(पीएमएवाई)का उद्देश्य 2020 तक सभी के लिए आवास
(2022 तक हर ग्रामीण परिवार के पास बिजली: )
(के. पी. मलिक)
नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) का उद्देश्य 2020 तक सभी के लिए आवास के लक्ष्य को हासिल करना है। लोकसभा में आज 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 5 वर्षों में 1.54 करोड़ ग्रामीण आवासों का निर्माण पूरा कर लिया गया है और 2019-22 तक पीएमएवाई-जी के दूसरे चरण में 1.95 करोड़ आवास पात्र लाभान्वितों को प्रदान करने का प्रस्ताव रखा गया है। इन आवासों में शौचालय, बिजली और एलपीजी कनेक्शन जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि पीएमजीएसवाई-तृतीय में अगले पांच वर्ष में 80,250 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 1,25,000 किलोमीटर सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रिहायशों में चौतरफा कनेक्टिविटी हासिल करने की गति तेज करने के लिए इन्हें पूरा करने का लक्ष्य 2022 से कम करके 2019 कर दिया गया है और सभी को यह जानकर खुशी होगी कि ऐसी रिहायशों में 97 प्रतिशत से अधिक ऐसी कनेक्टिविटी प्रदान की गई है, जिस पर किसी भी मौसम का असर न हो। ऐसा पिछले 1000 दिनों में तेज गति से प्रतिदिन 130 से 133 किलोमीटर सड़क निर्माण के कारण संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि निरंतर विकास के एजेंडे के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए पीएमजीएसवाई की 20,000 किलोमीटर सड़कों का हरित प्रौद्योगिकी, कचरे वाला प्लास्टिक और कोल्ड मिक्स टेकनोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए निर्माण किया गया है, जिससे कार्बन पदचिन्ह कम हुए हैं।
उज्ज्वला और सौभाग्य योजना के बारे में भास्कर से बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इन दोनों योजनाओं ने प्रत्येक ग्रामीण परिवार का जीवन बदल दिया है और 2020 तक भारत की आजादी के 75 वर्ष होने पर प्रत्येक ग्रामीण परिवार के पास बिजली और स्वच्छ खाना पकाने की सुविधा होगी। एलपीजी के 7 करोड़ से अधिक कनेक्शनों का प्रावधान करने से खाना पकाने की स्वच्छ गैस तक परिवारों की पहुंच का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। देश भर के सभी गांवों, और लगभग शत-प्रतिशत परिवारों को बिजली प्रदान की गई है। श्रीमती सीतारामन ने देशवासियों को आश्वासन दिया कि केवल ऐसे परिवार जो गैस कनेक्शन लेने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें छोड़कर प्रत्येक ग्रामीण परिवार के पास बिजली और खाना पकाने की स्वच्छ सुविधा होगी।