देश में स्टार्टअप्स के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों को देखना खुशी की बात -उद्योग जगत

सरकार ने महिलाओं की अगुवाई वाली पहल को उचित समर्थन और आश्वासन दिया है, जो महिला उद्यमियों के लिए समान अवसर प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण होगा। ऑनलाइन जमा करने और बिलों के भुगतान की सुविधा देने वाले समर्पित एसएमई पोर्टल से भारत में व्यापार करने में आसानी होगी। हेल्थकेयर और इस क्षेत्र में बढ़ते खर्च दो महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जो पूरी तरह से अनसुने कर दिए गए थे, हालांकि वे समय की जरूरत हैं। यह एक ज्ञात तथ्य है कि भारत में स्वास्थ्य सेवा खर्च वर्तमान में 2.2 प्रतिशत है, और आयुष्मान भारत सरकार के दस सूत्रीय एजेंडे में शामिल होने के बावजूद, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में किसी भी ठोस नीति की कमी देखना निराशाजनक था। हमें घरेलू देखभाल, सस्ती और सुलभ देखभाल, साथ ही साथ क्षेत्र से संबंधित अन्य पहलुओं पर कुछ कार्रवाई की उम्मीद थी।

नेहा रस्तोगी, संस्थापक, अगत्सा
एक अग्रणी घरेलू स्वास्थ्य सेवा स्टार्ट-अप के रूप में, हम मेक इन इंडिया अभियान के तहत एमएसएमई, स्टार्ट-अप और चिकित्सा उपकरणों पर जोर देने के साथ केंद्रीय बजट 2019 में विभिन्न उद्यमिता-अनुकूल प्रावधानों को देखकर बहुत खुश हैं। एंजेल टैक्स मुद्दे का समाधान स्टार्ट-अप को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद करेगा।
भारत में विनिर्माण क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम स्वागत योग्य है। बजट में एक राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन का प्रस्ताव है जो विभिन्न मंत्रालयों से प्राप्त धन का एक कोष होगा। इससे स्वास्थ्य सेवा में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है जिससे देश में रोग का बोझ कम होगा। इसके अलावा, एआई, वीआर, बिग डेटा और रोबोटिक्स आदि विषयों पर उन्नत प्रशिक्षण शामिल करने की योजना है, जो भारतीय उद्यमियों की क्षमताओं को बढ़ाएगा और उन्हें वैश्विक मानचित्र पर जगह देगा। सरकार ने महिलाओं के नेतृत्व वाली पहलों को बढ़ावा देने की दिशा में कुछ बेहतरीन कदम उठाए हैं। एक और उत्साहजनक कदम यह है कि ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से एक घंटे के भीतर 1 करोड़ रुपये तक के ताजा या वृद्धिशील ऋणों की पेशकश करने का प्रावधान है। कुल मिलाकर, इन्न्ाोवेटर्स और प्रौद्योगिकी-उन्मुख स्टार्ट-अप्स के लिए बजट काफी उत्साहजनक है। हालांकि हम स्वास्थ्य सेवा बजट को बढ़ाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहते थे जो इस बजट में पूरी तरह से गायब था।

श्री सौरभ अग्रवाल, मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ), मेडलाइफ.काॅम
मोदी सरकार 2.0 का पहला केंद्रीय बजट ग्रामीण और शहरी भारत में बुनियादी ढांचे के विकास और उद्योगों के सतत विकास के कई पहलुओं को छू गया। इसमें जलमार्ग, सड़कमार्ग, वायुमार्ग, मेट्रो कॉरिडोर और रेलवे के साथ-साथ अंतरिक्ष कार्यक्रमों के सर्वांगीण विकास के बारे में बात की गयी। हालांकि, एक महत्वपूर्ण पहलू जो समग्र बजट से गायब रहा, वो यह कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में खर्च बढ़ता गया है। हम आशा करते हैं कि अगले पांच वर्षों के दौरान निवारक और उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त रूप से ध्यान केंद्रित किया जाए, क्योंकि कोई देश जब स्वस्थ होता है, तभी वो वास्तव में समृद्ध होता है।
बजट के दौरान स्टार्ट-अप्स पर बहुत मजबूती से फोकस रहा, क्योंकि इसने एंजल टैक्स, वैल्यूएशन इश्यूज और फंडरेजिंग के अवसरों संबंधी सभी आम मुद्दों को संबोधित किया। हम वैश्विक प्लेयर्स, प्रमुख उद्योगों, वैल्थ फंड और डिजिटल वेंचर फंड्स को आकर्षित करने के लिए एनआईआईएफ के माध्यम से ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट की ओर कदम का स्वागत करते हैं। उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए दूरदर्शन समूह के तहत स्टार्ट-अप्स के लिए एक समर्पित टीवी चैनल भी देश के सुदूर इलाकों में बैठे लोगों को अपने विचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए प्रोत्साहित करने में एक प्रमुख भूमिका निभायेगा।
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