हमने कहीं नहीं बोला कि मुसलमान हमारे साथ नहीं रह सकते-केंद्रीय मंत्री
(ब्रह्माकुमारीज वैश्विक शिखर सम्मेलन....पत्रकारों से चर्चा में पाकिस्तान पर भड़के केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापचंद्र सारंगी )

वैश्विक शिखर सम्मेलन में केंद्रीय राज्य पशुधन विकास, लघु, मध्यम उद्योग मंत्री प्रतापचंद्र सारंगी ने कहा कि मैं वैज्ञानिकों को कहना चाहूंगा कि मंगल में जीवन पर अनुसंधान करने की बजाय जीवन में मंगल है कि नहीं इस पर अनुसंधान करें। दुनिया में आज सबसे ज्यादा सद्भावना, शांति और प्रेम की जरूरत है जो आध्यात्म से ही आएगी। यूरोप में विज्ञान और आध्यात्म में प्रतिस्पद्र्धा है। हमारे देश में विज्ञान और आध्यात्म साथ चलता है, एक-दूसरे के पूरक हैं। विज्ञान बहुत गहरी रिसर्च है, इससे हम भौतिक तरक्की कर रहे हैं पर खुद को जानना आध्यात्म है। हम दुनिया को तो जान रहें हैं पर खुद को नहीं जान रहे हैं।

ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय आबू रोड शांतिवन परिसर में आध्यात्म से एकता, शांति और समृद्धि विषय पर चल रहे पांच दिवसीय शिखर सम्मेलन में संबोधित करने पहुंचे। सम्मेलन के चौथे दिन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज का ज्ञान बहुत ऊंचा है। ये सीधे परमात्मा से जोड़ता है। राजयोग मेडिटेशन ईश्वर से जोड़ता है। यहां का पूरा वातावरण प्रभावित करने वाला है। पहले पति, पत्नी के प्रति, बच्चे मां-बाप के प्रति अपने कर्तव्य का सहजता से पालन करते थे। आज के जमाने में बच्चे अपने माता-पिता के प्रति अपना कर्तव्य नहीं निभा रहे हैं, यही कारण है कि ऐसे कानून बनाना पड़ रहे हैं कि वह अपने कर्तव्यों का पालन करें। जब अपने कर्तव्यों को करवाने के लिए कानून बनाना पड़े तो समझ जाइए कि हमारा राष्ट्रीय चरित्र क्या हो गया है। प्रकृति के विरुद्ध हम कुछ करेंगे तो आपदा आतीहै। पर्यावरण का संरक्षण हम सभी को मिलकर करना होगा। आज प्लास्टिक और प्रदूषण मानव के लिए सबसे बड़ा खतरा है। हमारे प्रधानमंत्री सिंगल यूज प्लास्टिक नहीं उपयोग करने को बढ़ावा दे रहे हैं।
केंद्रीय राज्यमंत्री सारंगी ने कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से चर्चा में तल्ख बयान दिया। उन्होंने कहा कि जिनको इस देश में रहने में कष्ट होता है, वे देश छोड़कर जा सकते हैं। लेकिन उन्हें देश को विभाजित करने का हक नहीं है। जिनको वन्दे मातरम् नहीं कहना है, उन्हें दूसरा रास्ता खोज लेना चाहिए। ये मेरा व्यक्तिगत मत है।
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p style=”text-align: justify;”>वंदे मातरम् का मतलब है भारत माता की जय। हिंदुस्तान का विभाजन साम्प्रदायिक आधार पर हुआ है। हमने कहीं नहीं बोला कि मुसलमान हमारे साथ नहीं रह सकते। लेकिन और विभाजन हम नहीं होने देंगे। पाकिस्तान से बातचीत कैसे होगी। एक हाथ में बंदूक हो तो बातचीत कैसे होगी। पाकिस्तान के विषय में सबकुछ भगवान की कृपा से हो रहा है। जिस अनुच्छेद 370 को हटाना असंभव लगता था, वो आसानी से हो गया। लोग सोच करते थे कि रक्त की नदियां बहेंगी, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। मानवाधिकारवादियों को देश की आम जनता की तकलीफ दिखाई नहीं देती। लेकिन एक पुलिसवाले की गोली से एक आतंकवादी मर जाता है तो आकाश-पाताल एक कर देते हैं। लाखों कश्मीरी पंडितों, बहू-बेटियों के साथ अत्याचार हुआ तो कोई आगे नहीं आया। जवानों के मरने से उनकी बहू-बेटी विधवा होते हैं तो उनका दर्द भी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को नहीं दिखता। इन्होंने सिर्फ आतंकियों के मानवाधिकार के लिए ठेका ले रखा है। मेरा कहना कि देश की सुरक्षा के लिए अवांछनीय होते हुए भी थोड़ा बल प्रयोग करना चाहिए।
सही व्यवस्था के लिए सत्ता में पारदर्शिता जरूरी: अरुणा रॉय
नोबल पीस प्राइज, रमन मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता व मजदूर किसान शक्ति संगठन की संस्थापक अरुणा रॉय ने कहा कि यदि समाज में व्यवस्था बिगड़ रही है तो उसमें हम भी भागी हैं। क्योंकि जब हम अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक नहीं होंगे तो व्यवस्था बिगड़ती है। सही व्यवस्था के लिए सत्ता में पारदर्शिता जरूरी है। उन्होंने सभी से आह्नान किया कि अपने अधिकारों के लिए लड़े। उन्होंने अपने साथ आईं सुशीला नामक महिला से परिचय कराते हुए कहा कि सुशीला मात्र चौथी कक्षा तक पढ़ीं है और उन्होंने आरटीआई लागू करवाने सहित अन्य कानूनों का खाका तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं आज भी उनसे सीखती हूं।
सर्च संगठन की संस्थापक पद्मश्री डॉ. रानी बंग ने कहा कि आदिवासी गांवों में हिंसा नहीं होती, बलात्कार नहीं होते जबकि पढ़े-लिखे समाज में हिंसा और बलात्कार बढ़ रहे हैं इस पर गंभीर चिंतन की जरूरत है। नक्सल प्रभावित महाराष्ट्र के गढ़चिरौली क्षेत्र में ब्रह्माकुमारी संस्था के साथ मिलकर नशामुक्ति, स्वास्थ्य, तंदरुस्ती से लेकर लोगों के चरित्र निर्माण का कार्य किया जा रहा है।
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