कांग्रेस,BJP द्वारा SC के आदेश का उल्लंघन -आप

चुनाव आयोग को दानदाताओं के विवरण की सूचि नहीं की जमा

नई दिल्ली , इस साल की शुरुआत में,अप्रैल में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी पक्षों को निर्देश दिया था कि वे इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से प्राप्त दान से संबंधित विवरण प्रस्तुत करें,जिसमें दानदाताओं की पहचान,प्राप्त राशि,भुगतान का विवरण,बैंक खाते शामिल हों। एक सील लिफाफे में मई 30,2019 तक देने का आदेश जारी किया गया था।

आम आदमी पार्टी ने 29 मई, 2019 को भारत के चुनाव आयोग में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित एक व्यवस्थित और विस्तृत रिपोर्ट जमा की। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से जन्मी पार्टी के रूप में,पारदर्शिता दिन-प्रतिदिन की वित्तीय गतिविधियों में पूर्वता लेती है। हमारा पद्धतिगत रिकॉर्ड यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी ऐसा रूपया नहीं बचा हो जिसका हम ब्यौरा न दे पाएं और हमारे सभी काम ईमानदारी के साथ किये जाए|

बीजेपी और कांग्रेस, दोनों राष्ट्रीय पार्टियाँ SC के आदेश और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मखौल उड़ाते हुए चुनाव आयोग को उल्लिखित रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रही हैं। ये पार्टियां SC आदेश का उल्लंघन कर रही हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर कर रही हैं। यह उनके वित्तीय व्यवहार में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को स्पष्ठ करता है|

जब जब  AAP को कानूनी नोटिस भेजने की बात आती है, तब चुनाव आयोग सक्रिय हो जाता है लेकिन जब भाजपा कांग्रेस  इस तरह के गैर अनुपालन करें तो चुनाव आयोग चुप्पी साढ़े बैठा है। मैं चुनाव आयोग से आग्रह

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