प्रथम 70 दिन कई मायने में पिछली सरकारों के 70 वर्षों के कार्यों पर भारी-डॉ. थावरचन्द गेहलोत

(सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, भारत सरकार)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व की राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे करने जा रही है । सबका साथ, सबका विकास ओर सबका विश्‍वास के दृढ संकल्‍प के साथ 30 मई 2019 को नरेंद्र मोदी मंत्रीमंडल ने शपथ ली। नि:संदेह सरकार के प्रथम 70 दिन कई मायने में पिछली सरकारों के 70 वर्षों के कार्यों पर भारी रहा है। जिस विश्‍वास आकांक्षा के साथ देश की जनता ने सरकार को बहुमत दिया था उस पर मोदी सरकार शत: प्रतिशत खरी उतरी है । 17 वी लोकसभा का प्रथम सत्र पूर्णतः राष्ट्रीय एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक मजबूती, सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण और किसान कल्याण को समर्पित रहा है। इसके लिये संसद ने रिकार्ड 281 घंटे काम किया, जिसमें 36 बिल लोक सभा से (जोकि 1952 के बाद सर्वाधिक), 32 विधेयक राज्‍य सभा द्वारा तथा 30 विधेयक दोनों सदनों द्वारा पास किए गए, जो पिछले 10 वर्षों में सर्वाधिक हैं।
एक राष्‍ट्र, एक संविधान का जो सपना सरदार वल्‍लभ भाई पटेल, बाबा साहेब डा. अंबेडकर, डॉ. श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी, अटल बिहारी वाजपेयी और करोडों देशभक्‍तों का था उस सपने के अगस्‍त 5, 2019 को अनुच्‍छेद 370 और अनुच्‍छेद 35ए के निरस्‍त होने के साथ पूरा हुआ । वर्षों से जम्‍मू और कश्‍मीर के साथ लेह-लद्दाख के नागरिकों की अधूरी आकाक्षांओं को पूरा करने के लिए और वहॉं के दलित, आदिवासी महिलाओं के साथ देश के अन्‍य क्षेत्रों/प्रदेशों में रहने वालों को समान अधिकार दिलाने के लिए यह एतिहासिक कदम लिया गया । इस निर्णय का संसद से सड़क तक, गांव से शहर तक स्‍वागत और सराहना की गई ।
​मोदी सरकार समाज के सभी वर्गों के लिए सामाजिक न्याय और उनके सशक्तिकरण के लिए दृढ संकल्पित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के प्रथम संसद सत्र में सरकार के अपने 60वें दिन मुस्लिम महिलाओं को समान अधिकार सरंक्षण प्रदान करने के लिए, मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार का सरंक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत ‘तीन तलाक’ प्रथा को समाप्‍त किया गया । इस ऐतिहासिक दिन देश की करोड़ों मुस्लिम महिलाओं को जो सदियों से तीन तलाक़ जैसी कुप्रथा से डर-डर के जी रही थी, उनको छुटकारा मिला तथा उनके जीवन में यह विधेयक नई रौशनी लेकर आया । संसद के इसी सत्र में बाल अधिकार सरंक्षण को और अधिक मज़बूत बनाने के उद्देश्‍य से बाल सरंक्षण (पोक्‍सो) (संशोधन) विधेयक, 2019 पास किया गया । इसके तहत बाल यौन अपराधों के लिए मृत्‍यु दंड का प्रावधान किया गया । पोक्‍सो से जुड़े मामलों की त्‍वरित सुनवाई और निष्‍पादन के लिए देश भर में 1023 फास्‍ट ट्रैक कोर्ट स्‍थापित किए जा रहे हैं ।
ट्रांसजैंडर व्यक्तियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से लोक सभा से ट्रांसजैंडर व्‍यक्ति(अधिकार का सरंक्षण) विधेयक, 2019 को पास किया गया । इसमें ट्रांसजैंडर व्‍यक्तियों के खि़लाफ होने वाले भेदभाव के रोक के साथ-साथ उनके अधिकारों को परिभाषित किया गया है । सरकार ने अनुसूचित जाति/जनजाति/ ओ.बी.सी और इ.डब्ल्यु.एस. के हित संरक्षण को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) विधेयक 2019 को संसद के दोनों सदनों से पास कराया गया। इस विधेयक के तहत विश्वविद्यालयों/कॉलेजों को एक इकाई माना जाएगा, जिससे पूर्व की आरक्षण प्रणाली 200-प्वाइंट रोस्टर के आधार पर ही नियुक्तियां होंगी। ऐसे ही वेतन संहिता, 2019 अधिनियम से महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को समाप्‍त किया गया एवं उनके लिए पुरूष कर्मियों के बराबर ही वेतन सुनिश्‍चित किया गया है । इसमें कामगारों को वेतन सुरक्षा के लिए संगठित के साथ-साथ असंगठित क्षेत्र के लगभग 50 करोड़ कामगारों के लिए न्‍युनतम वेतन का वैधानिक सरंक्षण और समय समय पर वेतन का भुगतान भी सुनिश्चित किया गया है। वित्तिय धोखाधड़ीयो पर रोक लगाने और इससे गरीबों को सरंक्षण प्रदान करने के लिए सरकार ने अधिनियम जमा योजना प्रतिपद्ध विधेयक 2019 को मंज़री दी ।
जनजातीय लोगों के सशक्तिकरण और कल्याण को ध्यान में रखकर जनजातीय लोगों द्वारा तैयार किए जाने वाले उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए “गो ट्राइबल अभियान” का शुभारंभ किया गया है। ऐसे ही “जनजातीय कल्याण योजनाओं के लिए ई-गवर्नेंस पहल” का शुभारंभ किया गया, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जनजातियों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में ज्यादा ई-गवर्नेंस सुनिश्चित करना है । इसी प्रकार अल्पसंख्यक वर्ग कल्याण के लिए सरकार ने प्रथम 100 दिनों में देश भर में फैली वक्‍फ़ संपतियों का 100% डिजिटलीकरण करने का लक्ष्य तय किया है। एक अन्य योजना के तहत 50% बालिकाओं सहित 5 करोड़ अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को 5 वर्षों में विभिन्न तरह की छात्रवृत्तियाँ दी जाएगी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने पिछले 5 वर्षों में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, सोशल डिफेंस, दिव्यांगजन उत्तथान और सशक्तिकरण के कार्यों के कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस सरकार के प्रथम 100 दिनों को ध्यान रखते हुए मंत्रालय द्वारा दो प्रमुख लक्ष्य तय किए गए थे, जिसमें देश का प्रथम “राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान” की स्थापना, जिसको मध्यप्रदेश के सिहोर जिले में स्थापित करने की सभी कार्यवायी पूरी की जा चुकी है। दूसरा प्रमुख लक्ष्य मद्यपान तथा नशीले पदार्थ (दवा) दुरुपयोग निवारण रोकथाम और लोगों में बढ़ रहे सेवन के रोकथाम के लिए विशेष अभियान के तहत देशभर में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
जल प्रबंधन और स्वच्छ पेयजल वर्तमान की एक बड़ी चुनौती है और इस चुनौती को स्वीकार करते हुए इससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने सरकार के गठन के प्रथम दिन ही एक महत्वपूर्ण कदम लेते हुए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया। 30 दिन के भीतर जल संरक्षण और जल सुरक्षा के लिए एक विशेष जल शक्ति अभियान शुरू किया गया। जल शक्ति अभियान आज एक जन आंदोलन बन गया है। अन्नदाता किसान इस सरकार का हमेशा केंद्र बिंदु रहा है तथा किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए ठोस कदम उठाए गये हैं ।

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