेवापस आए हैं, पर अनेक और जगहों पर परिस्थिति अभी भी गंभीर है।