Message here

बनारस और बस बनारस

har_geeta

एक बनारस मृत्यु है और एक बनारस जीवन;
एक बनारस जेठ दुपहरी, एक बनारस सावन!
एक बनारस गरम जलेबी, एक बनारस लस्सी;
एक बनारस चौक पे बसता, एक बनारस अस्सी!

एक बनारस मेला ठेला, एक बनारस मॉल;
एक बनारस गमछा ओढ़े, एक सिल्क की शॉल!
एक बनारस शहनाई है, एक बनारस कजरी;
एक बनारस ना धिन धिन्ना, एक है चैती-ठुमरी!

एक बनारस जाम में फँसा, एक भाँग पी टल्ली;
एक बनारस सड़क पे घूमे, एक बनारस गल्ली!
एक बनारस घाट पे उतरा और चढ़ गया नैया;
एक बनारस साँड़ से बचा तो पीछे पड़ गयी गैया!

एक बनारस सेल्फी लेता, एक बनारस मस्त;
एक बनारस हँसता- गाता, एक बनारस पस्त!
एक बनारस पिज़्ज़ा-नूडल, एक बनारस पान;
एक बनारस चार कचौड़ी और ठंडाई छान!

एक बनारस महादेव का, एक बनारस गंगा;
एक बनारस ऐसा ऐंठा, बच के लेना पंगा!
एक बनारस बाकी सबका, दिखता है जो बाहर
अपना तो है वही बनारस बसा जो अपने अंदर!!

(डॉ विजय सोनकर शास्त्री  पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता भारतीय जनता पार्टी)

error: Content is protected !!